कोरोना वायरस का इलाज, वो भी रातो- रात और आयुर्वेदिक इलाज, जाने लक्षण, उपाय, और कारण हिंदी में

कोरोना वायरस का इलाज, आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार
कोरोना वायरस का इलाज, जैसा की आप सब जानते है, covid-19 ने जो आतंक पूरी दुनिया में मचाया हुआ है इससे कोई अनजान नहीं है, आज इधर भी देखे केवल कोरोनावायरस के ही चर्चे हैं, सारी दुनिया के सरकारी सब कुछ कामकाज भूलकर केवल करो ना वायरस से लड़ने में जुटी हुई है, स्कूल कॉलेज बस ट्रेन हॉस्पिटल हर काम हर ऑफिस हर दफ्तर हर जगह जहां भी देखे लोग डांस अभी कुछ बंद है, कोरोनावायरस से इंसानियत कितनी घबरा चुकी है कि इसके चलते सब कुछ काम धंधा अर्थव्यवस्था सब कुछ ठप हो चुकी हैं।
केवल पुलिस मिलिट्री और हेल्थ सेक्टर के लोग हैं जो इस वायरस से पूरी तरह से पूरी जी जान से और पूरे समर्पण के साथ लड़ रहे हैं इसका सामना कर रहे हैं, पूरी दुनिया की बात करें तो पुलिस मिलिट्री और हेल्थ वर्कर्स लोगों और समाज की रक्षा करते हुए इस वायरस की भेंट चढ़ चुके हैं,
पूरी दुनिया के वैज्ञानिक लगे हुए हैं कि इस वायरस का कोई सटीक इलाज आ जाए लेकिन कोई भी ऐसा इलाज नहीं मिल पा रहा है जो कोविड-19 को जड़ से खत्म कर सके। आयुर्वेदिक उपचार ऐसे कठिन और आपातकाल समय में सबसे आगे खड़ा हुआ है आयुर्वेद दावा करता है,
कि उसके पास कोरोनावायरस को खत्म करने का सटीक और प्रमाणिक इलाज है, लेकिन एलोपेस सेक्टर है कि आयुर्वेद की बात मानना ही नहीं चाहता, वैसे तो एलोपैथ सेक्टर वाले लोग डॉक्टर, वैज्ञानिक सभी लोग सलाह देते हैं कि कोरोनावायरस से लड़ने के लिए आयुर्वेद का काढ़ा पियो आयुर्वेद के को अपना लेकिन कोई भी आयुर्वेद की बनी हुई मेडिसिन को पेटेंट करने के लिए तैयार नहीं है जो कोरोनावायरस के लिए काम कर सकें।
सभी जानते हैं कि आयुर्वेद में कोरोनावायरस से लड़ने के बेहतर विकल्प हैं बेहतर औषधियां हैं एवं कारगर उपचार भी है।
*कोरोनावायरस की शुरुआत* शायद ही कोई इंसान ऐसा होगा जो यह नहीं जानता कि कोविड-19 की शुरुआत कहां से हुई है, हम सभी जानते हैं कि को 119 की शुरुआत चीन के रोहन स्थित लैब से हुई है, वहां के वैज्ञानिकों ने चमगादड़ के ऊपर रिसर्च करते समय इस वायरस को इस वायरस को क्रिएट किया है, जिसके कारण पूरा विश्वास चाइना का दुश्मन हो चुका है, चाइना की विस्तार वादी नीति का यह एक उदाहरण है वह चाहता है,
कि पूरी दुनिया के बाजार पर चाइना अकेला कब्जा कर ले। वही कोरोनावायरस जिसने पूरी दुनिया में आतंक मचा दिया भारत में आकर अपने घुटने टेक चुका है, आयुर्वेद के ताकत के आगे कोरोनावायरस झुक चुका है अकेले आयुर्वेद के काटने कोरोनावायरस को पस्त कर दिया है, बाबा रामदेव जैसे भारत के अनेकों आयुर्वेदाचार्य और योगाचार्य इस वायरस पर विजय पाने की घोषणा कर चुके हैं,
कोरोना वायरस का इलाज जानने से पहले, आइए जानते हैं कोरोनावायरस के लक्ष्ण और पहचान*
कोविड-19 का संक्रमण होने के बाद में इंसान को क्या-क्या लक्षण आते हैं वे सभी लक्षण निम्न प्रकार के हैं –
1- कोरोनावायरस का बॉडी में आने का सबसे पहला लक्षण यह है कि जस्ट के गले में खराश हो जाती है।
2- जुकाम का हो जाना भी कोविड-19 का एक प्रमुख लक्षण है।
3- किसी भी सुगंध- या दुर्गंध को महसूस ना करना।
4- खाने का स्वाद बिल्कुल खत्म हो जाता है मालूम ही नहीं चलता कि खाने में स्वाद कैसा है नमक या मिर्च कैसा है।
5- बुखार आने लगता है, कभी लगातार आता है तो कभी रुक रुक कर आता है।
6- 20 सेकंड से ज्यादा सांस रोकने में परेशानी होने लगती है अथवा व्यक्ति 20 सेकंड से ज्यादा सांस नहीं रोक पाता।
7- सांस लेने में परेशानी होने लगती है मानो व्यक्ति को जमा हो गया हो।
8- गला सूखने लगता है।
9- शरीर का तापमान 102-104 रहने लगता है
10- आजकल तो बहुत सारे केस ऐसे भी सामने आ रहे हैं जिनमें किसी प्रकार का कोई सिस्टम है ही नहीं लेकिन वह फिर भी कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।
उपरोक्त लक्षणों के आधार पर हम कोविड-19 की पहचान आसानी से कर सकते हैं, क्योंकि हमें इनमें से कोई भी लक्षण नजर आ रहा है तो हमें जरूरत है अपना कोविड-19 का टेस्ट कराने की, क्योंकि समय से उपचार लिए जाने पर हम बीमारी को हरा सकते हैं बीमारी को खत्म कर सकते हैं।
कोविड-19 संक्रमण होने के कारण*
कोविड-19 संक्रमण होने के कारण निम्न बताएं गए हैं
1- कोविड-19 का संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से होता है।
2- संक्रमित व्यक्ति के छूने से यह संक्रमण हो जाता है।
3- संक्रमित व्यक्ति के साथ खाना खाने या पानी पीने से भी संक्रमण तेजी से लगता है.
5- संक्रमित व्यक्ति के कपड़े पहनने से भी यह संक्रमण लग जाता है।
6- संक्रमित व्यक्ति के ठोकने छींकने या बात करने से भी यह संक्रमण हो जाया करता है।
7- मजे की बात तो यह है कि संक्रमित व्यक्ति के साथ झगड़ा करने से भी यह संक्रमण होता है।
8- संक्रमित व्यक्ति को चूमने या उसके साथ यौन संबंध स्थापित करने से यह संक्रमण शत प्रतिशत होता है।
9- डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को यह संक्रमण जांच करने और संक्रमित व्यक्तियों को ट्रीटमेंट देने के दौरान भी होता है।
10- साफ सफाई का ध्यान में रखना हाथों वस्तुओं और जगह को सही से सैनिटाइज न करने के कारण भी कोविड-19 का इंफेक्शन होता है।
11- मुंह और नाक पर मास्क ना लगाने के कारण हवा में घूम रहे कोरोनावायरस स्वस्थ व्यक्ति
संक्रमित कर देते हैं।
12- प्रॉपर हाथों को सेनीटाइज न करने के कारण आजकल इंच का इन्फेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ रहा है।
13- डॉक्टर द्वारा दी गई हिदायत ओं का सही से पालन न करना भी इसके बढ़ने का प्रमुख कारण है।
14- भीड़ भाड़ वाली जगह जाने से इस वायरस का आदान-प्रदान होता है।
15- सही और सटीक जानकारी का अभाव भी संक्रमण को बढ़ावा दे रहा है।
16- यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति कोविड-19 इनफेक्टेड एरिया में घूम रहा है तो उससे भी है संक्रमण होता है।
कोविड-19 से बचने के उपाय।

* हाथों को बार-बार सनराइज करते रहे।
* बाजार या ऑफिस से जब भी घर जाएं, अपने कपड़े बदले और साबुन से अच्छी तरह से नहाए या खुद को अच्छी किस्म के सैनिटाइजर से सैनिटाइज करें।
* भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें।
* ज्यादातर समय अपने घर पर गुजारे।
* समय-समय पर गर्म पानी, चाय, कॉफी पीते रहे।
* घर में मसालों का काढ़ा बनाकर पीते रहे।
* कोई भी लक्षण दिखने पर अपनी कॉमेडी 19 की जांच अवश्य कराएं।
* डॉक्टर के परामर्श के अनुसार जीवन जिए।
*बाहर का खाना खाने से परहेज रखें।
* बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें। क्योंकि यह वायरस बच्चों और बुजुर्गों को आसानी से निशाना बना लेता है।
कोरोनावायरस के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार

सबको पता है कि कोरोनावायरस का 14 केवल आयुर्वेद के द्वारा ही किया जा सकता है, कोरोनावायरस से लड़ने के लिए आयुर्वेद पूरी तरह से सक्षम है। यदि हम आयुर्वेद को अपनाते हैं तो कोरोनावायरस से सुरक्षित रह सकते हैं एवं अपने परिवार को भी सुरक्षित रख सकते हैं आइए जानते हैं कोरोनावायरस से बचने के लिए आयुर्वेद में क्या-क्या उपाय दिए गए हैं।
1- गिलोय एलोवेरा और पपीते के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से मात्र 3 दिन में कोरोनावायरस से पूरी तरह छुटकारा मिल जाता है।
2- सुबह-शाम एक कप ताजा गोमूत्र पीने से यह वायरस शरीर से खत्म हो जाता है।
3- अदरक, गुड और कच्ची हल्दी का काढ़ा बनाकर पीने से इस वायरस से लड़ने में ताकत मिलती है।
4- दूध में खूब कला उबालकर पीने से यह वायरस कमजोर होता है।
5- तुलसी के पत्ते और काली मिर्च का काढ़ा बनाकर पीने से इस वायरस का नाश होता है।
6- मौसमी के जूस को गुनगुना करके पीने से इस वायरस के असर को धीरे धीरे कम कर सकते हैं। नोट :-ध्यान रहे जूस को गर्म नहीं करना केवल गुनगुना करना है।
7- आंवला, अदरक, कच्चा अमरूद भूनकर, हरी मिर्च, सेंधा या काला नमक, की चटनी बनाकर सुबह शाम खाने से इस वायरस को कमजोर किया जा सकता है।
8- गिलोय अश्वगंधा और तुलसी का काढ़ा मिलाकर पीने से देखा गया है कि यह रोग मात्र 3 से 4 दिन में ही बिल्कुल ठीक हो जाता है।
9- दालचीनी पाउडर और शहद को गर्म दूध के साथ सुबह-शाम लेने से मात्र 3 दिन में संक्रमित व्यक्ति ठीक हो जाता है।
10- हर रोज सुबह 8:00 बजे से 10:00 बजे तक की धूप लेना भी इस रोग का नाश करते हैं।
कोविड-19 के इस दौर में आयुर्वेद ने खुद को साबित कर दिया है कि यदि हम आयुर्वेद को अपनाते हैं तो दुनिया का कोई भी वायरस हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, यदि हम अपनी दिनचर्या आयुर्वेद के आधार पर जिए तो हमें किसी प्रकार की कोई बीमारी कभी हो ही नहीं सकती, लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि हम लोग आयुर्वेद के ऊपर विश्वास नहीं करते, क्योंकि आयुर्वेद के खिलाफ एक मुहिम चला रखी है यदि आयुर्वेद सफल हो गया तो भारत फिर से विश्व गुरु बन जाएगा, भारत विरोधी ताकतें नहीं चाहती कि भारत एक विकसित राष्ट्र में बने इसीलिए वह आयुर्वेद का बहिष्कार करती रहती हैं। जिसके लिए कहीं हद तक हमारे भारत की सरकारें भी जिम्मेदार हैं।