अस्थमा के आयुर्वेदिक उपाय, वो भी बिना किसी डॉक्टर की सहायता के, खुद बने खुद के डॉक्टर, एकदम नेचुरल उपाय?

अस्थमा के आयुर्वेदिक उपाय, वो भी घरेलु और रामबाण इलाज हिंदी में?

अस्थमा के आयुर्वेदिक उपाय के साथ कारण, लक्षण

अस्थमा के आयुर्वेदिक उपाय के साथ कारण, भारत में अस्थमा रोग एक विकट समस्या का रूप ले चुका है, हमारे देश में अस्थमा से ग्रसित लोगों  की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैंडब्ल्यूएचओ की माने तो भारत में प्रत्येक वर्ष 3.5 लाख से ज्यादा मौतें केवल अस्थमा के कारण ही होती हैं,

डब्ल्यूएचओ ने खुलासा किया है कि भारत में हर रोज लगभग 1000 नए केस अस्थमा के रजिस्टर्ड होते हैं जो बहुत ही गंभीर है।  आज अस्थमा हर उम्र एवं हर वर्ग के लोगों को ग्रसित कर रहा है, जिसका एलोपैथ में कोई स्थाई ट्रीटमेंट नहीं है। 

*अस्थमा क्या है:-* 
किसी व्यक्ति के Lung तक हवा तक न पहुंच पाने के कारण उसे सांस लेने में होने वाली तकलीफ को अस्थमा कहा जाता है।अस्थमा की वजह से उसे कई समस्याएं जैसे सांस लेने, जोर-जोर से सांस लेना, खांसी होना, सांस का फूलना इत्यादि होती हैं।अलग-अलग लोगों पर अस्थमा का असर अलग-अलग होता है, कुछ लोगों के लिए यह एक समस्या होती है,तो वहीं कुछ लोगों को इसकी वजह से काफी परेशानी झेलनी पड़ती हैं।

*विश्व अस्थमा दिवस :-*
अस्थमा रोग आम तौर पर एलर्जी से संबधित बीमारी है। वातावरण में धूल, धुएं आदि के कण सांस लेने के साथ ही सांस नली में पहुंच जाते हैं। इससे सांस लेने में दिक्कत आती है। जो धीरे-धीरे अस्थमा का रूप ले लेती है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर साल मई के पहले मंगलवार को “वर्ल्ड अस्थमा डे” मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य अस्थमा से प्रभावित लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है।

अस्थमा के कारण 

डॉक्टर यह दावा करते है कि अस्थमा की बीमारी मुख्य रूप से Environmental और Genetic की वजह से होती है।इसके अलावा,अस्थमा की बीमारी इन 5 कारणों से होती है-

1:- Smoking करना-
चूंकि, अस्थमा फेफड़े की बीमारी है, इसी कारण जिन लोगों को स्मोकिंग करने का शौक है, उन्हें दमा की बीमारी हो सकती है।

2:-मोटापा होना-
ऐसा माना जाता है कि मोटापा कई सारी बीमारियों का कारण बन सकता है। यह बात अस्थमा पर भी लागू होता है क्योंकि ऐसे कई सारे मामले देखने को मिलते हैं, जिनमें दमा की बीमारी मोटापे की वजह से होती है।

3:- एलर्जी होना-
अक्सर, अस्थमा की शुरूआत एलर्जी के साथ होती है। इसी कारण, एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति को किसी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए ताकि उन्हें कोई गंभीर बीमारी न हो।

4:-स्ट्रेस लेना-
आज के Stressful युग में कई सारी बीमारियां फैल रही हैं। इनमें अस्थमा भी शामिल है।

5:-प्रदूषण होना-
दमा की बीमारी के होने की संभावना उस स्थिति में काफी बढ़ जाती है, जब Air Pollution काफी बढ़ जाती है।

*अस्थमा के लक्षण:-*
दमा के गंभीर दौरों के लक्षण इस प्रकार हैं:-

* साँसों की घरघराहट, खाँसी और छाती की जकड़न, इनका गंभीर और लगातार होना। 

* साँस लेने में इतनी तकलीफ़ कि खाने, बोलने और सोने में परेशानी होना। 

* ज़ोर-ज़ोर से साँसें लेना। 

* धड़कन का बहुत तेज़ हो जाना। 

* सुस्ती, दुविधा महसूस होना, थकावट या चक्कर आना। 

* होंठों और अंगुलियों का नीला पड़ना। 

* बेहोश होना।

अस्थमा का कामयाब उपचार

अस्थमा का कामयाब उपचार

अस्थमा के सफल उपचार के लिए 100 ग्राम दालचीनी लेकर उनको अच्छे से कोटकर पाउडर बना लीजिए, अब इस पाउडर में 100 ग्राम  शीरा( शीरा जितना पुराना हो उतना ही अच्छा होता है) मिलाकर एक कांच के बर्तन में रख लीजिए। 

 *औषधि लेने की विधि:-*
*आधा चम्मच सुबह खाली पेट ले। ( बिना कुल्ला किए ) ध्यान रहे हो सिद्धि लेने के 1 घंटे बाद तक कुछ नहीं खाना पीना। 
* आधा चम्मच रात को सोने से पहले।  ( ध्यान रहे खाना खाने के लगभग एक घंटा बाद में लेना है)

*नोट :-* अब प्रश्न उठता है “शीरा” क्या होता है ?  गन्ने के रस को पकाकर उससे “राब” बनाई जाती है ( राब गुड बनने से पहले की स्थिति होती है, या यूं कहें कि तरल रूप में गुड को मशीन में डाला जाता है तथा उसमें से खांड जो चीनी का ही एक रूप होती है निकाल लिया जाता है इसमें से खांड निकलने के बाद यह शुगर फ्री हो जाती है जिसको “शीरा” कहते हैं) वैसे तो शीरा मीठा होता है लेकिन इसमें शुगर जीरो होती है

मधुमेह के रोगी भी इस औषधि प्रयोग बिना किसी भय के कर सकते हैं

* “शीरा” का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है विशेष तौर पर मधुमेह के रोगियों के लिए आयुर्वेदिक दवाओं में। 

* हुक्का में पिये जाने वाले तम्बाकू में “शीरा” का प्रयोग किया जाता है जो धूम्रपान करने में काम आता है। 

* तटीय प्रदेशों  में पानी कि गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए भी “शीरा” का प्रयोग किया जाता है *खैर एक ब्लॉग संक्षेप में “शीरा” को लेकर ही बनाऊंगा बहुत जल्दी।*

*लहसुन अस्थमा में फायदेमंद (Garlic is good for Asthma in Hindi)*
अस्थमा का सफल उपचार करने के लिए आपको लहसुन का इस्तेमाल करना चाहिए। लहसुन अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होता है। 250 ग्राम दूध में लहसुन की पाँच कलियाँ उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से अस्थमा का जड़ से इलाज होता है।

*अजवाइन दमा के लिए फायदेमंद (Ajwain helps to treat Asthma in Hindi)*
अस्थमा से अनेक लोग पीड़ित रहते हैं। अगर आप भी अस्थमा से पीड़ित हैं तो आपके लिए बहुत ही आसान उपाय है। अस्थमा का जड़ से इलाज करने के लिए आप अजवायन डालकर इसे उबालें और इस पानी से उठती भाप लें। यह अस्थमा का जड़े से इलाज करता है।

*पीपली का चूर्ण* एक पीपली का चूर्ण हर रोज एक गिलास दूध में पकाएं, बिना छाने उस दूध को रात को सोने से पहले रोजाना पिए लगातार पीने से अस्थमा की शिकायत जड़ से खत्म हो जाती है। 

*विशेष :-*
अस्थमा के रोगी को पीपली वाला दूध सर्दियों में विशेष तौर से पीना ही चाहिए।

*अस्थमा में क्या खाना चाहिए:-*

* दमा में ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त मछलियां खाएं। 

* अस्थमा में हरी पत्तेदार सब्जियां और जामुन खाएं। 

* दमा में दूध पीना चाहिए 

* अस्थमा में गाजर खाना चाहिए। 

* दमा में एवोकाडो खाना चाहिए। 

* अस्थमा में फल खाने चाहिए। 

* दमा में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों करना चाहिए। 

* अस्थमा में वजन को संतुलित बनाए रखें। 

अस्थमा में क्या न खाएं और परहेज

* दमा में फास्ट फूड नहीं खाना चाहिए।  

*अस्थमा में पनीर और मशरूम न खाएं। 

* अस्थमा में अधिक नमक न खाएं। 

* अस्थमा में ड्राय फ्रूट न खाएं। 

* अस्थमा में शराब और बियर न पीएं। 

* अस्थमा में प्रोसेस्ड फूड न खाएं।