स्वपनदोष का इलाज, जिससे आपको सिर्फ कुछ दिनों में ही असर देखने को मिलेगा (Nightfall Rokne ke Gharelu Upay in Hindi)

यह क्या है?
स्वपनदोष का इलाज जानने के साथ,स्वपनदोष क्या है, इस प्रश्न का उत्तर केवल इतना है, कि रात को सोते वक्त कोई सपना देखते हुए वीर्य का निकल जाना स्वपनदोष कहलाता है।
स्वपनदोष के बारे में बात करें, तो इसको लेकर समाज में बहुत से भ्रांतियां एवं गलतफहमियां, लोगों ने और नीम-हकीमो ने फैला रखी है, के स्वप्नदोष होने से कमजोरी आती है, या फिर स्वपनदोष होने के कारण व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जबकि सच्चाई इससे कोसों दूर है, स्वप्नदोष एक प्राकृतिक क्रिया है, जो लड़कों में 15 साल के बाद जब शरीर में वीर्य बनने लगता है, हारमोंस के बदलाव के दौरान रात में सोते वक्त वीर्य का निकल जाना, स्वप्नदोष कहलाता है।
स्वपनदोष हो जाना एक प्राकृतिक क्रिया है, जो किशोरावस्था में हर पुरुष को होती है, 1 महीने में चार से छह स्वपनदोष होना कोई घबराने और चिंता का विषय नहीं है। लेकिन कुछ नीम-हकीमो ने नौजवानों को ठगने का एक धंधा बना रखा है, स्वपनदोष को एक गंभीर बीमारी बताकर यह लोग बच्चों को गुमराह करते रहते हैं, इस स्थिति में कई बच्चे तो मानसिक बीमारी का शिकार तक हो जाते हैं।
पेरेंट्स को समझना चाहिए कि, वह अपने बच्चों को खुद स्वपनदोष के बारे में ठीक से जानकारी दें, यदि पेरेंट्स ऐसा नहीं कर सकते, तो किसी सेक्सोलॉजिस्ट या प्रोफेशनल काउंसलर की मदद से, अपने बच्चों को इसकी जानकारी एवं परामर्श करा सकते हैं। स्वपनदोष की समस्या किशोरावस्था में देखने को मिलती है, जो शादी के बाद बिल्कुल खत्म हो जाती है।
स्वपनदोष का इलाज के साथ जाने! इसके लक्षणों के बारे में

1-: रात में सोते-सोते सपने में किसी लड़की को देख लेना उत्तेजना बढ़ा देता है।
2-: रात में सोते समय इंद्री का सख्त हो जाना।
3-: जब नींद में आंखें खुलती है, और पेशाब के लिए जाते हैं, तो पेशाब करने में कठिनाई होना।
4-: कोई उत्तेजक फोटो या मूवी देखना, और नींद में उसी के सपने आना।
5-: पेशाब करने पर लार जैसा स्राव निकलना।
6-: शरीर में निरंतर सुस्ती एवं कमजोरी बने रहना।
7-: पढ़ाई या दूसरे कामों में मन न लगना।
8-: सुबह अंडरवियर गिला मिलना।
उपरोक्त लक्षण सभी स्वप्न दोष के लक्षण हैं, यदि महीने में चार से छह बार स्वप्नदोष होता है, तो यह कोई घबराने वाली बात नहीं है, ना ही यह किसी प्रकार की बीमारी है, लेकिन यदि यही स्वप्नदोष महीने में 8 से 10 या उससे ज्यादा बार होने लगे, तो फिर यह एक गंभीर समस्या बन सकती है, ऐसी स्थिति में इसके कारणों के बारे में जानना, एवं उपचार करना बेहद जरूरी हो जाता है।
क्योंकि अधिकता हर चीज की बुरी होती है, एक निश्चित मात्रा से अधिक, यदि हम कुछ खा रहे हैं, पी रहे हैं, चाहे वह अमृत ही क्यों ना हो, यह नुकसान देता ही देता है, वीर्य हमारे शरीर का एक बहुमूल्य पदार्थ है, जिसके ऊपर हमारा पूरा समृद्धि जीवन निर्भर करता है।
आइए बात करते हैं स्वपनदोष होने के विभिन्न कारणों के बारे में।

स्वप्नदोष या नाईट फॉल होने के कारण:-
1-: नाईट फॉल होने का सबसे मुख्य, और सबसे पहला कारण शरीर में, हार्मोन में बदलाव का होना है।
2-: पेट की गैस भी इसका एक मुख्य कारण है।
3-: कब्ज रहना भी विभिन्न कारणों में से एक है।
4-: रात में सोते वक्त गर्म दूध पीना स्वप्नदोष को बढ़ावा देता है।
5-: अश्लील साहित्य पढ़ना भी एक प्रमुख कारण है।
6-: एडल्ट एवं ब्लू फिल्में देखना यह सबसे खतरनाक है।
7-: किसी स्त्री को बिना कपड़ों के या उसके इंटरनल पार्ट्स को देखकर उत्तेजित होना।
8-: संगति का असर।
9-: ज्यादा मसालेदार भोजन करना।
10-: अधिकतर अकेले में रहना या हस्तमैथुन करना।
स्वप्नदोष के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार

1- बरगद का दूध:- हर रोज सुबह खाली पेट दो मीठे बदासो मे बरगद का दूध भरकर खाएं, यह स्वप्नदोष की सबसे अच्छी औषधि है।
2- विदारीकंद:- विदारीकंद का एक चम्मच पाउडर रोजाना शाम को सोते समय एक गिलास ठंडे दूध के साथ लेने से स्वप्नदोष में आराम पहुंचाता है।
3- गोंद कतीरा:- गोंद कतीरा पीसकर रखें रात को एक चुटकी गोंद कतीरा एक गिलास पानी में मिलाकर रख दें सुबह उठकर मिस्रिया खांड मिलाकर पी जाएं, चिड़िया लगातार तीन महीने तक करें, स्वप्नदोष में रामबाण औषधि है।
4- इसबगोल:- रात को सोते समय यदि दूध में एक चम्मच इसबगोल की भूसी डालकर की जाए दो सपन दोष नहीं होता।
5- सरसों का तेल:- रात में सोते समय नाक के दोनों सुरों मैं एक एक बूंद कच्ची घानी सरसों का तेल डालने से यह समस्या बिल्कुल खत्म हो जाती है।
6- आंवला:- आंवला, लौकी और एलोवेरा का जूस बनाकर पीने से भी दिमाग शांत रहता, है पेट में गैस नहीं बनती और स्वप्नदोष की समस्या भी नहीं होती
7-केला:- शाम को सोते समय दूध दूध में केले का शेक बनाकर पीने से स्वप्नदोष नहीं होता है।
8- प्राणायाम:- हर रोग प्राणायाम करना भी बहुत लाभप्रद है।
9- मेडिटेशन:- रात को सोने से पहले मेडिटेशन अथवा ध्यान जरूर लगाएं।
10- सोना:- निरंतर धार्मिक साहित्य जरूर पढ़ें, परिवार के साथ सोना चाहिए।