दांत दर्द का इलाज, इस इलाज से मिलेगा रातो-रात आराम, बिना किसी डॉक्टर की मदद के,

दांत दर्द का इलाज जानने से पहले जाने, यह है, “क्या” और क्यों होता है, व कारण क्या है
दांत दर्द का इलाज जानने से पहले जाने, यह है, “क्या” और क्यों होता है, दांत में या दांत के आसपास होने वाले दर्द को जिसने भी महसूस किया है, वह जानता होगा के दांत का दर्द कितना असहनीय होता है, जिस वक्त हमें दांत में दर्द रहता है, उस वक्त ना खाना अच्छा लगता है ना पीना अच्छा लगता है, खाना खाते हैं तो दर्द होता है, पानी पीते हैं, तो वह ठंडा गर्म लगता है, ऐसी स्थिति में कुछ क्या किया जाए इसके बारे में यदि दर्द के होने से पहले सोच लिया जाए तो ज्यादा बेहतर होगा, दांत का दर्द जब रात में होता है,
तो हमारे पास कोई डॉक्टर नहीं होता कोई मेडिकल स्टोर नहीं होता, उस वक्त बहुत परेशानी होती है, ना नींद आती है ना चैन आता है, ऐसी परिस्थिति के लिए हमें चाहिए कि हम दांतो के दर्द के निवारण हेतु घरेलू नुस्खों का उपयोग करें, लेकिन इन इन उसको के उपयोग के लिए, हमें उनके बारे में जानकारी होना भी बेहद जरूरी हो जाता है। आज हमारा टॉपिक जो है वह दांत के दर्द अर्थात दंत पीड़ा को लेकर ही है।
दांत या दांत के आसपास हुए दर्द को दंत शूल कहा जाता है, जो बहुत ही भयंकर होता है, कभी-कभी ठंडा और गर्म पानी लगता है तो कभी दातों में हम कुछ भी खाते हैं तो ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने कोई नुकीली चीज हमारे दांत और मसूड़ों में बहुत जोर से चुभा दी हो। हमारे शरीर में कोई भी बीमारी एकदम से नहीं आती है, जिस तरह हमें स्वस्थ होने में बहुत ज्यादा टाइम लग जाता है उसी प्रकार हमारे शरीर को बीमारियां होने में भी टाइम लगता है,
कुछ हमारे ना समझी लेकिन कुछ हमारी लापरवाही इन छोटी-छोटी दर्द और बीमारियों को बड़ी बीमारी के रूप में परिवर्तित कर देती हैं। हम किसी भी बात बीमारी का इलाज या उपचार तभी कर पाएंगे जब हमें उसके होने के कारणों के बारे में मालूम हो, हमें बीमारी के कारणों के बारे में तब मालूम करने की जरूरत पड़ती है जब हमें उस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हो या महसूस हो रहे हो। जैसे कि आज का हमारा जो टॉपिक है वह दंत शूल के बारे में है तो आइए बात करते हैं
दांत दर्द का इलाज जानने से पहले जाने दांत दर्द के लक्षण
जिस प्रकार किसी भी बीमारी को शरीर में होने के कुछ लक्षण होते हैं, उसी प्रकार दांतों की बीमारियों के भी कुछ लक्षण होते हैं जो इस प्रकार हैं :-
* यदि किसी व्यक्ति के दातों में गर्म या ठंडा पानी लगने लगता है तो हमें समझना चाहिए कि हमारे दांतो में कोई रोग लग चुका है जिसका उपचार करने कि शीघ्र अतिशीघ्र आवश्यकता है।
* दांतो के बीच हल्की हल्की सी गुदगुदी हर समय रहना याद आता और मसूड़ों के बीच हल्की हल्की सी खुजली का रहना दांत दर्द का संकेत है।
* दांत यदि बीच में से काला पड़ जाए तो समझ लीजिए कि हमारे दातों में कीड़ा लग चुका है और हमारे दांत में दर्द होने की संभावनाएं प्रबल हो चुकी हैं।
* जब ब्रश करते समय दांतो से खून आने लगे तो यह मसूड़ों में इंफेक्शन होने का एक सूचक है जिसके कारण दांतों में दर्द हो सकता है।
* खाना खाते समय सर में दर्द होना भी इसी का एक लक्षण प्रकट करता है।
* जब हम मुंह खोल कर मुंह से सांस लें और हमारे दांतों में झनझनाहट महसूस हो तो यह दंत रोग होने की शुरुआत कही जा सकती है।
* यदि दांत थोड़े थोड़े से रेत की तरह झड़ने लगे तो यह दातों का एक भयंकर रोग का लक्षण है।
* दांतों का पीला पड़ जाना भी दंत रोग या दांतो के दर्द का एक प्रबल संकेत है।
* दांतो का खोखला हो जाना दर्शाता है कि दांत भयंकर रोग से ग्रस्त हैं और बहुत जल्दी एक भारी पीड़ा का हम सामना करने वाले हैं जो दातों से संबंधित होगी।
* कोई सख्त चीज खाते समय जब दांत हिल जाए या दातों में दर्द हो जाए तो यह हमारे दांतो की कमजोरी की निशानी होती है।
जब हमारे दांतो में उपरोक्त लक्षण दिखाई देने लगे तब हमें समझ लेना चाहिए कि हमारे दातों में भयंकर रोगों की उपस्थिति हो चुकी है, उपचार करने से पहले हमें दातों में होने वाले इन रोगों के कारणों का पता करना बहुत आवश्यक हो जाता है क्योंकि यदि हमें रोगों के कारणों का पता लग जाए तो हम उन कारणों को निगरानी में रखकर अपने दांतों को स्वस्थ रख सकते हैं एवं अपने दांतो का उपचार करा सकते हैं या कर सकते हैं, शरीर में किसी भी बीमारी के उपस्थित होने के लिए कोई एक कारण नहीं होता इसके लिए बहुत सारे कारण होते हैं जिनके लिए हम स्वयं जिम्मेदार होते हैं। हमें चाहिए कि अपने शरीर में बीमारी होने के कारणों को जानकर उन कारणों को दूर करें एवं स्वस्थ रहने का प्रयास करें। आइए जानते हैं हमारे दांतो में दर्द होने के क्या क्या कारण होते हैं।
दांत दर्द का इलाज जानने से पहले जाने, इसके दर्द के कारण
* यदि किसी व्यक्ति के दातों में सड़न हो जाए, दांतों में सड़न होने का मतलब है कि हम अपने दांतो की सफाई पर ध्यान नहीं देते! दांतों में सड़न होने के कारण हमारे दांतो में संक्रमण लग जाता है जिसके कारण दांतों में दर्द रहने लगता है।
* दांतो के नियमित रूप से जांच ना करवाना दांतों के रोग या दांतो के दर्द का मुख्य कारण होता है, दातों के प्रति हमारे लापरवाही हमें एक बड़ी समस्या का सामना करने के लिए मजबूर कर देते हैं।
* जब किसी व्यक्ति को काम करने या किसी के साथ झगड़ा होते समय दातों पर चोट लग जाए तो यह भी दांतो के दर्द का एक बड़ा कारण है।
* यदि कोई व्यक्ति दांतो को साफ करते समय ठीक से व्रत नहीं करता यह वृक्ष को बहुत तेजी और दबाकर करता है तो लापरवाही से किया गया ब्रश हमारे दांतों की जड़ों यानी मसूड़ों को छीन लेता है जिसके कारण मसूड़ों में घाव बन जाते हैं और दर्द रहने लगता है।
* देखने में आता है कि कुछ लोग अपने दांतो को आपस में जिससे रहते हैं या दांतो को चलाते रहते हैं, खाली दांतो को चबाने के कारण दांतों में झनझनाहट होने लगती है जो आगे चलकर दांतो के दर्द का कारण बन जाता है।
* आवश्यकता से अधिक गर्म या आवश्यकता से अधिक ठंडी वस्तु को खाने के रूप में इस्तेमाल करने के कारण दांतों में दर्द हो जाता है।
* पराया कुछ लोग किसी दूसरे व्यक्ति का दातों वाला ब्रश इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण एक संक्रमित इंसान का संक्रमण दूसरे स्वस्थ व्यक्ति के दातों में चला जाता है, जो स्वस्थ व्यक्तियों को भी दांतों के रोग दे देता है।
* चॉकलेट खाने के कारण दांतों में संक्रमण बहुत जल्दी लग जाता है जो हमारे दांतो के रोगों का मुख्य लक्षण बनता जा रहा है।
* यदि शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए तो कैल्शियम की कमी भी दांतो के दर्द के लिए जिम्मेदार होती है।
* 29-30 साल की उम्र में अक्ल दाढ़ निकलती है जिसके कारण भी हमारे जबड़े और दातों में दर्द रहता है एक सामान्य प्रक्रिया है इसके लिए नमक के पानी के कुल्ले किए जा सकते हैं।
यदि हम रोगों के होने वाले कारणों पर ध्यान देकर उन कारणों को खत्म कर दें तो हमें उपचार की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि उपचार की आवश्यकता तब पड़ती है जब रोग अधिक मात्रा में विस्तार से फैल जाता है, क्योंकि हम सही समय पर अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखते जिसके कारण रोग फैल जाता है और हमें परेशान होना पड़ता है, हमें चाहिए कि सही समय पर सही देखभाल से अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें।
आइए जानते हैं दातों को स्वस्थ रखने के लिए और दांतों के रोगों से छुटकारा पाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार। हमारे घर के अंदर हमारी रसोई में बहुत सी ऐसी औषधियां हैं जिन्हें हम सब्जी में खाने में मसालों के रूप में प्रयोग करते हैं, इन औषधियों के द्वारा हम बिना किसी डॉक्टर के पास गए हैं अपने दांतों की देखभाल एवं उनका उपचार भली-भांति कर सकते हैं।
दांतों के रोगों के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार

1- लॉन्ग का तेल :-
लॉन्ग का तेल एक ऐसी औषधि है जो दांत के दर्द के लिए रामबाण का काम करती है, दांत में किसी भी तरह का दर्द हो रहा है तो उस दर्द के निवारण हेतु रूई छोटे से टुकड़े को लॉन्ग के तेल में डुबोकर दर्द हो रही दाल के नीचे दबा लें कुछ ही सेकंड उसमें दर्द निवारण हो जाएगा।
2- फिटकरी :-
फिटकरी को पीसकर गर्म पानी में मिलाकर कुल्ला करने से कुछ ही सेकंड में आश्चर्यजनक आराम मिलता है।
3- कच्ची हल्दी :-
कच्ची हल्दी का रस निकालकर उसमें काला नमक मिलाकर एवं इसमें रुई के पौधे को भिगोकर दर्द होने वाले दांत के नीचे कुछ देर दबा लेने से कुछ ही पलों में दर्द छूमंतर हो जाता है।
4-गुंम्मा या द्रोणपुष्पी:-
द्रोणपुष्पी के पत्तों को पानी में उबालकर इस पानी से कुल्ला यदि किए जाएं तो कुछ ही पलों में दांतो के दर्द में अविश्वसनीय आराम पहुंचाता है।
5- जंगली हल्दी :-
जंगली हल्दी का पौधा दांतो के दर्द के लिए एक आदर्श औषधि माना जाता है, जंगली हल्दी के पौधे की पत्तियों को पानी में उबाल लें, फिर इस गुनगुने पानी से कुल्ला करें, मात्र कुछ ही सेकंड में कुल्ला करते करते ही आपके दातों का दर्द छूमंतर हो जाएगा।
6- हींग :-
हींग का छोटा सा टुकड़ा दर्द हो रहे दांत के नीचे दबा लें और लाल को चूसते रहें कुछ ही पलों में दांतो का दर्द बिल्कुल ठीक हो जाएगा।
7-अजवाइन :-
अजवाइन और कलौंजी का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर रुई के फोन में रखकर दांत के नीचे दबाने से दांत का दर्द बिल्कुल खत्म हो जाता है।
8- कैल्शियम :-
क्योंकि दांत कैल्शियम के बने होते हैं इसलिए कैल्शियम की कमी होने के कारण दांतों में कमजोरी आने लगती है जिसके कारण दांतों में दर्द रहने लगता है, यदि दांतों में दर्द है तो कैल्शियम का सेवन भी दांतो के दर्द को कुछ समय बाद बिल्कुल ठीक कर देता है।
9- बरगद की जड़ :-
बरगद की जड़ को दातुन के रूप में प्रयोग करने से दांतों का दर्द जड़ से खत्म हो जाता है एवं दातों के सभी रोगों से भी छुटकारा मिल जाता है। बरगद के दूध में लॉन्ग का तेल मिलाकर दांतों और मसूड़ों के ऊपर हल्की हल्की मसाज करने से दांतों का दर्द जड़ से खत्म हो जाता है।
10- चिरचिटा :-
यह एक जंगली औषधि होती है, इस औषधि के पौधे की जड़ को निकालकर माया में सुखा लें तथा पाउडर बनाकर कलौंजी के तेल में मिलाकर दांतों पर ब्रश करने से दांतों का किसी भी प्रकार का रोग खत्म होता है और कीड़े को भी मारता है।