पोस्ट नेविगेशन याद रख आंखें भी खोलनी पड़ती है मेरे दोस्त…सूरज के निकलने भर से अंधेरा दूर नहीं होता… मत भूल.! किसी मुफलिस औरत के नकली हार में जड़ा असली कोहिनूर है तू….जोहरी तुझे ना पहचानने यह कमबख्त… उस जोहरी का कुसूर है…