हल्दी के फायदे (Benefits of turmeric), दुनिया की सबसे अच्छी एंटीबायोटिक आयुर्वेदिक दवाई है, तो आयुर्वेदिक पर एलोपैथ वाले लोग भी इसका उसे करते है,

हल्दी के फायदे जानने से पहले, चलिए इसके बारे में जानते है
संपूर्ण भारतवर्ष में हल्दी का प्रयोग किसी न किसी रूप में किया ही जाता है, हमारे खाने में जब तक हल्दी का प्रयोग ना हो तब तक खाना, मैं तो देखने में अच्छा लगता है और नहीं खाने में, प्राचीन काल से हल्दी हमारे जीवन में भोजन का अभिन्न अंग रही है, आपने देखा बहुत सारी बीमारियां विदेशों से शुरू शुरू होती है, और वह भारत में आने के बाद अपना दम तोड़ देती है, किसी भी प्रकार के बैक्टीरियल इंफेक्शन हो या वायरल इनफेक्शन रहे हैं,
वह पूरी दुनिया में अपना जबरदस्त प्रकोप लेकर आते हैं, और पूरे विश्व में एक बहुत बड़ी हानि जान और माल की करते हैं, लेकिन जैसे ही वह वायरस या बैक्टीरिया भारत में आता है, यहां के परिवेश, खानपान, और शारीरिक रोग प्रतिरोधक शक्ति के सामने अपने घुटने टेक देता है, वह इंफेक्शन पूर्व में आए हुए इंफेक्शन रहे हो या हाल ही में आया कोरोना (Covid-19) जैसा खतरनाक वायरस हो, भारत का इतिहास रहा है तो यहां पर आने वाले सभी वायरस जो पूरी दुनिया में मानव के लिए चुनौती बन चुके थे, भारत में आने के पश्चात वह सभी प्रभावहीन हुए हैं ।
इसका कारण कोई चमत्कार नहीं है, बल्कि हमारा खान- पान एवं हमारे खाने में प्रयोग होने वाली हल्दी का यह सब कमाल है, इन खतरनाक वायरस एवं बैक्टीरिया से हमारे जीवन को सुरक्षित रखने के लिए, हेलो जी का बहुत अधिक महत्वपूर्ण है, हमारे देश में कोई भी बिना हल्दी के बनाना संभव नहीं, जिस भोजन में नमक का प्रयोग होता है, उस भोजन में हल्दी का प्रयोग अनिवार्य है।सेहत के लिए हल्दी के कई सारे फायदे हैं,
जिनमें से कुछ प्रमुख फायदों को यहां नीचे बताया जा रहा है, जिसके बाद आप भी अपनी डायट में इसे बिना झिझक के शामिल कर सकते हैं।मानव ही नहीं अपितु जानवरों में भी त्वचा संबंधी कई समस्याओं के लिए भी हल्दी का सेवन फायदेमंद साबित हुआ है। इतना ही नहीं आप अपनी त्वचा में निखार लाने के लिए हल्दी के लेप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हल्दी का इस्तेमाल खासकर ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी के बाद काफी फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि उसके बाद पूरे शरीर की त्वचा पर एलर्जी होने लगती है और स्किन इरिटेशन की समस्या देखने को मिलती है जिससे सुरक्षा पाने के लिए हल्दी का इस्तेमाल बेहद लाभकारी साबित होता है।
हल्दी के फायदे जानने से पहले, हल्दी का परिचय एवं पहचान?
हल्दी की हरे रंग की पत्तियां होती हैं, इसका पौधा तना रहित होता है, तथा इसकी हरी पत्तियां केले के पत्ते के जैसी लेकिन आकार में केला की पत्तियों की अपेक्षा बहुत छोटी होती हैं, हल्दी पौधे के निचले से कहने का मतलब है कि हल्दी जमीकंद होती है, यह हल्दी के पौधे की जड़ी को खोदकर नीचे से निकाली जाती है, इसको सुखाकर तथा इसका पाउडर बनाकर, इसको प्रयोग में लाया जाता है, संपूर्ण भारत वर्ष में जिस भोज्य पदार्थ में नमक का इस्तेमाल होता है,
उस भोजन में हल्दी का प्रयोग होना अनिवार्य है, हमें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से हल्दी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए, यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी होती हैं । सामान्यतः संपूर्ण भारत में हल्दी को रसोई की सबसे पहली जरूरत माना जाता है, लेकिन जब हम आयुर्वेद के बात करते हैं तो आयुर्वेद में हल्दी को जीवन के सबसे पहली जरूरत माना जाता है, गर्भधारण के पहले संस्कार के समय से लेकर सोलहवें तथा अंतिम संस्कार तक हल्दी की प्राथमिकता से कोई अनभिज्ञ नहीं है,
अर्थात हल्दी हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है सांस्कृतिक रूप से भी, और व्यावहारिक रूप से भी । हिंदू धर्म के दर्शन में हल्दी का अपना विशेष महत्व है हिंदू धर्म के अनुसार होने वाले 16 संस्कारों में हल्दी का विशेष प्रयोग किया जाता है, कहीं पर इसका प्रयोग हल्दी की गांठ के रूप में कहीं पर इसका प्रयोग हल्दी की पत्तियों के रूप में , कहीं पर इसका प्रयोग हल्दी के पाउडर के रूप में , तो कहीं पर इसका प्रयोग हल्दी के पेस्ट के रूप में।
हल्दी के फायदे से पहले जानते है, की इसे किस भाषा किस नाम से बुलाया जाता है?

हिंदी में हल्दी का नाम:-
हलाली, हरदी, हली, हल्दी.
संस्कृत में हल्दी का नाम:-
हरिद्रा, मटना.
उर्दू में हल्दी का नाम:-
हलाली (हलदी)।
आसम में हल्दी का नाम:-
हलाली (हलाधी);
कोंकणी में हल्दी का नाम:-
हलाल (हलाद);
कन्नड़ में हल्दी का नाम:-
अर्मनी (अर्सिना), अमानिया (आरिसिन)।
गुजराती में हल्दी का नाम:-
हलदा (हलदा).
तमिल में हल्दी का नाम:-
मंगल, मांगली, हाल्दी ।
तेलगु में हल्दी का नाम:-
पसु पु (पासुपु), पमाली (पम्पी)।
बंगाली में हल्दी का नाम:-
हलु (हलूद), पित्ती (पितृ);
पंजाबी में हल्दी का नाम:-
हल्दी (हलदी), हलाल (हलदार), हिलदी ।
मराठी में हल्दी का नाम:-
हलाल (हलदे), हलाल,हलदार.
मलयालम में हल्दी का नाम:-
ममल (मंजल), ममल (मन्नल), पपी चामनलाल (पचमन्नल)।
अंग्रेजी में हल्दी का नाम:-
हल्डनी का नाम (कम्युनिस्ट), इयोन्दन (भारतीय केसर),।
अरबी में हल्दी का नाम:-
उरगया,(उरुकेसुफ), कुरुर्मु (कुर्कुम);
फारसी में हल्दी का नाम:-
बरू (ज़ार्ड चोब), दरिया (दरजर्दी), ज़र्द ।
विवाह के दौरान क्यों होती है, दूल्हा-दुल्हन की
हल्दी-तेल की रस्म, क्या इसमें भी हल्दी के फायदे है,

आपने विवाह के दौरान हल्दी तेल की एक रस्म देखी होगी, यह रस्म संपूर्ण भारत में दूल्हा और दुल्हन दोनों की होती हैं, इस रस्म के दौरान दूल्हा और दुल्हन दोनों पर हल्दी-तेल (मटना) लगाने की रस्म होती है। इस रस्म को विशेष तौर पर भाभियों के द्वारा निभाया जाता है, इस रस्म में सभी भाभी मिलकर दूल्हा और दुल्हन को शादी से पहले पूरे शरीर पर हल्दी और तेल का पेस्ट बनाकर जिसे मटना कहा जाता है,
दूल्हे या दुल्हन दोनों ही के पूरे शरीर पर अच्छी तरह रगड़-रगड़ कर शरीर को पूरी तरह बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन के साथ-साथ अन्य दूसरे संक्रमण से, पूरी तरह शुद्ध किया जाता है, ताकि शादी के बाद जब दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे के साथ आलिंगन कर संभोग करते हैं, तो एक किसी दूसरे को कोई संक्रमण न पहुंचाएं, हल्दी तेल कि इस रस्म द्वारा शरीर को पूर्णता स्वस्थ कर दिया जाता है,
यह रस्म केवल एक बार नहीं निभाई जाती बलकेश शादी से पहले 5 से 7 दिनों तक नियमित रूप से हर रोज सुबह शाम इस रस्म का निर्वाह होता है। इस रस्म के दौरान शरीर के हर अंग पर हल्दी को अच्छे से रगड़ा जाता है, शरीर का कोई भी अंग कहीं से ऐसा नहीं रहना चाहिए जहां पर हल्दी ने लगी हो, इसीलिए इस रस्म का महत्व विशेष तौर पर भाभियों के साथ ही समझा जाता है ।
चलिए जानते है, दूध के साथ हल्दी के फायदे?

दूध के साथ हल्दी के फायदे–
यदि रात के समय दूध के साथ एक चम्मच हल्दी का सेवन प्रतिदिन किया जाए तो, यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाती है, दूध के साथ हल्दी का नियमित रूप से प्रयोग हमारे शरीर में होने वाली अधिकतर बीमारियों को दूर रखता हैं ।
* दूध के साथ हल्दी का प्रयोग पौरूष शक्ति को सुदृढ़ करता है, सेक्स के दौरान होने वाले शीघ्र स्खलन को दिल करता है, वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाता है, तथा स्पर्म की गति में वृद्धि करता है, जो व्यक्ति नियमित रूप से दूध के साथ हल्दी का सेवन करते हैं उन लोगों को मूत्र संबंधित परेशानियां नहीं होती ।
* दूध के साथ हल्दी का नियमित प्रयोग करने से महिलाओं में होने वाली मासिक धर्म की अनियमितता, मासिक धर्म के दौरान होने वाला असहनीय दर्द से छुटकारा मिलता है, क्योंकि दूध और हल्दी का इस्तेमाल प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करता है, इसलिए यह महिलाओं में मूत्र संबंधित हो रही विकारों को दूर करने में बहुत सहायक होता है।
* दूध के साथ हल्दी के फायदे शरीर में लगी किसी प्रकार की भी चोट के लिए बहुत कारगर सिद्ध होते हैं, यदि किसी व्यक्ति को हाथ पैर या किस शरीर के किसी भी हिस्से में चोट लग जाए, तो हल्दी के साथ दूध मिलाकर पीने से, वह चोट को दूर करता है, चौकी गांव की चोट त्वचा के बाहर होती है लेकिन मांस पेशियों की चोट त्वचा के अंदर की चोट होती है, दोनों ही प्रकार की चोट के लिए दूध में मिलाकर पी गई हल्दी पाउडर बहुत ही लाभदायक होता है।
कमर दर्द में हल्दी के फायदे?
कमर दर्द में हल्दी के फायदे-
यदि किसी व्यक्ति को कमर में दर्द रहता है, तो उनको चाहिए कि वह तिल के 100 ग्राम तेल में, एक चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच अजवाइन डालकर उसे बहुत धीमी आवाज पर धीरे-धीरे तब तक पकने दें जब तक हल्दी और अजवाइन दोनों का रंग काला ना हो जाए, अब इस तेल को ठंडा करके कपड़े में छान लीजिए ।
प्रयोग विधि :-
कमर के दर्द वाले हिस्से को ऊपर करके धूप में लेट जाएं, या कमर की सिकाई करके पेट के बल लेट जाएं, किसी दूसरे व्यक्ति की सहायता से प्राप्त तेल से हल्की-हल्की कमर पर, जिस जगह दर्द हो रहा है मालिश करें कुछ देर तक हल्के हाथ से मालिश कराने के बाद, गर्म पट्टी या सूती कपड़ा लपेटकर कम से कम 2 घंटे तक, सीधे होकर लेट जाएं, आपकी कमर का दर्द चुटकियों में गायब हो जाएगा, लेकिन यह प्रयोग कम से कम 10 दिन करें।
गोरा रंग पाने में हल्दी के फायदे?

गोरा रंग पाने में हल्दी के फायदे-
चेहरे पर निखार लाने के लिए हल्दी बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि है,इसके प्रयोग से रातों-रात चेहरे पर गजब का निखार एवं कमाल की चमक लाई जा सकती है, चेहरे पर हल्दी के प्रयोग से चेहरे की त्वचा में छुपे हुए सूक्ष्म जीवाणु जो हमारे चेहरे की कांति को नष्ट कर देते हैं इन जीवाणुओं को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए यदि चेहरे पर हल्दी की गांठ का मलाई के साथ मिलाकर प्रयोग किया जाए तो रात भर में चेहरे की त्वचा के संक्रमण से छुटकारा दिलाने के साथ-साथ, चेहरे का रंग भी नहीं करता है और चेहरे की सुंदरता भी बढ़ाता है, आइए जानते हैं कि चेहरे पर हल्दी को किस प्रकार प्रयोग करें ।
प्रयोग विधि :-
एक पत्थर की शिला पर दूध पर आई हुई एक चम्मच ताजी मलाई डालें, अब एक हल्दी की गांठ को हाथ में ले और मलाई के साथ शीला पर इसे रगड़ कर पेस्ट बना लें, पहले ठंडे पानी से और फिर तुरंत गुनगुने पानी से मुंह धो कर तो लिया से पूछ ले ( ध्यान रहे तोलिया से केवल मुंह पूछना है मुंह को रगड़ना नहीं है ) अब प्राप्त हल्दी के पेस्ट को चेहरे पर लगाकर बिस्तर पर लेट जाइए,तथा पूरी रात इस पेस्ट को चेहरे पर जो का क्यों लगा रहने दें,
सुबह उठकर गुनगुने पानी से मुंह धो लेना चाहिए, गुनगुने पानी से मुंह धोने के बाद मुंह को तभी दोबारा ठंडे पानी से भी धोना चाहिए और चोलिया से बिना रगड़े मुंह को पूछ ले, अब आप पाएंगे कि आपकी त्वचा में गजब का निखार, कमाल का कसाव, और आपके चेहरे की चमक सभी को आपकी और देखने के लिए मजबूर कर देंगे ।
नोट :- जिस दिन आप इस पेस्ट का इस्तेमाल करें उस दिन धूप में जाने से बचे ।
किसी भी तरह के रोग में हल्दी के फायदे?

*किसी भी तरह के कैंसर रोग में हल्दी के फायदे:-
शरीर में किसी भी तरह का कैंसर हो आयुर्वेद में गोमूत्र और हल्दी का मिश्रण कैंसर रोग के लिए बहुत अच्छी औषधि है, यदि कैंसर रोगी को सुबह के समय खाली पेट निमित्त रूप से, एक कप गोमूत्र के साथ एक चम्मच हल्दी का पाउडर मिलाकर पिलाया जाए तो यह धीरे-धीरे कैंसर के प्रभाव को नष्ट करता चला जाता है, और कैंसर को जड़ से खत्म करने में बहुत ही सहायक सिद्ध होता है, जिस घर में कैंसर के रोगी हैं, उन्हें चाहिए कि वह रोगी को गोमूत्र और हल्दी का सेवन प्रतिदिन नियमित रूप से कराए।
*ब्रेस्ट कैंसर में रामबाण का काम करते हैं हल्दी के फायदे:-
दुनिया भर की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर आज एक ऐसी बीमारी बनीं हुई है, जो हर साल हजारों महिलाओं की जान ले जाती है, या शारीरिक कुरूपता दे जाती है । इस जानलेवा बीमारी से बचे रहने के लिए भी हल्दी का सेवन बहुत जरूरी है। दरअसल, हल्दी में एंटी कैंसर करक्यूमिन नामक गुण मौजूद होता है, जो कैंसर से बचाए रखने में काफी मददगार साबित होता हैं। इसलिए आप अपनी डायट में हल्दी का सेवन किसी न किसी खाद्य पदार्थ के जरिए अवश्य करें। यदि कच्ची हल्दी को मलाई के साथ घिसकर रात को सोते समय स्तनों पर लेप करने से, स्तनों में होने वाली बहुत सारी बीमारियां जो आगे चलकर कैंसर का रूप ले लेती हैं, हल्दी का यह पेस्ट उन सभी बीमारियों को समाप्त करता है।
*TB रोग में हल्दी के फायदे:-
टीबी के रोगियों को यदि नियमित रूप से, सुबह के समय खाली पेट एक कप गोमूत्र के साथ एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर सेवन कराया जाए तो मात्र 3 महीने के प्रयोग से, टीबी के संक्रमण को पूरी तरह नष्ट कर देता है, गोमूत्र के प्रयोग से हम अपने शरीर में होने वाले सभी लोगों को जड़ से खत्म कर सकते हैं, गोमूत्र के साथ हल्दी का प्रयोग टीबी को पूरी तरह बहुत कम समय में नष्ट कर देता है।
*पायरिया रोग में हल्दी के फायदे:-
जिन लोगों को पायरिया की शिकायत है उन लोगों को चाहिए कि वह हर रोज सुबह के समय, सरसों के तेल में हल्दी का पाउडर और सेंधा नमक बराबर मात्रा में मिलाकर, धीरे-धीरे अपने मसूड़ों को एवं दातों पर मसाज करें, मसाज करने के पश्चात 10 मिनट बाद हल्के गुनगुने पानी से कुल्ला करना चाहिए । पायरिया रोग के लिए यह सर्वोत्तम औषधि है ।
*गला रोग में हल्दी के फायदे:-
एक गिलास पानी में एक चम्मच हल्दी को तब तक उबालें जब तक वह पानी आधा ना रह जाए, अब इस पानी से दिन में दो बार सुबह नींद से जागने के बाद,और रात को सोते समय नियमित रूप से गरारे करने चाहिए, यह प्रयोग गले के हर प्रकार के रोग को जड़ से नष्ट करता है, गले में हो रहे टोंसिल को मिटाता है, तथा गले के कैंसर के लिए यह सर्वोत्तम प्रयोग है ।
*खांसी में हल्दी के फायदे:-
किसी भी प्रकार की खांसी के लिए, हल्दी पाउडर को पीतल के बर्तन के ऊपर बहुत धीमी आंच में हल्का सा भून लें, अब इस भुनी हुई एक चम्मच हल्दी में एक चम्मच शहद मिलाकर धीरे-धीरे चाटे, हल्दी और शहद का यह मिश्रित प्रयोग, किसी भी प्रकार की खासी को समाप्त करने के लिए उन्नत औषधि हैं । एलोपैथिक की दवाई देने की अपेक्षा यदि अपने बच्चों को हल्दी का यह प्रयोग खांसी के दौरान कराया जाए तो इस प्रयोग के द्वारा हम अपने बच्चों को पूर्ण रूप से स्वस्थ कर सकते हैं, तथा इसका कोई नकारात्मक प्रभाव भी बच्चों पर नहीं होता।
*जुकाम में हल्दी के फायदे:-
वैसे तो जुकाम होना बहुत ही जरूरी होता है, यदि किसी व्यक्ति को एक साल में तीन बार जुखाम नहीं होता तो उसे पीलिया रोग होने की संभावना प्रबल हो जाती है, वैसे तो जुखाम अपने आप ही 1 सप्ताह के अंदर अंदर की हो जाता है, लेकिन यदि आपको जुकाम 1 सप्ताह से ज्यादा हो जाए, इस कंडीशन में आपको चाहिए कि हल्दी को गर्म तवे पर रखकर उसके धुंए को सूंघना चाहिए। इस प्रयोग को करने से मात्र दो ही दिन में दुकान पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है।