किडनी के आयुर्वेदिक इलाज, जिसे गुर्दा भी बोला जाता है, इसके किसी भी रोग का इलाज, वो भी घर पर ही,

किडनी के आयुर्वेदिक इलाज, चलिए जानते है हिंदी में।
किडनी के आयुर्वेदिक इलाज के साथ यह भी जानना जरुरी है, की यह है, क्या, कुछ सालों में देखा गया है, कि किडनी की समस्या भारत देश में बहुतायत मैं पाई जाती है, जहां देखें किडनी पेशेंट मिलेंगे, आप किसी भी हॉस्पिटल में चले जाइए प्राइवेट या सरकारी, हर जगह आपको गुर्दे से संबंधित बीमारियों के मरीज देखने को मिल जाते हैं, इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम अपने शरीर का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रख पाते हैं, छोटी-छोटी बीमारियों में छोटी-छोटी परेशानियों में हम पेन किलर/ दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं, जो हमारी किडनी या गुर्दे के लिए बहुत ही हानिकारक है, दर्द निवारक दवाइयों का सीधा असर हमारी किडनी के ऊपर होता है, यह हमारे किडनी को इनफेक्टेड और कमजोर बना देते हैं, गुर्दों का डैमेज होने का सबसे बड़ा कारण मधुमेह रोग भी है,
भारत में सबसे तेजी से फैलने वाली बीमारियों में दिल की बीमारी के बाद यदि कोई बीमारी आती है, तो वह मधुमेह की बीमारी आती है, मधुमेह की बीमारी जिसको एक बार हो गई, उसको बहुत जल्दी किडनी की भी परेशानियां शुरू हो जाती है। नशीले पदार्थों शराब चरस गांजा आदि भी किडनी रोग के लिए विशेष रूप से जिम्मेदार हैं, परेशानी की बात यह है, कि चाहे कम नींद लेना हो चाहे हमारे फास्ट फूड हो, चाहे हमारे नशीले पदार्थों का सेवन हो, या दर्द निवारक दवाइयों का सेवन सभी हमारी किडनी पर सीधा हमला करते हैं, जिसके कारण हमारी किडनी बहुत ही कमजोर हो जाती है, और हमें गुर्दे की बीमारी की समस्या बन जाती है।
सही समय पर इसका ध्यान न देने के कारण यह समस्या और भी विकट होती चली जाती है हमें चाहिए कि हम अपनें गुर्दों का विशेष रूप से ध्यान रखें, ताकि भविष्य में हमें शारीरिक मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना ना करना पड़े, क्योंकि आज के समय में हम जिस पद्धति को अपने स्वास्थ्य के उपचार के लिए अपनाते हैं, उस पद्धति में किडनी का कोई भी सटीक इलाज नहीं है, एलोपैथ में किडनी को डायलिसिस विधि से समय-समय पर साफ करते हैं, उसके बाद में जब वह बिल्कुल डैमेज हो जाती है, तो किडनी को ट्रांसप्लांट करने का काम करते हैं, जो साधारण इंसानों की पहुंच से बहुत ही दूर होता है,
किडनी ट्रांसप्लांट के लिए बहुत मोटा पैसा खर्च होता है, बात यहीं पर नहीं रुकती पूरी उम्र उसके मेंटेनेंस में इतना पैसा खर्च हो जाता है, कि आपके जीवन भर की कमाई एक झटके में खत्म हो जाती है, वैसे तो एक किडनी से भी जीवन जिया जा सकता है, लेकिन यह बहुत ही परेशानी भरा जीवन होता है। समझदारी इसी में है कि किडनी का समय रहते ध्यान रखें और किडनी की परेशानी न होने दें यदि किसी को किडनी की परेशानी हो ही गई है तो उसके लिए आयुर्वेद के उपाय ही सटीक उपाय हैं।
हमारी किडनी ठीक है या यह इनफेक्टेड हो चुकी है इसके लिए हमारा शरीर हमें संकेत देता रहता है जरूरत है उन संकेतों को पहचानने की आइए बात करते हैं किडनी के संक्रमित हो जाने के लक्षणों के बारे में। कैसे पता करें कि हमारी किडनी संक्रमित है या नहीं?
किडनी के आयुर्वेदिक इलाज से पहले जानेंगे, गुर्दा संक्रमण के लक्षण?
1- किडनी के इंफेक्शन का एक लक्षण यह भी होता है कि व्यक्ति को भूख लगनी कम हो जाती है तथा वजन कम होने लगता है एक ही महीने में लगभग 10 परसेंट तक वेट लूज हो जाता है।
2- हाई ब्लड प्रेशर भी किडनी संक्रमण का एक लक्षण है, जब हमारी किडनी में कोई संक्रमण होता है तो दिल एक्स्ट्रा काम करना पड़ता है और वह जोर-जोर से ब्लड को धक्का मारता है तथा ब्लड को शरीर के दूसरे अंगों में पहुंचाने की कोशिश करता है जिसके कारण व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहने लगती है।
3- किडनी के संक्रमण की वजह से हमारे शरीर में डॉक्टर लाल रक्त कोशिकाएं के निर्माण में कमी आ जाती है जिसके कारण सीजन हमारे पूरे शरीर में नहीं पहुंच पाती तो हमारे कपड़ों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है और हमारी सांस फूलने लगती है, और हमें थक बहुत थकान महसूस होने लगती हैं, किडनी संक्रमण का यह एक बड़ा लक्षण है।
4- यदि यूरिन ज्यादा बदबूदार आ रहा है, यूरिन में पेशाब के साथ बढ़ा रहे हैं, यूरिन में ज्यादा झाग बन रहा है, बार यूरिन का आना, जो यूरिन के साथ ब्लड का आना, हाथों और पैरों में सूजन हो जाना किडनी संक्रमण के लक्षण है।
5- यदि किसी व्यक्ति को लगातार एनीमिया की शिकायत बन रही है अर्थात उसका होमोग्लोबिन लेवल बहुत ही कम है, तो इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है क्योंकि यह किडनी फेल होने का सबसे पहला लक्षण है।
6- यदि शरीर में जगह जगह लाल रंग के धब्बे बन रहे हैं तो यह भी किडनी संक्रमण का एक लक्षण है इस स्थिति में हमें अपनी किडनी की जांच करा लेना बेहद आवश्यक हो जाता है।
किडनी के आयुर्वेदिक इलाज से पहले जानेंगे, किडनी खराब होने के कारण
किडनी खराब होने के बहुत सारे कारण हैं, यदि हम उन कारणों पर गौर करें तो हम अपने किडनी को खराब होने से बचा सकते हैं, जिसके लिए हमारी समझदारी और सूझबूझ की बहुत ही आवश्यकता पड़ती है, क्योंकि यदि समय रहते हम अपनी किडनी को संक्रमण या डैमेज होने से बचा लेते हैं तो हमारे सामने आने वाली बहुत सारी परेशानियों जो शारीरिक, आर्थिक, मानसिकऔर सामाजिक रूप में आने वाली है उन से बचा जा सकता है।
लेकिन आश्चर्य वाली बात यह है कि हमें सब कुछ पता होते हुए भी कि किडनी की हमारे शरीर में क्या विशेषता है इसके बावजूद भी हम अपनी किडनी का पूरी तरह से ध्यान नहीं रखते हैं। हमें जरूरत है उन कारणों को जानने की जो हमारी किडनी पर दुष्प्रभाव डालते हैं और हमारी किडनी को संक्रमित करते हैं।
*आइए जानें किडनी के संक्रमण के विभिन्न कारण*
1- शराब/ Alcohol :-
शराब हमारी किडनी को खराब करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, यह बात जानते हुए भी हम शराब का अंधाधुंध प्रयोग करते हैं।
2- दर्द निवारक दवाइयां :-
हमारे गुरुदेव को खराब करने में दर्द निवारक दवाइयों कभी बहुत बड़ा योगदान होता है, हम लोग दर्द को सहन करने की बजाय हल्के से दर्द में भी दर्द निवारक दवाओं का प्रयोग करते हैं, दर्द निवारक दवाएं हमारी किडनी के ऊपर सीधा आघात करती हैं।
3- शुगर या मधुमेह :-
शुगर के मरीजों मैं किडनी खराब होने का खतरा हमेशा बना रहता है, यदि किसी को शुगर का रोग है तो उसकी किडनी या सुरक्षित नहीं रह सकती, क्योंकि शुगर निवारण के लिए जो दवाइयां प्रयोग की जाती हैं उन दवाइयों का सीधा आक्रमण किडनी के ऊपर भी होता है।
4- स्ट्रेस/Depression :-
डिप्रेशन भी हमारी किडनी को डैमेज करता है जिसके कई सारे कारण हैं, डिप्रेशन के दौरान व्यक्ति नशीला पदार्थ का इस्तेमाल करता है, दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल करता है, इसके दौरान व्यक्ति अपने खाने-पीने का बिल्कुल ध्यान नहीं रख पाता जो गुर्दे की प्रॉब्लम स्कोर बढ़ाती हैं।
5- यूरिन का इन्फेक्शन भी किडनी खराब होने का एक महत्वपूर्ण कारण है।
6- किडनी में पथरी हो जाने के कारण इनमें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
7- जब यूरिन आए तो उसे रोकने की प्रवृत्ति ज्यादातर लोगों में होती है, जिसका यह नुकसान होता है की यूरिन के साथ बॉडी से निकलने वाले बैक्टीरिया बाहर नहीं निकल पाते और वो वहीं रुक कर किडनी को डैमेज करने का काम करते हैं।
8- जंक फूड एवं फास्ट फूड का सेवन भी हमारी किडनी के लिए बहुत ही घातक होता है जो हमारी बॉडी में टॉक्सिंस की मात्रा को बढ़ाता है, जिनका सीधा आक्रमण हमारी किडनी के ऊपर होता है, और यह संक्रमित हो जाती हैं।
9- लिक्विड फूड्स की अपेक्षा ठोस भोजन भी किडनी के ऊपर प्रेशर करता है और किडनी संक्रमित हो जाती है।
10- किसी बीमारी के कारण पेशाब की नली का लगना और वह ज्यादा दिन तक नहीं बदलना किडनी इन्फेक्शन का खतरा पैदा करती है।
किडनी संक्रमण से बचने के लिए आयुर्वेदिक इलाज एवं घरेलू उपाय

1-पीपल का पत्ता :-
एक कप पीपल के पत्तों का रस लगातार तीन महीने तक सुबह खाली पेट पिलाने से किडनी की समस्या दूर हो जाती है, यह एक अचूक औषधि है इसका उपयोग किडनी पेशेंट को जरूर करा कर देखें इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है।
2- तुलसी के पत्ते :-
तुलसी, मूली के पत्तों और सेंधा नमक की चटनी रोजाना खाने से गुर्दे के संक्रमण में लाभ पहुंचाती है।
3-गिलोय का काढा :-
गिलोय का काढ़ा भी नियमित रूप से पीने से गुर्दे के संक्रमण में चमत्कारी लाभ पहुंचाता है।
4-जौ का जवारा :-
एक गिलास जौ के जवारा का जूस निकालकर लगातार छह महीने तक सुबह खाली पेट पिलाने से डायलिसिस भी रुक जाती है। झोंका द्वारा किडनी के संक्रमण के लिए रामबाण औषधि है जिसका प्रयोग प्रत्येक किडनी के पेशेंट को जरूर नियमित रूप से करना चाहिए।
5-एक गिलास पपीते का शेक :-
एक गिलास पपीते का शेक नियमित रूप से शाम के समय पिलाने पर गुर्दा संक्रमण में काफी फायदा पहुंचाता है। नोट :- रात में नहीं शाम के समय जब सूरज अस्त होने वाला हो।
6- गोखरू :-
गोखरू और काले तिल का पाउडर बराबर मात्रा में मिलाकर एक जगह कांच के बर्तन में भरकर रख लें, एक एक चम्मच हर रोज सुबह शाम गुनगुने पानी के साथ लेने से पेशाब खुलकर आता है, और गुर्दा रोग के संक्रमण को दूर करता है, गुर्दा रोग के लिए यह एक आदर्श औषधि है।
7- जीरा :-
आधा चम्मच जीरा सुबह खाली पेट बगैर मुंह धोए बिना कुल्ला किए मुंह में डाल कर अच्छे से चबाना है, इसे चबाने के बाद एक गिलास गुनगुना पानी घुट घुट कर पीना है। यह प्रक्रिया रोजाना करनी चाहिए, इसे करने वाले व्यक्ति के गुर्दों में कभी संक्रमण नहीं होता, और यदि किसी के गुर्दे में संक्रमण है भी तो यह उसमें भी आश्चर्यजनक लाभ पहुंचाता है।
8-अजवाइन:-
एक चम्मच अजवाइन को रात में एक गिलास गर्म पानी में भिगोकर रख दे, अगले दिन दोपहर को इसे छानकर घूट घूट कर पी ले, स्वाद के लिए इसमें एक चम्मच शहद मिला सकते हैं, यह नुस्खा लगातार तीन महीने तक की है किडनी संक्रमण को दूर करने के लिए जादुई औषधि है।
*गुर्दा संक्रमित व्यक्तियों के लिए परहेज*
* शराब बिल्कुल भी नहीं पीनी है।
* कोल्ड ड्रिंक भी बिल्कुल नहीं पीने हैं।
* चाय और कॉफी बिल्कुल बंद कर दीजिए।
* फास्ट फूड आपके लिए जहर हैं।
* तला हुआ भोजन बिल्कुल ना खाएं।
* यूरिन को रोकना आपके लिए बहुत घातक है।
* स्ट्रेस बिल्कुल नहीं लेना चाहिए।
* जहां तक संभव हो दर्द निवारक दवाइयों से बचें।