सफेद मुसली के फायदे, यह है अनेको बीमारियों का एक दम रामबाण इलाज, इसके इतने सारे असरदार उपाय जानकर रह जाओगे दंग?

सफेद मुसली के फायदे

सफ़ेद मूसली का परीचय?

सफेद मूसली को आमतौर पर मर्दाना ताकत को बढ़ाने वाली औषधि माना जाता है, जो सच भी है, सफेद मूसली एक शक्ति वर्धक जड़ी बूटी है आयुर्वेद में इसका प्रयोग एक औषधि के रूप में किया जाता है, सफेद मुसली के फायदे केवल मर्दाना ताकत के लिए नहीं किए जाते बल्कि इसके और भी बहुत सारे फायदे हैं जिनको जानने के बाद आप दंग रह जाएंगे, सफेद मूसली में मैग्निशियम,कैलशियम, कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर,पोटेशियम, प्रोटीन एवं कैलोरी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं, सफेद मुसली के बीज, पत्र, एवं जड़ों का अलग-अलग बीमारियों में अलग-अलग तरीकों से प्रयोग किया जाता है, आज हम इस लेख में विस्तार से जानेंगे,

सफेद मूसली के उन फायदों के बारे में जिनके बारे में आज तक आपने शायद अनुमान भी नहीं लगाया होगा, समाज में सफेद मूसली का प्रचलन केवल एक पुरुष शक्तिवर्धक के रूप में किया जाता है, यह सही भी है लेकिन सफेद मूसली के और भी बहुत सारे फायदे हैं जो विभिन्न बीमारियों एवं उपयोगों में पुरुषों एवं महिलाओं दोनों के लिए प्रयोग किए जाते हैं, और इसके प्रभावी लाभ भी हैं। सफेद मूसली के फूलों का रंग सफेद होता है यह एक पौधे के रूप में होती है, इसकी हरे रंग की लंबी-लंबी पत्तियां होती हैं, इसके पौधे की ऊंचाई केवल 2 से 3 फीट ऊंची होती है, वैसे तो इसकी जड़ मोटी होती है,

लेकिन यह बच्चे दार होती है छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित हाथ की उंगलियों के जैसी लगभग 2 से 3 इंच लंबी इसकी जड़े पौधे की मूर्ति जड़ के साथ जुड़ी होती हैं, जो स्वाद में मीठी होती हैं, वैसे तो इसके पौधे को मूसली का पौधा बोलते हैं लेकिन इस को प्रयोग में लाने के लिए इसकी जड़ों को छिला जाता है जो अंदर से सफेद निकलती है, इसीलिए इसका नाम सफेद मूसली रखा गया, इसके पौधे की जड़े कौन शक्ति को बढ़ाने वाली होती है, यह कफ नाशक भी होती है और सर्दी तथा गर्मी दोनों ही मौसम मैं इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होता, दूध पिलाने वाली माता यदि सफेद मूसली का सेवन करे तो उसके स्तनों में दूध की वृद्धि होती है, मोटापा बढ़ाने या कम करने के लिए भी सफेद मूसली के अपने विशेष गुण हैं, बवासीर एवं फेफड़े संबंधित रोगों में भी सफेद मूसली बहुत लाभकारी सिद्ध होती है, मधुमेह, खून की कमी, दिल संबंधित रोग और सेक्स संबंधित समस्याओं से निपटने के लिए सफेद मूसली का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है।

आइए जानते हैं सफेद मूसली के उन फायदों के बारे में जिनके बारे में या तो हमें बताया नहीं गया, या हमने कभी जानने की कोशिश नहीं ही नहीं की।

सफेद मुसली के फायदे

* मर्दाना कमजोरी में सफेद मुसली के फायदे :-       
सफेद मूसली के प्रयोग से मर्दाना ताकत में वृद्धि की जा सकती है, जिन लोगों को शिकायत है कि वह, अंतरंग संबंधों के दौरान अपने सेक्स पार्टनर को संपूर्ण सुख नहीं दे पाते उन लोगों को चाहिए कि वह सफेद मूसली का प्रयोग शुरू करें, सेक्स संबंधित शिकायत को दूर करने के लिए सफेद मूसली एक सर्वोत्तम औषधि है,

प्रयोग विधि :- एक चम्मच सफेद मूसली का पाउडर रात को बिस्तर पर जाने से लगभग 2 घंटा पहले दूध के साथ सेवन करें, याद रहे इसके सेवन से पहले हल्का भोजन कर लिया हो, सफेद मूसली के खाने के बाद भोजन नहीं करना है, इसका नियमित प्रयोग सेक्स संबंधित समस्याओं को दूर करता है और शरीर में स्फूर्ति एवं ताजगी देता है।

* कब्ज की समस्या में सफेद मूसली के फायदे :-         
यदि किसी व्यक्ति को कब्ज की शिकायत रहती है तो ऐसे व्यक्ति को चाहिए कि वह सफेद मूसली का प्रयोग रात को सोने से पहले गर्म दूध के साथ करें, क्योंकि सफेद मूसली में पर्याप्त रूप से फाइबर होता है, इसलिए है शरीर में कब्ज की शिकायत नहीं होने देती हो, शरीर में इकट्ठा हुए मल को बाहर निकाल देती है।

* वीर्य में शुक्राणु बढ़ाने के लिए सफेद मूसली का प्रयोग :-       
जिस किसी व्यक्ति के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम है या शुक्राणुओं की गति कम है, तो उन व्यक्तियों को चाहिए कि वह नियमित रूप से सफेद मूसली का प्रयोग करें, जिन व्यक्तियों के शुक्राणु कमजोर है या वीर्य में शुक्राणुओं की कमी है, ऐसे व्यक्तियों को चाहिए कि वह रात में खाना ना खाएं और प्रतिदिन गुनगुने दूध के साथ सफेद मूसली का प्रयोग रात को सोने से लगभग एक घंटा पहले करें।

* माताओं के स्तनों में वृद्धि करता है सफेद मूसली का प्रयोग :- 
     
जिन माताओं के स्तनों में दूध की मात्रा का उत्पादन कम होता है, उन माताओं को चाहिए कि वह एक चम्मच सफेद मुसली पाउडर में एक चम्मच मिश्री पाउडर मिलाकर तथा इसमें आधा चम्मच जीरा पाउडर मिलाकर सुबह के समय दूध के साथ सेवन करें, इस प्रयोग के द्वारा मात्र 24 घंटे में माता के स्तनों में दूध बनने की प्रक्रिया में तेजी आएगी।

* मूत्र संबंधित समस्या में सफेद मुसली के फायदे :-         
जिस किसी व्यक्ति को मूत्र संबंधित समस्या है, उसे मित्र रुक रुक कर आ रहा है या मूत्र त्याग करते समय जलन होती है तो ऐसे व्यक्तियों को चाहिए कि वह प्रतिदिन एक चम्मच सफेद मुसली पाउडर, एक चम्मच मिश्री पाउडर गुनगुने पानी के साथ शाम के समय सूरज ढलते वक्त प्रयोग करें, इस प्रयोग को शुरू करते ही पहले ही दिन से चमत्कारिक लाभ पहुंचेगा।

* सफेद पानी की समस्या में सफेद मूसली के फायदे :-       
जिन महिलाओं को सफेद पानी की शिकायत है उन महिलाओं को चाहिए कि वह एक चम्मच सफेद मुसली पाउडर सुबह के समय खाली पेट गुनगुने पानी के साथ प्रतिदिन सेवन करें, मात्र 1 सप्ताह में पुराने से पुराना श्वेत प्रदर रोग समाप्त हो जाता है।

* कमजोरी में सफेद मुसली के फायदे :- 
जिन महिला एवं पुरुषों को कमजोरी की शिकायत है, चलते समय चक्कर आते हो, या उठते बैठते आंखों के सामने अंधेरा दिखाई देती हो, ऐसे व्यक्तियों को चाहिए कि वह शाम के समय हर रोज एक चम्मच सफेद मूसली का प्रयोग मुनक्का के साथ उबले हुए दूध में करें।

किसी भी प्रकार के मांसपेशियों के दर्द के लिए सफेद मुसली के फायदे :-       
सफेद मूसली के हरे पत्तों के ऊपर तिल का तेल लगा कर तथा इन पत्तों को गर्म करके शरीर के जिस हिस्से पर मांसपेशियों का दर्द है उस हिस्से पर गुनगुने पत्ते बांधने से मांसपेशियों के दर्द में काफी आराम मिलता है।

* कामेच्छा की कमी में सफेद मुसली के फायदे :-       
यदि किसी महिला या पुरुष में कामेच्छा की कमी है, तो उन्हें चाहिए कि वह सफेद मूसली के फायदे जरूर ले, कामेच्छा को सुदृढ़ बनाने के लिए सफेद मूसली एक सर्वोत्तम औषधि है, क्योंकि कई बार मानसिक तनाव के चलते हुए तथा कई बार मौसम के प्रतिकूल प्रभाव के कारण पुरुष या महिला दोनों ही में या किसी एक में कामेच्छा की कमी हो जाती है, जिसके चलते हुए हैं अपने जॉन साथियों को व सुख नहीं दे पाते जिसकी मूल आवश्यकता होती है, ऐसी स्थिति में सफेद मुसली के फायदे लेना बहुत आवश्यक हो जाता है। 

प्रयोग विधि :-
100 ग्राम सफेद मूसली, 100 ग्राम गुडूची सत्त्, 100 ग्राम कौंच बीज, 100 ग्राम गोखरू, 100 ग्राम सेमलकंद, 100 ग्राम आँवला तथा 100 ग्राम मिश्री लें। इनका चूर्ण बना लें। इसे 2-4 ग्राम की मात्रा को गाय के घी में मिलाकर दूध के साथ पीने से सेक्स करने की इच्छा बढ़ती है।

* तपेदिक की बीमारी में सफेद मूसली के फायदे :-         
जो व्यक्ति तपेदिक की समस्या से जूझ रहे हैं उन व्यक्तियों को चाहिए कि वह सफेद मूसली का इस्तेमाल दूध के साथ करें, क्योंकि सफेद मूसली एक शक्ति वर्धक औषधि है, इसमें वह सारी चीजें मौजूद है, जिन की कमी के चलते तपेदिक रोग सक्रिय होता है, अतः तपेदिक से पीड़ित रोगियों को चाहिए कि वह नियमित रूप से दूध के साथ सफेद मूसली के पाउडर का प्रयोग करें, यह शरीर को शक्ति देता है, स्पूर्ति देता है और शारीरिक बल के साथ-साथ मानसिक बल भी प्रदान करता है।
 
* मधुमेह के रोगियों के लिए सफेद मूसली के फायदे :-
         
जो व्यक्ति मधुमेह से ग्रसित है उनके लिए सफेद मूसली का प्रयोग आवश्यक इसलिए हो जाता है क्योंकि मधुमेह रोग का शरीर में उत्पन्न होना सेक्स संबंधित समस्याओं को बढ़ाता है, मधुमेह के रोगियों में सेक्स की इच्छा धीरे-धीरे कम होने लगती है, जो मानसिक रूप से रूबी एवं उसके जीवन साथी को मानसिक समस्या देती है, ऐसी स्थिति में चाहिए कि मधुमेह के रोगी सफेद मूसली का प्रयोग करें, ताकि सेक्स संबंधित समस्या का निवारण किया जा सके।

* गर्भवती महिला के लिए सफेद मुसली के फायदे :-       
गर्भवती महिला के लिए तथा उसके पेट में पल रहे बच्चे के लिए सफेद मूसली बहुत ही लाभदायक होती है, गर्भवती महिला यदि नियमित रूप से सफेद मूसली का सेवन करती है तो गर्भवती महिला एवं उसका बच्चा दोनों का स्वास्थ्य ठीक रहता है, प्रसव के बाद भी सफेद मूसली के प्रयोग से चेचक के स्तनों में दूध बनने में सफेद मूसली फायदा करती है।
 
विशेष :-
गर्भवती महिला को सफेद मूसली का सेवन करने से पहले अनुभवी आयुर्वेदाचार्य का परामर्श जरूर लेना चाहिए। क्योंकि यह स्थिति बहुत ही नाजुक होती है, इसलिए इसकी स्थिति में किसी अनुभवी आयुर्वेदाचार्य के संरक्षण में ही इसका प्रयोग करें।

* सफेद मूसली खाने की विधि और तरीका :-         
सफेद मूसली के खाने की खुराक हर व्यक्ति में उम्र, शरीर, मजबूती और भूख पर निर्भर करती है। अगर सफ़ेद मूसली की मात्रा से आपकी भूख पर किसी प्रकार का कोई भी प्रभाव पड़ता है तो इसकी खुराक लेने की मात्रा को कम कर दें।

* सफेद मूसली खाने की विधि :-           
बच्चों के लिए – 25 से 50 मिलीग्राम प्रति किलो वजन के अनुसार (लेकिन बच्चों को एक बार में 1 ग्राम से अधिक न दें)किशोर (13 -17वर्ष) – 1.5 से 2 ग्राम सफेद मूसली का सेवन करें।वयस्क (18 से 60 वर्ष) – 3 से 6 ग्राम सफेद मूसली खाएं।वृद्धावस्था (60 वर्ष से ऊपर) – 2 से 3 ग्राम बूढ़े लोगों को सफेद मूसली का ही सेवन करना चाहिए।गर्भावस्था – 1 से 2 ग्राम सफेद मूसली गर्भावस्था में महिलाओं को खानी चाहिए।स्तनपान करा रही महिला – 1 से 2 ग्राम सफेद मूसली स्तनपान कराने वाली महिलाओं को खानी चाहिए।अधिकतम डोज – प्रति दिन 12 ग्राम (अलग-अलग खुराकों में)।आप सफेद मूसली को सुबह और शाम खाना खाने के दो घंटे बाद गुनगुने दूध के साथ लें। पूरे दिन में दो बार आपको सफेद मूसली का सेवन करना है। अगर आपको इसके सेवन से भूख में कमी महसूस होती है तो इसकी खुराक को थोड़ा कम कर दीजिए। इसकी उतनी ही मात्रा लें जितना कि आप आसानी से पचा सके।