कमर दर्द का इलाज (Back Pain), वो भी एक दम घरेलु, आयुर्वेदिक और रामबाण इलाज, वो भी बिना किसी डॉक्टर की सहायता के, दिखेगा रातो- रात असर?

कमर दर्द का इलाज जानने से पहले इसकी जानकारी/
कमर दर्द का इलाज जानने के साथ अगर हम इसके बारे में बात करें, तो कमर दर्द को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, यह हमारे वर्तमान और भविष्य के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि सही समय पर इलाज न कराने के कारण, यह समस्या इतनी घातक हो जाती है, कि इंसान को लेटने तथा बैठने के लिए भी मोहताज बना देती। जब हम कमर दर्द के बारे में बात करते हैं, तो हम पाते हैं कि आज हर दूसरे व्यक्ति को कमर दर्द की समस्या है, वह व्यक्ति बूढ़ा हो या जवान कमर दर्द की समस्या एक आम समस्या हो चुकी है, जिसके चलते हर इंसान को बहुत अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, पहले कमर दर्द की समस्या महिलाओं में हुआ करती थी, लेकिन कुछ वर्षों से देखा जा रहा है,
कि यह समस्या पुरुषों में भी भरपूर रूप से देखी जा रही है, कमर दर्द की समस्या के अनेकों कारण हो सकते हैं, जैसे खाने पीने की वस्तुओं में आवश्यक पोषक तत्व की कमी, पानी का प्रदूषित होना, प्रदूषित हवा, एक ही स्थान पर देर तक बैठे रहना, सोते समय या तो आवश्यकता से अधिक नर्म बिस्तर का इस्तेमाल करना या बहुत अधिक सख्त बिस्तर का इस्तेमाल, निरंतर काम करने वाले लोगों की अपेक्षा, कम काम करने वाले या बिल्कुल भी काम ना करने वाले लोगों को कमर दर्द की समस्या का अधिक सामना करना पड़ता है। क्योंकि शरीर में कोई भी परेशानी एवं कोई भी समस्या एकदम से नहीं आती,
हर समस्या और हर परेशानी आने से पहले अपनी उपस्थिति का संकेत भी देते हैं, जिसका हम सही समय पर आकलन ना करके उसके प्रति लापरवाही बरतते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि वह बीमारी धीरे-धीरे करके बहुत अधिक बढ़ जाती है, हमारा ध्यान उसकी ओर तब जाता है जब यह परेशानी हमारी बर्दाश्त के बाहर हो जाती है, लेकिन यदि इस समस्या को हम शुरुआत में ही पहचान जाए तो, इससे बचने के उपाय कर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं, लेकिन ऐसा होता नहीं है जिसका कारण है अपने स्वास्थ्य के प्रति हमारी लापरवाही, प्रत्येक व्यक्ति यह भूल जाता है, कि यदि मेरा स्वस्थ शरीर है,
तो मैं समय भी बचा सकता हूं और पैसा भी, लेकिन भविष्य के बारे में ना सोच कर ज्यादातर लोग अपने वर्तमान में ही खोए रहते हैं, मानसिक तथा शारीरिक समस्या के कुछ लक्षण होते हैं तथा कुछ कारण भी होते हैं, यदि उन लक्षण और कारणों के बारे हम सही समय पर आकलन कर ले तो हम खुद को भी बड़ी परेशानियों से बचा सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ उन लक्षण एवं कारणों के विषय में जो कमर दर्द के लिए जिम्मेदार एवं पहचान बनते हैं।
कमर दर्द का इलाज के साथ जाने लक्षण भी :-
हम कमर दर्द की समस्या को आसानी से पहचान सकते हैं, क्योंकि इसके बहुत ही साधारण लक्षण होते हैं जो हमें स्पष्ट रूप से महसूस हो जाते हैं, जिनके आधार पर हम कमर दर्द की समस्या को बढ़ने से पहले ही पहचान करके उसके होने वाले कारणों के बारे में पहचान करके, डॉक्टर से मिलकर या स्वयं ही कमर दर्द की समस्या का समाधान कर सकते हैं, आयुर्वेदाचार्य की माने तो कमर दर्द की स्थिति में शरीर का तापमान बढ़ जाता है, पीठ पर सूजन आ जाती है, पीठ में हर वक्त या कभी-कभी तेज दर्द सहने लगता है, अधिक देर तक बैठे रहने में समस्या उत्पन्न होने लगती है,
ज्यादा देर यदि हम लेट जाए तो भी कमर में दर्द होने लगता है, रीड की हड्डी के निचले हिस्से में दर्द रहने लगता है, हाथ लगाने पर छूने से ही है दर्द अधिक महसूस होता है, देखा गया है कि कमर के दर्द का पता लगाने के लिए तथा इसकी जांच करने के लिए कि यह दर्द कितना अधिक है कई बार दर्द की स्थिति में इसकी गंभीरता का पता लगाने के लिए एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई, डिस्कोग्राफी, फैसेट आथ्रोग्राम जैसी जांच करा सकते हैं। कौन-सी नस पर अधिक दबाव पड़ रहा है इसकी जानकारी एमआरआई से मिल जाती है और इस जांच रिपोर्ट को सबसे उपयोगी माना जाता है। कमर दर्द के मामले में सबसे अच्छी जांच MRI को ही माना जाता है, एम आर आई के आधार पर ही डॉक्टर अपना बेस्ट ट्रीटमेंट दे पाते हैं।
कमर दर्द के कारण :-
कमर दर्द होने के बहुत से कारण है, मुख्यतः कमर दर्द हमारी लापरवाही के कारण ही शुरू होता है और हमारी लापरवाही लोगों के कारण ही यह बढ़ता भी है, यदि हम किसी कार्य में देर तक लगे रहते हैं, चाहे वह कार्य बैठकर करने का हो या फिर वह कार्य खड़े होकर करने का हो, शरीर की एक जैसी स्थिति अधिक देर तक रहने के कारण कमर में दर्द होना स्वाभाविक है, यदि हम कार्य करते रहने के बीच में विश्राम नहीं लेते तो यह दर्द लगातार होने लगता है, जो भविष्य में बड़ा संकट बना कर सामने आता है, मांस पेशियों का खिंचाव, मांसपेशी में ऐंठन और तनावपूर्ण लिगामेंट। ऐसा काम जो ज्यादा देर तक एक ही अवस्था में बैठकर करना पड़े या जिसमें हाथों का ज्यादा प्रयोग हो वे कमर दर्द की वजह बनते हैं। बैठने और खड़े होने की स्थिति का सही ना होना, कहने का मतलब है,
यदि हमारी स्थिति बैठते और खड़े होते समय सही नहीं है, तो यह भी कमर दर्द का एक कारण बन सकता है, सही अवस्था में न सोना भी कमर दर्द को न्योता दे सकता है। शरीर में मेटाबोलिक रसायनों की कमी कमर दर्द की परेशानी दे सकती है। रीढ़ की बनावट में खराबी की वजह से या हड्डियों की सघनता में कमी आने से कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। ऐसी स्थिति में रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ता है जो दर्द के रूप में सामने आता है। गलत तरीके से उठना, बैठना, चलना-फिरना, टीबी, एंकाइलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस,कमर दर्द के सामान्य कारणों में शामिल है,
मांसपेशियों का खिंचाव, मांसपेशी में ऐंठन और तनावपूर्ण लिगामेंट। ऐसा काम जो ज्यादा देर तक एक ही अवस्था में बैठकर करना पड़े या जिसमें हाथों का ज्यादा प्रयोग हो वे कमर दर्द की वजह बनते हैं। अन्य कारणों में ठीक से न बैठना, खड़ा होना, सही अवस्था में न सोना शामिल है। शरीर में मेटाबोलिक रसायनों की कमी कमर दर्द की तकलीफ दे सकती है। रीढ़ की बनावट में खराबी की वजह से या हड्डियों की सघनता में कमी आने से कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। ऐसी स्थिति में रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ता है जो दर्द के रूप में सामने आता है। गलत तरीके से उठना, बैठना, चलना-फिरना, एंकाइलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, TB. जैसे रोग भी कमर दर्द की परेशानी के प्रमुख कारण हैं, यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से योग या आसन एवं व्यायाम करता है ऐसे व्यक्ति को कमर दर्द की परेशानी कम हुआ करती है,
कमर दर्द के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार (Ayurvedic Treatment and Home Remedies for Back pain)

* चूना :-
यदि किसी को कमर दर्द की शिकायत है तो उन्हें चाहिए, कि वह हर रोज शाम के समय दूध के साथ, एक गेहूं के दाने के बराबर शुद्ध गीले चुने का सेवन नियमित रूप से करें, चूना में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम घटक होता है, चूना के इस्तेमाल से कमर दर्द एवं शरीर के किसी भी हड्डी और मसल्स के दर्द में लाभ मिलता है। विशेष बात यह है कि चुने का इस्तेमाल करने वाले इंसानों में कभी भी हड्डी संबंधित दर्द नहीं होता है, क्योंकि चूने का नियमित इस्तेमाल, कैल्शियम की कमी को पूरा करता है, और यह शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं होने देता, इसके अलावा भी चुना के बहुत से लाभ हैं, जो लोग दूध के साथ चुना का नियमित इस्तेमाल करते हैं उन लोगों को, लगभग 50 बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं।
* शहद और चूना :-
एक चम्मच चुना और 3 चम्मच शहद का मिश्रण बनाकर दर्द वाले हिस्से पर लेप करके सूती कपड़ा लपेट दें, इस पेस्ट को कम से कम 4 घंटा लगे रहने दें,इस प्रयोग से कमर दर्द बिल्कुल ठीक हो जाता है,
* अजवाइन :-
एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में अच्छी प्रकार उबालकर सुबह शाम इसका सेवन करने से कुछ ही दिनों में कमर का दर्द पूरी तरह ठीक हो जाता है, लेकिन याद रहे अजवाइन का यह कहना दोपहर 12:00 बजे से साईं 4:00 के बीच में कर लेना चाहिए, क्योंकि अजवाइन का एक खास गुण होता है कि यह पित्त को बढ़ाती है, जिसके कारण मांसपेशियों में गर्मी आती है परिणाम स्वरूप मांसपेशियों एवं हड्डियों के दर्द में बहुत अधिक आराम मिलता है, लेकिन यदि इसका डे का इस्तेमाल रात को सोते समय या सुबह के समय करते हैं तो, यह शरीर में बेचैनी के साथ-साथ बदहजमी की शिकायत भी कर सकता है।
* कमर दर्द में करे तिल का प्रयोग :-
कमर दर्द से परेशान लोगों को चाहिए कि वह तिल के बने हुए लड्डू का रात को सोते समय दूध के साथ सेवन करें,
* तिल की पोटली :-
ढाई सौ ग्राम तिल पढ़ाई में डालकर गर्म कर लीजिए अब इन गर्म तेल को सूती एवं मोटे कपड़े में बांधकर पोटली बना लीजिए, रोगी को नीचे समतल जगह पर उल्टा लिटा लीजिए और कमर पर पोटली की मदद से कमर के जिस हिस्से में दर्द है, उस हिस्से पर पोटली से सिकाई करते रहें, पोटली से यह कमर की सिकाई लगभग आधा घंटा करें, जैसे ही तिल ठंडे हो जाए उन्हें फिर से पहले की तरह कढ़ाई में डालकर गर्म कर लीजिए, मात्र एक सप्ताह में इस प्रयोग द्वारा कवर का दर्द पूर्ण रूप से ठीक हो जाएगा।
कमर दर्द के लिए पत्तों का पकवान :-
पत्तों का पकवान कमर दर्द के लिए रामबाण औषधि है, यदि किसी व्यक्ति के कमर का दर्द हर प्रकार का उपाय करने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा, तो ऐसी स्थिति में पत्तों का पकवान जरूर प्रयोग कर लेना चाहिए, धतूरा के पत्ते, अरंड के पत्ते, अश्वगंधा के पत्ते, आर्क के पत्ते, ढाक के पत्ते, बराबर मात्रा में लेकर इनको छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लीजिए तथा गेहूं के आटे में मिलाकर गूथकर, एक मोटी रोटी बना लीजिए, इस त्रुटि को केवल एक हिस्से से ही पचाना है, दूसरे हिस्से पर तिल का तेल लगा कर हल्दी का पाउडर डाल दीजिए, अब इस रोटी को फल की गुनगुनी रहने तक कमर के जिस हिस्से में दर्द है उसके ऊपर बांधकर सूती कपड़ा इसके ऊपर लपेट दें, तथा सारी रात यह रोहित कमर पर बंधे रहने दें। यह प्रयोग एक सप्ताह तक करना अनिवार्य है, मात्र 1 सप्ताह में कमर का कितना भी पुराना दर्द हो पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा।