यौन संचारित रोग के इलाज, जाने हिंदी में, सबसे तेज इलाज, वो भी बिना किसी डॉक्टर की साहयता के?

यौन संचारित रोग के इलाज

यौन संचारित रोग वे रोग होते हैं जो इंसान को गुप्तांगों में हो जाते हैं, हमारे समाज में गुप्त रोगों के साथ स्टिग्मा जुड़ा हुआ है, यदि किसी इंसान के गुप्तांग में खुजली हो जाए, और वह अपने गुप्तांग पर खो जाने लगे तो उसको असभ्य समझा जाता है, जबकि गुप्त रोग की समस्या वह समस्या है जो प्रत्येक इंसान को कभी ना कभी किसी न किसी रूप में अवश्य होती है। 

यौन संचारित रोग, मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं

1- RTI/ Reproductive Track Infection अर्थात प्रजनन अंगों के संक्रमण :-  
यह संक्रमण सामान्य पर अपने आप हो जाते हैं जो किसी को भी मौसम बदलने पर या जननांगों के आसपास पसीना या नमी रहने पर स्वता ही हो जाया करते हैं, यदि सही समय पर हम इनका ट्रीटमेंट कर लेते हैं तो यह बिल्कुल ठीक हो जाते हैं।  परंतु लापरवाही बरतने पर यह लोग गंभीर रूप भी ले सकते हैं, RTI संक्रमित व्यक्ति यदि किसी के साथ अंतरंग संबंध बनाता है तो यह संक्रमण वह अपने सेक्स पार्टनर को भी दे सकता है। 

STI/STD sexually transmitted infection Or Disease अर्थात यौन संचारित संक्रमण या रोग।  :- 
जब एक संक्रमित व्यक्ति किसी स्वस्थ व्यक्ति के साथ सेक्स संबंध स्थापित करता है तो यह संक्रमण अपने स्वस्थ साथियों को भी दे देता है, स्वस्थ व्यक्ति को हुआ अपने साथी द्वारा यह संक्रमण STI/STD कहलाता है। 

किसी भी प्रकार के गुप्त रोगों का यदि सही समय पर उचित उपचार न किया जाए तो यह लाइलाज बीमारी का रूप धारण कर सकती है और व्यक्ति को भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 

आइए बात करते हैं गुप्त रोगों एवं यौन संचारित रोगों के विभिन्न लक्षणों के बारे में। 

स्त्री हो पुरुष यौन संक्रमित रोग दोनों को हो सकते हैं, इसीलिए जरूरी है कि अपने शरीर का रखरखाव ठीक से देखभाल, एवं जिम्मेदारी पूर्वक, सहवास या अंतरंग संबंधों का बनाना। यौन संचारित रोगों के लक्षण 

*सेक्स करते समय जननांगों में दर्द होना। 

* पेशाब करने के दौरान पेशाब का लग-लग कर आना या मूत्र मार्ग में दर्द होना। 

* औरतों की योनि मैं या योनि के आसपास खुजली खुजली का होना

* योनि से अप्राकृतिक एवं अत्यंत बदबूदार स्राव का होना। 

* पुरुषों के लिंग में छोटे छोटे दाने हो जाना। 

* लिंग में जगह-जगह लाल रंग के रेशे हो जाना। 

* पैरों के बीच में अर्थात जांघों पर दाद खाज खुजली का हो जाना। 

* मुंह में छाले या लाल रे से हो जाना।

* मलद्वार में फोड़े फुंसी होना या जलन का रहना।

STI/STD/ यौन संचारित रोगों के कारण

 महिलाओं तथा पुरुषों में यौन संचारित रोगों के अनेकों कारण है, जिनके विषय में जानना हमें इन रोगों से बचने में हमारी सहायता कर सकता है। आइए जानते हैं यौन संचारित रोगों के कारणों के बारे में। 

* अपने तथा अपने जीवन साथी के स्वास्थ्य के प्रति हमारी लापरवाही यौन संचारित रोगों का सबसे पहला और सबसे बड़ा कारण है। 

* संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करना

* संक्रमित व्यक्ति अपने स्वस्थ साथी के साथ बिना किसी सावधानी एवं सुरक्षा के उसे अपने संक्रमण की स्थिति से अवगत ना करा कर शारीरिक संबंध स्थापित करना। 

* शारीरिक संबंध स्थापित करते समय कंडोम आदि का प्रयोग ना करना। 

* एनल के रास्ते सेक्स करना। 

* संदेह होने के पश्चात भी अपनी जांच एवं उपचार ने कराना

* एक से अधिक व्यक्तियों के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करना। 

* नशीले पदार्थों का सेवन करना तथा उनके कारण जोखिम उठाना। 

* लंबे समय तक अपने परिवार से दूर रहना यौन संचारित रोगों को बढ़ावा देता है। 

* एचआईवी और एड्स जैसे गंभीर संक्रमण। 

* रोग प्रतिरोधक क्षमता का क्षीण होना। 

* अप्राकृतिक यौन संबंध स्थापित करना। 

 *जानवरों के साथ यौन संबंध स्थापित करना। 

STD/यौन संचारित रोगों का आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार

1- फिटकरी :- 
किसी भी तरह की दाद, खाज,  खुजली वह चाहे हमारे पैरों के बीच में हो चाहे हमारे चैनल पर या योनि पर, सुबह शाम फिटकरी के पानी से धोने पर बहुत कम समय में बिल्कुल ठीक हो जाती है। 

2- गिलोय :- 
गिलोय के काढ़े का निरंतर सेवन हमें किसी भी प्रकार की चमड़ी की परेशानी नहीं होने देता, लेकिन यदि हमें चमड़ी की कोई परेशानी हो गई है तो इसके लिए एक कप गिलोय का काढ़ा सुबह-शाम पीना चाहिए। 

3- शीशम के पत्ते :- 
शीशम के पत्ते को पीसकर बाहरी यौन संचारित रोगों के ऊपर लगाने से काफी आराम मिलता है।
 
4- अश्वगंधा :- 
अश्वगंधा के पत्तों को पीसकर लिंग या योनि के आसपास हुए घाव और रेशों पर लगाने से मात्र 3 से 5 दिन में ही बिल्कुल ठीक कर देती है। 

5- गोमूत्र :- 
एक कप ताजा गोमूत्र का सेवन रोजाना खाली पेट करने से किसी तरह की कोई भी स्किन की प्रॉब्लम नहीं होती है, यदि किसी को यौन संचारित रोग भी लग गया है तो वह इसके निरंतर प्रयोग से श्वेता ही ठीक हो जाएगा। 

6- हल्दी और गेंदे का फूल :- 
कच्ची हल्दी और गेंदे के फूल की गोमूत्र के साथ चटनी बनाएं यह चटनी किसी भी तरह के दाद खाज खुजली फोड़े फुंसी के ऊपर लगाने से, उसे चमत्कारिक रूप से बहुत जल्दी स्वस्थ कर देती है। 

7- भृंगराज :- 
भृंगराज के पत्तों को आज के ऊपर गर्म करके निचोड़ कर उसका रस निकाल कर संक्रमित जगह पर लगाने से संक्रमण 2 से 3 दिन में ठीक हो जाता है। 

8- नीम के पत्ते :- 
नीम के पत्तों को पानी में पकाकर उस पानी से नहाने पर हर तरह की स्किन प्रॉब्लम से छुटकारा मिलता है। 

9- कपूर, पुदीना, अजवाइन :- 
कपूर 10 ग्राम, पिपरमिंट 10 ग्राम, अजवाइन का तेल 10 ग्राम सभी को मिलाकर एक कांच की शीशी में भरकर रख लें,  किसी भी तरह की स्किन प्रॉब्लम के ऊपर लगाएं 3 से 5 दिन में स्किन के सभी प्रॉब्लम का खत्म कर देती है। 

10- केले का तेल :- 
किसी भी तरह के किन संक्रमण के लिए केले का तेल एक रामबाण औषधि है, इसके प्रयोग से हर प्रकार की स्किन डिजीज 1 सप्ताह में ही बिल्कुल ठीक हो जाती है

11- कुंदरू  :- 
कुंदरू की बेल के पत्तों का ताजा रस निकालकर संक्रमण की जगह लगातार 1 सप्ताह लगाने से स्किन संक्रमण को जड़ से खत्म कर देता है निशान तक नहीं रहने देता।