सर्दी में होने वाली एलर्जी का इलाज, वो भी एक दम नेचुरल और रामबाण उपाय, साथ ही आयुर्वेदिक, 100% सफल इलाज?

सर्दी में होने वाली एलर्जी का इलाज जानने के साथ जाने, इसके लक्षण, और कारण भी
सर्दी में होने वाली एलर्जी का इलाज के साथ, आईये थोड़ा इसके बारे में जानते है, वैसे तो सर्दी का मौसम बहुत ही सुहावना होता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए, यह सुहाना मौसम परेशानी का सबब भी बन जाता है, क्योंकि कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनकी स्किन बहुत ही सेंसिटिव होती है, ऐसे लोग इस मौसम का लुत्फ उठाने की बजाए परेशानियों का सामना करते रहते हैं,
और वह इंतजार करते रहते हैं, कि कब सर्दी खत्म हो और हमारी परेशानियां भी खत्म हो, क्योंकि इस मौसम में निरंतर कम होते तापमान की वजह से, कई लोगों को स्किन से संबंधित और आंतरिक भी एलर्जी होती है। जिस से बचने के लिए सही समय पर सही उपचार ना हो तो परेशानी बढ़ सकती है, और गंभीर बीमारी का रूप भी ले सकती है, इस मौसम में जब ठंडी हवाएं और रात को कोहरा होता है, तब यह परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है,
इनके साथ साथ कभी धूप कभी बारिश कभी हवाएं अपने चरम पर होती हैं, जिसके कारण बच्चों और बड़ों में कई प्रकार के छोटे-छोटे संक्रमण पनपने लगते हैं, कई तरह की एलर्जी इस मौसम का सारा मजा खराब कर देती है, जहां एक और सारी दुनिया इस मौसम का मजा लेती हैं, लुत्फ उठाते हैं, वहीं कुछ लोगों के लिए यह अभिशाप भी बन जाती है।
लगातार नाक से पानी आते रहना, सांस फूलना, गले में खराश होना हाथों, पैरों, कमर में दर्द होना, छींक आते रहना, त्वचा पर जगह-जगह लाल चकत्ते हो जाना, हाथों की उंगलियों का लाल हो जाना और कमजोर हो जाना, जिसके कारण गर्म पानी या गर्म खाना हाथ में लेते हुए भी बहुत दर्द होता है, पैरों में जूतों के साथ मुझे पहनते समय, पैरों की उंगलियों और तलवों के बीच में इंफेक्शन हो जाना विभिन्न प्रकार की एलर्जी परेशानी का सबब बन जाती है।
आइए आज बात करते हैं, सर्दी से होने वाली एलर्जी के लक्षण,कारण, सावधानियां, और इससे बचने के लिए किए जाने वाले आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपायों के बारे में जिससे हम खुद को इस मौसम के दुष्प्रभाव से बचा सके और इस मौसम का भरपूर लुत्फ़ उठा सकें।
सर्दी में होने वाली एलर्जी का इलाज जानने के साथ जाने, सर्दी से होने वाली एलर्जी के लक्षण?

यदि हम समय रहते किसी भी बीमारी के बारे में जान जाए, तो तो हम सही समय पर उसके कारणों को खत्म करके सावधानियां बरतते हुए, उचित उपचार करा कर भविष्य में होने वाले शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक हानि से खुद को बचा सकते हैं, आइए बात करते हैं, उन लक्षणों के बारे में जिन्हें सही समय पर पहचान कर सर्दी से होने वाली एलर्जी से खुद को बचा सकते हैं,
याद रहे कोई भी बीमारी शुरू होने से पहले अपने लक्षण प्रकट करती हैं, और हमारा शरीर भी उन सभी लक्षणों को स्पष्ट रूप से प्रकट करता है, जिन्हें हम लापरवाही के चलते अनदेखा कर देते हैं, जिसके कारण हमारे परेशानियां बहुत अधिक बढ़ जाती है, और जब हमें होश आता है, या यूं कहें की बीमारियों के बढ़ने के कारण, जब हमारी परेशानी बहुत बढ़ जाती है, तब हम उससे बचने के जुगाड़ खोजते हैं। कितनी विडंबना है कि हम हर चीज का ध्यान रखते हैं,
सिवाय अपने स्वास्थ्य के, किसी भी व्यक्ति का स्वास्थ्य उसका सबसे कीमती धन होता है, जिसकी रक्षा करना उसका सबसे पहला कर्तव्य होना चाहिए, वह उसकी सबसे बाद की जरूरतों में गिनने लगता है, जिसके कारण भविष्य में मनुष्य को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इसके उलट यदि हम समय रहते रोग के लक्षणों की जांच करके, उसके कारणों का पता लगाकर, उचित सावधानियां बरतकर, एवं कारगर उपचार करके भविष्य में होने वाली कई परेशानियों से बच सकते हैं। आइए पता लगाते हैं, कि ठंड के इस मौसम में होने वाली एलर्जी के क्या क्या लक्षण होते हैं।
* लगातार नाक का बहना-
नाक का बहना सर्दी में होने वाली वह समस्या है जो सभी को होती है सामान्यतः यह एक या दो दिन होती है लेकिन यदि यह समस्या 3 दिन से अधिक का समय ले तो समझ जाइए कि यह आपको इस मौसम से होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है जिसका समय रहते यदि इलाज न किया जाए तो यह नजले का रूप ले सकता है और आपको किसी बड़ी परेशानी में डाल सकता है।
* नाक बंद होना-
जब सांस लेने में परेशानी होने लगे नाक बंद रहने लगे जिसके कारण आंखों में दर्द हो जाना, सर में दर्द हो जाना जैसे लक्षण प्रकट होने लगे तो यह समझने में देरी नहीं करनी चाहिए कि यह लक्षण इस विशेष मौसम से होने वाले संक्रमण के लक्षण हैं।
* नाक की त्वचा का लाल हो जाना-
इस मौसम में यदि आपकी नाक का रंग हल्का गुलाबी होता है होता है तो यह सामान्य बात है लेकिन यही रंग यदि लाल और गहरा लाल होता है और पूरा सीजन बना रहता है तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है क्योंकि आपको इस सीजन से एलर्जी हो रही है और यह उसका लक्षण है।
* नाक में अंदर एवं बाहर सूजन आना-
यदि किसी व्यक्ति को नाक के अंदर या नाक के बाहर सूजन बनी रहती है और नाक में जख्म महसूस होते हैं हाथ लगाने से लगता है कि स्किन फटने लगी है तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है क्योंकि यह भी ठंड से होने वाली एलर्जी हो सकती है।
* लगातार छीकें आना-
जब किसी इंसान को लगातार छींके आने लगे कहने का मतलब है दो या तीन से अधिक बार-बार ठीक नहीं लगे और आवश्यकता से अधिक नाक से पानी भी आने लगे तो आपको एक उपचार लेने की आवश्यकता है क्योंकि यह भी ठंड के इस मौसम से होने वाली इस प्रकार की एलर्जी होती है।
* नाक से खून का आना-
जब सर्दी के कारण नाक के अंदर की झिल्ली या त्वचा फट जाती है तो उससे ब्लड निकलने लगता है नाक से खून का यह रिसाव आपको सावधान करता है कि आपको यह इस मौसम से एलर्जी है।
*आंखों में खुजली-
इस मौसम के चलते यदि आंखों में खुजली रहने लगे और यह खुजली धीरे-धीरे जलन में परिवर्तित होने लगे तो इसे अनदेखा करने की लापरवाही बिल्कुल मत कीजिए क्योंकि यह आंखों की एलर्जी है जो आपको तापमान के अधिक गिरने के कारण शुरू हुई है।
*लगातार आंखों से पानी बहना-
जब आंखों से पानी बहने लगे और धीरे-धीरे यह दिन पर दिन कम होने के बजाय आंखों से बहने वाले पानी की मात्रा बढ़ने लगे, आंखों में लगातार जलन रहने लगे, आंखें लाल रहने लगे और इन में सूजन भी आने लगे तो समझ जाएं कि यह आंखों की एलर्जी है जो आपको इस मौसम की वजह से हुई है।
* खांसी होना-
इस मौसम के चलते यदि आपको गले में खराश होने के साथ-साथ हल्की खांसी शुरुआत में हो और यह खासी धीरे-धीरे बढ़ती जाए तो यह भी इस मौसम के कारण होने वाला एक संक्रमण का प्रमुख लक्षण है जिसका यदि समय रहते इलाज न कराया जाए तो यह एक गंभीर समस्या का रूप ले सकता है।
* सांस का फूलना –
ठंड के इस मौसम में यदि सांस फूलने लगे तो यह फेफड़ों की एलर्जी हो सकती है तुरंत इसकी जांच कराएं क्योंकि यह लक्षण समय रहते पहचान कर इसका इलाज न कराया जाए तो यह अस्थमा की गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है।
* बदन दर्द-
इस मौसम में यदि आपके बदन में दर्द रहने लगे विशेष तौर पर कमर के हिस्से में तो यह ऐसे रोग का लक्षण है जो आपके फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है समय रहते इसका उपचार बहुत जरूरी है।
* त्वचा पर लाल निशान-
इस मौसम के चलते यदि त्वचा पर लाल निशान होने लगे तो यह मौसम के तापमान के गिरने की वजह से आपकी त्वचा पर एलर्जी का प्रमुख लक्षण है।
* बालों में रूसी-
मौसम की शुरुआत में जब आप के सर में डैंड्रफ हो जाए यदि इस डैंड्रफ में खुजली नहीं होती है तो यह सामान्य बात है लेकिन यदि आप के सर में खुजली बहुत अधिक होती है तो यह आपके सर में होने वाली एलर्जी का प्रमुख लक्षण है जिसका इलाज सही समय पर न कराया जाए तो यह इंफेक्शन आगे चलकर आपके सर के बालों के टूटना और गंजापन का कारण बन सकता है।
* त्वचा में खुरदरा पन-
इस मौसम में अक्सर त्वचा अपनी मम्मी को देती है जिसके कारण त्वचा सूखी हो जाती है और जगह-जगह से फटने लगती है यह एलर्जी आपको त्वचा संबंधित कई रोगों से संक्रमित कर सकती है।
* उंगलियों की स्किन कमजोर हो जाना-
सर्दी के मौसम में कुछ लोगों को हाथों की हथेलियों की त्वचा आवश्यकता से अधिक लाल हो जाती है और इनमें गर्म और ठंडी दोनों ही प्रकार की वस्तुओं को छूने पर असहजता महसूस होती है और सर्दी अधिक होने पर इन उंगलियों से खून भी निकलने लगता है यदि इस प्रकार की समस्या किसी को हो रही है तो उसको समझ जाना चाहिए कि यह मौसम से होने वाली त्वचा का संक्रमण या एलर्जी है।
* पेट खराब हो जाना-
कुछ लोगों को सर्दी आने पर पेट में गड़बड़ रहने लगती है जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है वैसे वैसे पेट की समस्याएं भी बढ़ती जाती हैं जैसे पेट में दर्द होना, बार-बार आवश्यकता से अधिक पेशाब जाना, दिन में कई बार मल त्यागने के लिए जाना, कई बार मल के साथ खून का आना और उल्टी एवं दस्त होना यह सब इस मौसम की एलर्जी के लक्षण हैं।
हमें एलर्जी है, या नहीं इसका पता लगाने के लिए कौन-कौन से टेस्ट होते हैं, आइए जाने उन सभी टेस्ट के बारे में क्योंकि खाली लक्षणों के आधार पर हमें एलर्जी है, इस बात को केवल अनुमानों के आधार पर मान लेना भी उचित नहीं है, इसके लिए हमें चाहिए कि हम यह जानने के लिए कि हमें एलर्जी है या नहीं है, टेस्ट करा लेनी चाहिए,
मुख्यतः एलर्जी का पता करने के लिए दो प्रकार के टेस्ट होते हैं।
1. स्किन पैच टेस्ट-
जब हम अपना टेस्ट कराने के लिए लैब में जाते हैं तो वहां डॉक्टर जिस भी चीज से एलर्जी का शक होता है, उसका कंसंट्रेशन स्किन पर पैच के जरिए लगाया जाता है। इसके रिजल्ट बहुत ही सटीक होते हैं। इन टेस्ट में यहां तक पता लग जाता है कि आपको किस खाने की चीज से सर्दी से गर्मी से या किसी प्रकार की धूप, धुआं और धूल से एलर्जी हो रही है। वैसे तो यह टेस्ट काफी महंगा होता है लेकिन इस टेस्ट के परिणाम बहुत ही विश्वसनीय होते हैं सामान्यत: स्किन पैच टेस्ट कराने का खर्च 6 से 08 हजार रुपये आता है। टेस्ट के जरिए 60 से अधिक तरह की एलर्जी की जानकारी मिल जाती है।
2. ब्लड टेस्ट-
वैसे तो ब्लड टेस्ट से भी एलर्जी की जांच होती है। लेकिन विशेषज्ञो की माने तो ब्लड टेस्ट के एलर्जी में परिणाम बहुत अधिक सटीक नहीं माने जाते। चमड़ी रोग विशेषज्ञ एवं सभी मेडिसिन के एक्सपर्ट खून जांच की अपेक्षा स्किन पैच टेस्ट कराना ही अधिक उचित समझते हैं और इसी की सलाह भी देते हैं।लेकिन जब बात हम अपने विवेक के करते हैं तू हम पाते हैं कि किसी मौसम के बदलने पर हर बार हमें जब एक ही समस्या का सामना करना पड़े तो हमें समझना चाहिए कि यह समस्या हमें इस बदलते मौसम की वजह से हो रही है।
सर्दी में होने वाली एलर्जी का इलाज जानने के साथ, आइए जाने उन कारणों को जिनके चलते हम संक्रमित हो जाते हैं
*आइए जाने उन कारणों को जिनके चलते हम संक्रमित हो जाते हैं वह कौन सी लापरवाही या हैं जिनके चलते हुए हम सर्दी के मौसम में कई तरह के संक्रमण का शिकार हो जाते हैं क्योंकि किसी भी रोग का इलाज कराना जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक उस रोग के लक्षणों और कारणों के बारे में जानना और सावधानी बरतना भी है यदि हम रोग के होने वाले कारणों के बारे में जान लेंगे तो हम कहीं हद तक रोग को होने से पहले ही उससे बचने के प्रयास करके खुद को सुरक्षित रखने में कामयाब हो सकते है।
* संवेदनशील त्वचा-
कुछ व्यक्तियों की त्वचा इतनी संवेदनशील होती है कि ना तो वह अधिक सर्दी जेल पाती है, अधिक गर्मी झील पाती है, और ना ही बरसात ऐसे इंसानों की त्वचा सर्दी में लाल हो जाती है और गर्मियों में काली वही बरसात में इनकी त्वचा फुल कर सिकुड़ जाती है ऐसे व्यक्तियों को चाहिए की मौसम के अनुसार अपने खाने-पीने पर विशेष ध्यान रखें।
* घर के अंदर नमी-
यदि किसी के घर में नमी बनी रहती है तो यह है सर्दी के मौसम में एलर्जी होने का प्रमुख कारण है,हमें चाहिए कि घर में होने वाली इस नमी को कम करने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें। आर्द्रता का स्तर लगभग 30% से 50% होना चाहिए। क्योंकि यदि घर में नमी बनी रहेगी एलर्जी होने के खतरे भी बन ही रहेंगे।
* कपड़े और बिस्तर को नियमित रूप से न धोना- कुछ लोग ठंड के इस मौसम में कपड़े और बिस्तर आदि को नियमित रूप से नहीं धोते जिसके कारण इन में फंसे हुए धूल और विभिन्न खाद्य पदार्थों के कण सड़ जाते हैं और इनमें फफूंदी लग जाती है जो हमें संक्रमित कर देते हैं हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम समय-समय पर अपने कपड़े एवं बिस्तर को धोएं ताकि धूल और अन्न के कण साफ होते रहे ।
* फर्श पर बिछी हुई मैट और कालीन –
जिन घरों में मैट और कालीन बिछी हुई होती है सर्दी के मौसम में उनके प्रॉपर साफ सफाई नहीं हो पाती उनमें कई अन्य खाने-पीने की चीजें घर के आदमी, कुत्तों,बिल्ली, चूहें, मक्खी, मच्छर एवं कॉकरोच के बाल और अन्य गंदगी फंसे होने के कारण इस मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ा देते हैं। हमें चाहिए कि निरंतर मैट और कालीन की वैक्यूम करें।अपने या पालतू जानवरों के खाने के बाद बचे हुए भोजन को हटाकर जगह को साफ रखें।
* पानी का लिकिज-
जिन घरों में पानी लिंक होता रहता है उन घरों की दीवारों, फर्श, एवं अन्य लकड़ी और पत्थरों के सामानों पर फफूंदी लग जाती है जो इस इंफेक्शन का संवाहक बन जाती है, लीकेज के कारण हुई इस नमी को रोकने के लिए अपने बाथरूम, तहखाने या छत में लीक को ठीक करें।
* पालतू जानवर-
घर के पालतू जानवरों को होने वाले संक्रमण जैसे रूसी, खुजली और अन्य बीमारियों के चलते हम उनके साफ सफाई का ध्यान नहीं रखते क्योंकि यह जानवर हमारे पास हमारे साथ यहां तक कि हमारे बिस्तर में भी रहते हैं हर तरफ इस नवमी के मौसम में संक्रमण फैलने का खतरा बहुत अधिक रहता है हमें होने वाले संक्रमण का प्रमुख कारण बन जाता है। इससे बचने के लिए हमें चाहिए कि घर के पालतू जानवरों की रूसी को कम करने के लिए उनको सप्ताह में एक बार जरूर नहलाएं।
* छोटे परजीवी और कॉकरोच-
अक्सर हमारे घर की खिड़कियों, दरवाजों, दीवारों या किचन की अलमारियों में दरारों छोटे-छोटे परजीवी सर्दी के चलते छुप जाया करते हैं जो हमारे खाने पीने की वस्तुओं को संक्रमित कर देते हैं जिनके कारण हमें इस मौसम में सामान्य की अपेक्षा एलर्जी होने का अधिक खतरा बन जाता है, इसलिए हमें चाहिए कि हम उन दरारों को भर दें जहां कीड़े आसानी से घर बना सकते हैं।
सर्दी में होने वाली एलर्जी का इलाज जानने के साथ जाने, सर्दी के कारण होने वाली एलर्जी से बचाओ के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय?

* गर्म पानी-
सर्दी के मौसम में लोग अक्सर एक गलती करते हैं क्योंकि इस मौसम में प्यास ना के बराबर लगती है तो इसलिए लोग पानी नहीं पीते या कम पीते हैं जबकि हमें चाहिए कि इस मौसम में भी भरपूर पानी पिए जिससे हमारा लिवर और किडनी स्वस्थ रहें यदि हमारा लीवर और किडनी स्वस्थ है तो हम भी स्वस्थ हैं, सर्दी के मौसम में विशेष तौर पर गर्म पानी ही पीना चाहिए, यह हमें सर्दी से तो बचाता ही है साथ ही साथ पेट में जीवाणुओं से होने वाले होने वाली एलर्जी से भी बचाता है।
* बड़ी इलायची और गुड-
सर्दी के मौसम में यदि आपको जुकाम होता है, आपकी नाक बहुत बहती है तो इसके लिए बहुत आसान एवं बहुत असरदार घरेलू उपाय है ।एक बड़ी इलायची को 100 ग्राम गुड कोटकर मिला ले रात को सोते समय एक गिलास गर्म दूध के साथ इस इलायची मिले गुड़ को खाएं, रात भर में जुकाम नौ दो ग्यारह हो जाएगा
* दालचीनी और गुड़-
सर्दी की वजह से यदि आपकी सांस फूल रही है ऐसी स्थिति में आधा चम्मच दालचीनी का पाउडर गुड़ के साथ मिलाकर हल्की आंच पर गर्म कर लें रात को सोते समय गर्म पानी या गर्म दूध के साथ लेने से 3 से 5 दिन में सर्दी के कारण हुई एलर्जी को दूर कर फेफड़ों को साफ करती है।
* पीपली –
एक गिलास दूध में एक पीपली कूटकर उबालें रात को सोते समय गुड के साथ रोजाना पीने से सर्दी के मौसम में होने वाली एलर्जी आप से कोसों दूर रहेगी।
* तिल और नीम का तेल-
तिल और नीम के तेल को बराबर मात्रा में मिलाकर एक शीशी में भरकर रख लें हर रोज नहाने के बाद तो लिया से शरीर पूछने के पश्चात चार बूंद तेल हाथों पर ले और इसे पूरे शरीर पर लगा ले, इस प्रयोग से सर्दी में होने वाली चमड़ी की एलर्जी नहीं हो सकती और यदि किसी को पहले से है तो यह तेल उसको भी खत्म कर देंगे।
* केले का तेल-
यदि किसी के शरीर पर लाल चकत्ते या काले चक दे जो सर्दी की वजह से हुए हैं कहने का मतलब है कि सर्दी की वजह से शरीर की त्वचा पर होने वाली एलर्जी पर यदि केले का तेल लगाया जाए तो लगाने से 15 मिनट बाद ही आपको असर मालूम हो जाएगा और मात्र 3 से 5 दिन में ही शरीर पर सर्दी के वजह से हुई कितनी भी अधिक एलर्जी हो खत्म हो जाएगी।
* गोमूत्र-
यदि किसी को ठंडी के मौसम में अक्सर आंखों में लाली,दर्द,चुभनया सूजन आ जाती है तो उन्हें चाहिए कि देसी गाय की बछड़ी का मूत्र सुबह शाम आंखों में एक-एक बूंद डालें आप देखेंगे कि पहले ही दिन से ठंड के कारण हुई इस एलर्जी में आश्चर्यजनक आराम मिलेगा।
* मेथी दाना-
एक चम्मच मेथी दाना रात को एक गिलास पानी में धोकर भिगो दें सुबह उठकर इस मेथी को चबाकर खा जाएं एवं इस पानी को हल्का गुनगुना कर ले तथा इसमें एक चुटकी भर सेंधा नमक मिला लें, अब इस गुनगुने पानी से सुबह शाम गरारे करें आप देखेंगे एक ही दिन में आपके गले की खराश पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
नोट – इस प्रयोग को लगातार करने से गले में बढ़े हुए टॉन्सिल मात्र 3 महीने में पूर्ण पेट ठीक हो जाते हैं।
* गाय का घी और भृंगराज –
सर्दी के कारण जिन लोगों के हाथों के हथेलियों की स्किन कमजोर पड़ जाती है उन लोगों को चाहिए कि वह इस नुस्खे को एक बार जरूर आजमाएं
नुस्खा – 100 ग्राम गाय का घी 100 ग्राम हरि भृंगराज घास (काटकर छोटे टुकड़े ) दोनों को एक बर्तन में रखकर धीमी आंच पर कम से कम 5 मिनट पकाएं अब इस भी को छानकर एक डब्बे में रख लीजिए सर्दी के कारण गलने लगी त्वचा पर इसे सुबह-शाम लगाएं पहले ही दिन से शत प्रतिशत चमत्कारी फायदा मिलेगा।
* बथुआ-
इस मौसम के कारण हुई सर एवं बालों में रुसी को जड़ से खत्म करने के लिए सप्ताह में तीन बार बथुआ उबालकर जिस पानी में बथुआ उबाला गया है उस पानी में मुल्तानी मिट्टी मिलाकर सर धोने से सर मे ठंड की वजह से हुई रूसी इस तरह से गायब हो जाएगी जैसे सर में कभी रूसी हुई ही ना हो।
* सर्दी के कारण नाक से खून आने पर-
सर्दी के कारण नाक से खून आने पर यदि हर रात सोने से पहले नाक के दोनों छिद्रों मैं एक एक बूंद गाय का घी डाला जाए तो चाहे कितनी भी सर्दी हो सर्दी की वजह से नाक से खून बिल्कुल भी नहीं आएगा जिनकी नाक से सर्दी में खून आ जाता है वह इस नुस्खे को एक बार जरूर आजमा कर देखें पहले ही दिल से चमत्कारिक लाभ मिलेगा ।
* मेथी के लड्डू-
सर्दी के कारण जिन लोगों का पेट अक्सर खराब रहता है उन लोगों को समझ लेना चाहिए कि सर्दी के कारण उनका लिवर परेशान हो जाता है जिसका एकमात्र सरल उपाय हैं ऐसे व्यक्ति को सर्दी शुरू होते ही मेथी के लड्डू खाने आरंभ कर देनी चाहिए मेथी के लड्डू में वह गुण होते हैं कि यह लिवर के ऊपर सर्दी का दुष्प्रभाव नहीं होने देती।