ब्रेन हेमरेज का घेरलू, आयुर्वेदिक, और रामबाण इलाज पुरे विस्तार और विधिपूर्वक
ब्रेन हेमरेज (मस्तिष्क आघात) के कारण
ब्रेन हेमरेज(मस्तिष्क आघात)का घेरलू, आयुर्वेदिक, और रामबाण इलाज के साथ ही हमे यह भी जानना जरुरी है, की यह है क्या, और इसके कारण क्या है, मस्तिष्क में एकाएक आघात लगने को आमतौर पर ब्रेन हेमरेज कहा जाता है, मस्तिष्क में उपस्थित धनी के फट जाने के कारण ब्लड मस्तिष्क में जगह-जगह पर रिसने लगता है, और रुक जाता है, उसके थक के बन जाने के कारण, हमारा ब्रेन शरीर पर कंट्रोल खो देता है, जिसके कारण शरीर के अंग स्थिर होने लगते हैं, यदि समय पर ट्रीटमेंट न दिया जाए, तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है, ऐसा अक्सर हाई ब्लड प्रेशर की वजह से, या व्यक्ति को कोई मानसिक आघात लगने की वजह से, एकदम से कोई ज्यादा खुशी वाली बात सुन लेने से, मस्तिष्क में चल रहे डिप्रेशन या तनाव की वजह से भी ऐसा हो सकता है।
2 साल पहली बात है हमारी मीटिंग चल रही थी, डॉ गुप्ता सेशन ले रहे थे, अचानक खड़े-खड़े उनको झटका सा लगा, एकदम बहुत जोर से चिल्लाए, और अपना सर पकड़ कर बैठ गए, हम सब लोगों ने उनके पास जाकर पूछा कि क्या हुआ? तो उन्होंने जवाब दिया कुछ नहीं, मैं बिल्कुल ठीक हूं, एकाएक सर में बहुत तेज दर्द उठा था, मानों सर की नस फट गई हो, लेकिन अब मैं बिल्कुल ठीक हूं,
ऐसा कहकर डॉक्टर गुप्ता फिर से अपना सेशन लेने लगे, उन्होंने अपना स्टेशन पूरा लिया लगभग 1 घंटे का समय लगा, सेशन लेने के बाद जब वह अपनी सीट पर बैठे तो उनकी आंखें अचानक बंद होने लगी, पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मुझे लग रहा है कि मेरे सर में कुछ अंदर ही अंदर बह रहा है वैसे तो मैं बिल्कुल ठीक हूं लेकिन मैं फिर भी कुछ असहज महसूस कर रहा हूं, मीटिंग में डॉक्टर शर्मा भी मौजूद थे जो न्यूरोलॉजिस्ट है, उन्होंने हम लोगों से बोला किधर किए बिना डॉ गुप्ता को हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ेगा मुझे डाउट है कि इनको ब्रेन हेमरेज हुआ है,
इस पर डॉ गुप्ता से और बोले नहीं डॉक्टर शर्मा ऐसा नहीं है मुझे नहीं लगता कि ऐसा हुआ होगा,
एक बार जांच कराने में नुकसान ही क्या है डॉक्टर गुप्ता आइए इमरजेंसी में चलते हैं और एक जांच करा लेते हैं, इमरजेंसी में जाते-जाते डॉक्टर गुप्ता की हालत खराब हो चुकी थी, जैसे उनकी जांच हुई तो पता लगा कि डॉक्टर गुप्ता को सच में ब्रेन हेमरेज हुआ था, आनन-फानन में उनको ट्रीटमेंट दे दिया गया, और उनकी जान बचा ली गई।
यह वाक्य बताने का मतलब केवल इतना सा है, कि सर में एकदम से बहुत ज्यादा तेज दर्द को कभी भी अनदेखा न करें।
क्योंकि यदि ऐसा दर्द जो कभी पहले हुआ ही नहीं है, यदि हमारे मस्तिष्क में होता है, तो बहुत ज्यादा सम्भावना होते हैं, कि वह दर्द ब्रेन हेमरेज हो।
ब्रेन हेमरेज के लक्षण :-
* शरीर में अचानक से बहुत ज्यादा दर्द का होना, ऐसा दर्द जो जीवन में पहले कभी नहीं हुआ हो।
* शरीर में बहुत ज्यादा बेचैनी हो जाना आंखों में दर्द होना, और शरीर में दर्द का एकदम से बंद होकर मस्तिष्क में सूनापन सा हो जाना।
* मस्तिष्क का सुन्न हो जाना, लगना के जैसे हम सुनने में जी रहे हैं।
* कभी मस्तिष्क में बहुत ज्यादा हलचल होना तो कभी एकाएक दर्द का हो जाना फिर एकदम से ऐसा प्रतीत हो ना कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
* धीरे-धीरे शरीर के अंगो का निष्क्रिया होते चले जाना।
* बोलने में हकलाहट होना, और किसी साधारण वाक्य को भी ठीक से ना बोल पाना।
* जुबान को बाहर निकालने पर जुबान एक साइड में मुड़ी हुई दिखाई देना।
* सोचने और समझने की शक्ति में गिरावट आना।
* मन का मिश्रण और उल्टी की संभावनाएं होना,
* चेहरे और हाथों पैरों में चींटी सी चलना प्रतीत होना।
* हाथ या पैर या दोनों ही में कमजोरी महसूस होना।
* देखने की क्षमता एकदम से कम हो जाना।
* चक्कर आना।
* सर में तेज दर्द के बाद बेहोशी हो जाना।
ब्रेन हेमरेज होने के कारण।

ब्रेन हेमरेज होने के कई सारे कारण हैं, ज्यादातर कारण मानसिक होते हैं आईए प्रकाश डालते हैं ब्रेन हेमरेज के कारणों पर।
* व्यक्ति को मानसिक आघात लगना ब्रेन हेमरेज का मुख्य कारण है।
* सर पर चोट लग जाने के कारण भी ब्रेन हेमरेज हो सकता है।
* ज्यादा ब्लड प्रेशर होना भी अक्सर ब्रेन हेमरेज हो होने की एक वजह बन जाता है।
* किसी भी कारण से मस्तिष्क की नस का फट जाना।
* दिमागी बुखार भी इसकी एक प्रमुख वजह है।
* ब्रेन में ट्यूमर होने की वजह से भी ब्रेन हेमरेज होने की आशंका है बहुत व्यापक होती हैं।
* बहुत ज्यादा डिप्रेशन या तनाव के कारण भी मस्तिष्क की नस फट जाती है।
* अत्याधिक नशीले पदार्थों का सेवन भी इस समस्या का मूल कारण है।
आइए जानें कि ब्रेन हेमरेज होने की वजह से हमें क्या क्या समस्या आ सकती हैं अर्थात हमें किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
* यदि किसी व्यक्ति को ब्रेन हेमरेज हुआ है तो वह लकवा ग्रस्त हो सकता है।
* ब्रेन हेमरेज की वजह से शरीर के अंगों में स्थिलता आ सकती है ।
* शरीर के अंगों में सूनापन हो सकता है।
* खाना चबाने एवं निगलने में परेशानी हो सकती है।
* आंखों से कम दिखाई देने लगता है या अंधापन भी आ सकता है।
* अपनी बात कहने या दूसरे की बात समझने में परेशानी हो सकती है।
* भूलने की बीमारी हो सकती है।
आइए जानें ब्रेन हेमरेज होने के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार।

1- यदि किसी को ब्रेन हेमरेज हुआ है तो बिना देर किए उसे सबसे पहले हॉस्पिटल मैं ले जाएं और इमरजेंसी में एडमिट करें।
2- सामान्यता सीटी स्कैन और एमआरआई के द्वारा ब्रेन हेमरेज का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
3- ब्रेन हेमरेज के लिए योगासन एवं प्राणायाम बहुत जरूरी है, यह कुछ ही दिनों में ब्रेन हेमरेज को पूरी तरह से ठीक कर देते हैं।
4- मालकांगनी का तेल रात को सोते समय नाक में एक एक बूंद डालने से ब्रेन हेमरेज की समस्या कभी नहीं होगी।
यदि किसी को हो चुके हैं तो भी यह प्रयोग बहुत ही गुणकारी है और बहुत ही कम समय में ब्रेन हेमरेज से होने वाली समस्याओं से छुटकारा दिला देता है।
5- मालकांगनी का तेल एक चम्मच प्रतिदिन नियमित रूप से यदि सोते समय दूध के साथ भी आ जाए तो ब्रेन हेमरेज के समस्या को न तो होने देता यदि किसी को हो चुकी है तो उसको भी बिल्कुल ठीक करने में सक्षम है।
6- लहसुन की पोथी छीलकर मक्खन के साथ मिला कर खाने से ब्रेन हेमरेज द्वारा हो रही समस्याओं से निजात मिलती है।
7- भाप के स्नान से भी ब्रेन हेमरेज से होने वाली समस्याओं को पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है चाहे वह शरीर में लकवा ही क्यों ना हो।
8- कलौंजी का आधा चम्मच तेल दो चम्मच शहद में मिलाकर सुबह शाम चाटने से मात्र 15 दिन में चमत्कारी आराम मिलता है।
9- मेडिटेशन भी ब्रेन हेमरेज के मरीजों के लिए बहुत लाभदायक होता है।
10- ब्रेन हेमरेज के रोगी के लिए तुलसी और अदरक का काढा नियमित रूप से पिलाने पर, बहुत असरदार आराम मिलता है।