बाँझपन का आयुर्वेदिक उपचार, करे घर पर ही इलाज, वो भी बिना किसी डॉक्टर की सहायता, हिंदी में?

बाँझपन का आयुर्वेदिक उपचार

बाँझपन का आयुर्वेदिक उपचार, जानने से पहले यह है क्या

बाँझपन का आयुर्वेदिक उपचार, से पहले जाने यह होता क्यों है, मां बनना हर महिला का एक सपना होता है, क्योंकि इस सृष्टि को आगे बढ़ाने के लिए सृष्टि के संचालन में हमारा योगदान तभी शुद्ध माना जाता है, जब हम सृष्टि को आगे बढ़ाने के लिए कम से कम एक जीवन  का सर्जन करें! परंतु बहुत सी महिलाओं का यह सपना केवल सपना बनकर रह जाता है, जिसके लिए उसको आत्मग्लानि और जीवन भर दुखो का सामना करना पड़ता है, औरत खुद को तभी पूर्ण मानती है, जब वह मां बन जाए, लेकिन कुछ औरतों में यह संभव नहीं हो पाता क्योंकि उनके शरीर में व्याप्त बांझपन उनके सपने को तोड़ देता है, 

औरत को बच्चा होने का कारण केवल औरत का बांझपन ही नहीं, अपितु बहुत से केसों में यह भी देखा गया है, कि पुरुषों का बांझपन भी महिलाओं के मां बनने के सपने को चकनाचूर कर देता है, क्योंकि बांझपन केवल महिलाओं में ही नहीं होता बल्कि पुरुषों में भी बांझपन की समस्या पाई जाती है।  यदि किसी महिला में बांझपन की समस्या है तो उसे अपने टेस्ट कराने के साथ-साथ अपने पुरुष साथी का भी बांझपन का टेस्ट कराना बहुत जरूरी हो जाता है। क्योंकि यदि दोनों में से किसी एक को भी यह समस्या है तो महिला को गर्भधारण करने में अड़चनें आती रहेंगी,  

महिला एवं पुरुष यदि दोनों ही एक साथ टेस्ट करा लेते हैं दोस्त गर्भधारण न होने का सही कारण पता लग जाता है एवं इलाज को सही तरीके से आगे बढ़ाया जा सकता है जिसके कारण महिला के गर्भ धारण में हो रही समस्याओं का समाधान हो सकता है।

महिलाओं में बांझपन के लक्षण

महिलाओं में बांझपन के लक्षण मुख्यतः शादी के 2 से 3 साल बाद पता लगने लगते हैं, क्योंकि शादी होने के बाद प्रेगनेंसी रहने में हो रही देरी इस बात पर सोचने पर मजबूर कर देती है कि प्रयासों के बावजूद गर्भधारण क्यों नहीं हो पा रहा है,  आइए जानते हैं महिलाओं में होने वाले बांझपन के क्या क्या लक्षण है। 

* विवाह के बाद लंबे समय तक गर्भ धारण न हो पाना इस समस्या का लक्षण प्रकट करता है। 

* अनियमित मासिक धर्म भी इस समस्या की पहचान हो सकता है। 

* कई बारमासिक धर्म का न आना भी इस समस्या का प्रमुख लक्षण माना जाता है। 

* यौन संबंध बनाने मैं रुचि का बिल्कुल न होना या कम रुचि होना 

* वजन का अधिक बढ़ जाना भी एक प्रमुख लक्षण और कारण माना जाता है। 

*यौनिक क्रिया के दौरान बहुत ज्यादा दर्द होना। 

* चेहरे के ऊपर अत्यधिक बाल हार्मोन डिसबैलेंस को दर्शाते हैं जो बांझपन का एक लक्षण भी है। 

महिलाओं में बांझपन के कारण

जहां महिलाओं में बांझपन के कारणों के बारे में बात करते हैं तो हम पाते हैं कि बांझपन का कोई एक कारण नहीं अभी तो बहुत से कारण हो सकते हैं जिनके बारे में यदि हमें सही समय पर मालूम हो जाए तो हम उन कारणों को दूर करके इस समस्या से निजात पा सकते हैं, और अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं आइए जानते हैं बांझपन के विभिन्न कारणों के बारे में। 

* हार्मोन अल डिसबैलेंस :- शरीर में हारमोंस का डिसबैलेंस होना इनफर्टिलिटी या बांझपन की समस्या को जन्म देता है। 

* गर्भाशय की असामान्य संरचना भी इसका एक प्रमुख कारण है। 

* हेलो पिंटू बुखार संक्रमित हो ना या डैमेज होना भी इनफर्टिलिटी का एक प्रमुख कारण है। 

* कई बार देखा गया है कि गर्भपात कराना थी बांझपन की समस्या को जन्म दे देता है। 

* सेक्स 25 बहुत ज्यादा होने के कारण बच्चेदानी पर सूजन भी बांझपन का मुख्य कारण बन जाती है। 

* मोटापा भी इसकी एक बड़ी वजह समझी जाती है। 

* सेक्सोलॉजिस्ट की माने तो अप्राकृतिक यौन संबंध भी इस समस्या का अपवर्तक के कारण है। 

* ओवरी द्वारा एग रिलीज ना होना या  एग ना बनना भी एक रीजन है। 

* पुरुष का स्पर्म काउंट भी इसकी एक बड़ी वजह है। 

* शारीरिक और मानसिक स्ट्रेस के कारण भी बांझपन की समस्या उत्पन्न होती है। 

* सही समय पर फिजिकल रिलेशन न बनने के कारण यह समस्या हो सकती है। 

* खानपान भी इसकी एक मुख्य वजह मानी जाती है। 

* उम्र का बढ़ना भी इसका एक प्रमुख कारण है। 

* बच्चेदानी का इन्फेक्शन भी प्रेगनेंसी ठहरने में परेशानी करता है। 

* यदि किसी को सेक्स संबंधित बीमारियां हैं तो इस स्थिति में भी गर्भधारण नहीं रहता। 

बांझपन या इनफर्टिलिटी के आयुर्वेदिक एवं घरेलू इलाज

1-चूना :- 
चूना बांझपन की सबसे अच्छी दवा है आयुर्वेद में चूने को महिला एवं पुरुष दोनों ही के बांझपन के उपचार के लिए आदर्श औषधि माना गया है।  सेवन विधि :- एक गेहूं के दाने के बराबर चूना ले उसे दही में मिलाकर पति पत्नी दोनों को नियमित रूप से खाने से बांझपन की समस्या दूर होती है। 

2- अशोक की छाल :- 
सौ ग्राम अशोक की छाल को 300 ग्राम पानी में तब तक उबालना है जब तक कि पानी एक चौथाई न रह जाए, अब इस तैयार औषधि को छोड़कर कांच की बोतल में भरकर रख लीजिए।  
सेवन विधि :- पीरियड समाप्त होने के 3 दिन बाद इसका सेवन शुरू करना है और मात्र 3 दिन इसका सेवन करना है,  दिन में तीन बार लेना है,  तीन चम्मच औषधि को आधा कप पानी में मिलाकर खाना खाने के 5 मिनट बाद दिन में तीन बार लें, जैसे ही आप के 3 दिन कंप्लीट होते हैं अगले 6 दिनों तक लगातार सेक्स प्रैक्टिस में बने रहे।  ईश्वर ने चाहा तो बांझपन की समस्या दूर होकर गर्भधारण हो जाएगा। 

3- कलौंजी :-
कलौंजी के प्रयोग के द्वारा पानी फोन की समस्या को खत्म किया जा सकता है,  एक चम्मच कलौंजी पाउडर सुबह के समय गुनगुने पानी के साथ खाली पेट लेने से गर्भधारण में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है, यह प्रयोग जिस दिन मासिक धर्म शुरू होता है उसी दिन से शुरू करके मासिक धर्म के खत्म होने के 3 दिन बाद तक करना चाहिए,  मासिक धर्म के खत्म होने से 5 दिन बाद से लेकर अगले 1 सप्ताह तक नियमित रूप से शारीरिक संबंध बनाने जरूरी है। नोट :- पुरुष के लिए यह प्रयोग एक महीना करना अनिवार्य है। 

4- अदरक और दालचीनी :- 
अदरक पोरस और दालचीनी बराबर मात्रा में मिलाकर रख ले आधा चम्मच मासिक धर्म के पहले दिन से गर्म दूध के साथ शुरू कर दें और मासिक धर्म के खत्म होने के 3 दिन बाद तक नियमित रूप से रात को सोते समय ले।  पीरियड रुकने के 5 दिन बाद से लगातार एक सप्ताह हर रोज सेक्स करें। नोट :- दूध को चीनी से मीठा करने के स्थान पर गुड से मीठा करें। 

5- सौफ का काढ़ा :- 
दो चम्मच सौंफ को 4 कप पानी में इस तरह उबाले कि वह पानी उबल कर दो कप रह जाए, मिठास के लिए इसमें मिश्री डाल सकते हैं,  पति-पत्नी दोनों इसको लगातार एक महीना तक पिए, यह पुरुषों के स्पर्म काउंट को बढ़ाता है और महिलाओं के अंडे मैं ग्रोथ भी करता है, गर्भ धारण करने का सबसे आसान एवं सबसे अच्छा नुस्खा है,  विश्वास के साथ एक बार जरूर आजमाएं।