तिल के फायदे, खासकर सर्दियों में है, बहुत लाभदायक और बहुत गुणकारी जानना चाहते हो तो पूरा पढ़ें?

तिल के फायदे जो की सायद ही किसी ने आपको बताये हो
तिल की खेती दुनिया में सबसे प्राचीन खेती मानी जाती है, वैज्ञानिकों का मानना है, कि तिल की खेती को लगभग 5000 साल से भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में किया जाता रहा है, लेकिन भारतीय दर्शन के अनुसार तिल की खेती का इतिहास प्राचीनतम है, भारत और अफ्रीका में तिल की खेती सबसे अधिक होती है। तिल के बीज बहुत छोटे छोटे होते हैं,
जो कई रंगों के होते हैं,अलग-अलग रंगों के बीजों को भिन्न भिन्न प्रकार प्रयोग में लाया जाता है, खाने के प्रयोग में, पूजा पाठ के प्रयोग में, औषधि के प्रयोग में, तिल को सबूत भी प्रयोग किया जाता है, और तिल का तेल भी बहुत सारे प्रयोगों में जैसे खाना बनाने में, जलाने में, औषधियों में, और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
तिल के तेल का प्रयोग सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होता है, बहुत सारे शोधों में यह प्रमाणित हो चुका है, कि जो लोग नियमित रूप से तिल के तेल का खाने में प्रयोग करते हैं, उनको दूसरे तेलों का प्रयोग करने की अपेक्षा 80 % तक बीमारियां कम होती है।
* सर्दी के मौसम में तिल के फायदे-
इसकी प्रकृति गर्म होने के कारण यह तेल सर्दी के मौसम में विशेष लाभदायक होता है, आयुर्वेद में इस तेल को सबसे अच्छे तेल में गिना जाता है। सौंदर्य प्रसाधनों में भी तिल के तेल का भरपूर उपयोग होता है। क्योंकि तिल कफ नाशक होता है इसलिए सर्दी के मौसम में इसका उपयोग बहुत फायदेमंद होता है।
* तिल के बीज करें हाइपरटेंशन का नाश-
तिल के बीजों का औषधीय गुण हाइपरटेंशन की समस्या को बिल्कुल खत्म कर देता है यह बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को सामान्य करने में बहुत मदद करता है जो आपके कार्डियोवास्कुलर सिस्टम पर बने हुए अनावश्यक तनाव को कम करके दिल संबंधित समस्याओं को दूर करता है, तिल के बीज मैग्नीशियम हाइपरटेंशन नाशक के रूप में भी जाने जाते हैं तथा इनमें आवश्यक खनिज भी पाए जाते हैं जो आपकी जरूरत का 30% मैग्नीशियम अकेले देते हैं।
* कैंसर में तिल के फायदे-
तिल के बीज मैं कई औषधीय गुण विद्यमान होते हैं जो ल्यूकेमिया, स्तन कैंसर, फेफड़े के कैंसर, अग्नाशय कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर को कम करने के लिए भी जाने जाते हैं। क्योंकि इन दिनों में कहीं खनिज एवं विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं तथा इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर के खतरे को 60% परसेंट तक अकेले अपने गुणों के आधार पर कवर कर लेते हैं।
* दिल मजबूत करने में तिल के फायदे-
तिल का प्रयोग हमारे दिल के लिए बहुत लाभदायक होता हैं जो हमारी धमनियों को सख्त नहीं होने देता क्यूंकि इसमें मौजूद एंटीओक्सीडेंट और सूजन को कम करने वाले तत्व पाए जाते हैं जो सेसमोल के नाम से जाने जाते हैं। तिल के बीजों में फैटी एसिड और फोलिक एसिड भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो निम्न दर्जे के कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकते हैं और उत्तम दर्जे के कोलेस्ट्रोल का निर्माण करते हैं,इस प्रक्रिया के तहत हृदयाघात की समस्या को बहुत हद तक कम करती है।
* खून बढ़ाने में तिल के फायदे-
जो लोग नियमित रूप से तिल का उपयोग अपने खाने के लिए करते हैं उन लोगों में खून की कमी नहीं होती। अनेक शोधों में यह पाया गया है कि तिल का प्रयोग खाने के लिए किसी भी रूप में किया गया हो जिन लोगों को अनन्या की परेशानी रही तिल के बीजों के प्रयोग से उन लोगों में खून की वृद्धि आश्चर्यजनक ढंग से हुई है। क्योंकि इन बिगर में से स्मॉल नामक ऑर्गेनिक योगिक पाया जाता है जो रेडिएशन के होने वाले हानिकारक प्रभाव को दूर करता है जिसके करो शरीर में अप्रत्याशित खून की वृद्धि होती है।
* गठिया में तिल के फायदे-
तिल के बीज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, मैग्नीशियम, कैल्शियम व अन्य खनिज के साथ-साथ मल्टीविटामिन और तांबे की उपस्थिति गठिया बाई के लिए एक रामबाण औषधि के रूप में काम करते हैं। इसमें मौजूद तांबे की गुणवत्ता हड्डियों के बीच लिगमेंट में लुब्रिकेंट्स बनाती है और घर्षण के कारण आई सूजन को दूर करता है, तथा हड्डियों और मांसपेशियों के साथ-साथ जोड़ों को भी आराम पहुंचाता है।
* अवसाद और डिप्रेशन में तिल के फायदे-

तिल के बीज में मौजूद विटामिन B-1 की अधिकता होने के कारण यह दिमाग की नसों को शांत करता है, तथा इसमें मौजूद ट्रिप्टोफैन एक आवश्यक अमीनो एसिड है जो दर्द को कम कर देता है और नींद के पैटर्न और मूड को नियंत्रित करता है। तिल के बीज का सेवन हमारे दिल के साथ-साथ हमारे दिमाग को भी संरक्षण प्रदान करता है तथा अवसाद और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने में इसका सेवन हमारे लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होता है।
* कोलेस्ट्रोल की समस्या में तिल के फायदे-
नियमित रूप से तिल का सेवन करने वाले व्यक्तियों में कोलेस्ट्रॉल की समस्या नहीं होती क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व और गुणकारी विटामिंस, मैग्नीशियम, कोपर, कैल्शियम, व अन्य एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर में बन रहे निम्न दर्जे के कोलेस्ट्रोल को कम करने में हमारी सहायता करते हैं और अच्छी क्वालिटी का कोलेस्ट्रोल बनाने में मदद करते हैं, जिससे यह हृदय रोगियों के लिए भी नुकसानदायक ने होकर फायदेमंद साबित होता है।
* आंखों की ज्योति बढ़ाने में तिल के फायदे-
आयुर्वेद के अनुसार हमारे लीवर और आंखों का गहरा संबंध होता है, क्योंकि यदि हमारे लिवर में कोई प्रॉब्लम है, तो उसका सीधा सीधा असर हमारी आंखों के ऊपर होता है, जिसके कारण हमारे देखने की शक्ति कमजोर हो सकती है, क्योंकि दिल हमारे लिवर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं, यह हमारे लीवर को शक्ति के साथ साथ शुद्ध भी करता है, जो हमारी आंखों के लिए बहुत लाभदायक होता है, और हमारी आंखों की ज्योति को बढ़ाता है।
* खांसी में तिल के फायदे –
यदि किसी व्यक्ति को मौसम बदलने पर बार बार खांसी होती है तो उसके लिए तिल का सेवन बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है, तिल का प्रयोग सुखी खांसी एवं बलगम वाली खांसी दोनों ही प्रकार की व्याधि में प्रयोग किया जा सकता है, क्योंकि मौसम बदलने का सीधा असर गला और फेफड़ा दोनों ही के ऊपर होता है और तिल का तासीर गर्म होने के कारण यह मौसम के दुष्प्रभाव को कम करता है। बलगम वाली खांसी में इसका पेस्ट बनाकर प्रयोग किया जाता है एवं सूखी खांसी में तिल का काढ़ा बनाकर प्रयोग करने से खांसी में बहुत आराम मिलता है,
* अस्थमा में तिल के फायदे-

अस्थमा एवं दमा रोगियों के लिए तिल का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है, वैसे तो अस्थमा किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है लेकिन 60 साल से ऊपर के व्यक्ति अस्थमा से अधिक पीड़ित होते हैं जो व्यक्ति अस्थमा से पीड़ित हैं उनके लिए सर्दी के मौसम में तिल का सेवन बहुत गुणकारी होता है, सर्दी के मौसम में तिल का प्रयोग, गुड़ के साथगजक बनाकर, मिठाई बनाकर, लड्डू बनाकर, या नमकीन बनाकर भी किया जा सकता है, किस तरह से इस्तेमाल करना है यह इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की सोच पर निर्भर करता है।
* बवासीर में तिल के फायदे-
पाइल्स के रोगियों के लिए यह विशेष गुणकारी होते हैं, क्योंकि इसके प्रयोग से पाइल्स को ठीक किया जा सकता है, जिन व्यक्तियों को पल्स की समस्या है, वह दो चम्मच तिल को पानी में भिगोकर उसको घोटकर पेस्ट बना ले तथा इसमें बराबर मात्रा में मक्खन मिलाकर (स्वाद के लिए कुछ मिश्री का प्रयोग भी कर सकते है)?
दिन में दो बार खाने से पाइल्स की समस्या में आश्चर्य जनक और आराम मिलता है, तथा यह खून आने की समस्या को बंद करता है। तिल को कम से कम 4 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें, फिर उनको कढ़ाई में गर्म कर लें और सूती कपड़े मैं रख कर गरम-गरम की पोटली बना लें, इस पोटली को हल्की गुनगुनी मलद्वार पर लगभग आधा घंटा बांध ले,पाइल्स के रोगियों को खून आने की समस्या में आश्चर्यजनक लाभ महसूस होगा।
* वीर्य बढ़ाने में तिल के फायदे –
वीर्य वृद्धि के लिए तिल के बीजों का उपयोग आयुर्वेद में सर्वोत्तम माना गया है तिल के बीजों का पाउडर बनाकर रात को सोने से पहले एक चम्मच पाउडर दूध के साथ पीने से वीर्य इसकी गुणवत्ता बढ़ाता है एवं इसको बलवर्धक भी बनाता है, इसके नियमित इस्तेमाल से वीर्य में स्पर्म की संख्या भी तेजी से बढ़ती है, वीर्य की वृद्धि स्त्री एवं पुरुष दोनों ही में शारीरिक बल के साथ-साथ मानसिक बल का निर्माण भी करती है।
* सेक्स समस्या में तिल के फायदे-
जिन लोगों में उत्तेजना की कमी होती है, वह स्त्री हो या पुरुष, उनके लिए गुड़ के साथ तिल को कूटकर इसके लड्डू बनाकर रात को खाना खाने के आधे घंटे बाद गर्म दूध से सेवन करने से जबरदस्त मानसिक एवं शारीरिक उत्तेजना उत्पन्न होती है। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में विशेष तौर पर सर्दी के मौसम में तिल का सेवन आपके नीरस जीवन में बहार लेकर आ सकता है।
*जहर उतारने के लिए तिल के फायदे–
*तिल के साथ कच्ची हल्दी को पानी में पीसकर यदि इस लेप को मकड़ी के काटे हुए स्थान पर लेप किया जाए तो मकड़ी का विष उतर जाता है।
*काले तिल को भृंगराज के साथ पीसकर काटे हुए स्थान पर लेप करने से बिल्ली का विष उतर जाता है।
*काले तिल को सेब के सिरके में पीसकर पेस्ट बनाकर काटे हुए स्थान पर लेप लगाने से लाल और पीले ततैया का विष बेअसर हो जाता है।
*तिल की खली को पीसकर गर्म करके काटे हुए स्थान पर लगाने से बिच्छु के काटने के असहनीय दर्द को तुरंत दूर करता है।
*जलने पर तिल के फायदे-
तिल का कच्चे दूध के साथ पेस्ट बनाकर जले हुए स्थान पर लेप करने से जलन तथा दर्द को तुरंत कम करता है।
* सर दर्द में तिल के फायदे-
तिल के हरे पत्तों को पुदीना के हरे पत्तों के साथ पीसकर मस्तक पर लेप करने से सिरदर्द तुरंत मिट जाता है।
* मुहांसों को मिटने में तिल के फायदे-
तिल के साथ दालचीनी की छाल को दूध के साथ पीसकर मुंह केवल 5 मिनट लगाने से मुहांसे ठीक हो जाते हैं।
* चोट और मोच ठीक करने में तिल के फायदे-

चोट और मोच पर तिल की खली को अजवाइन के पानी पानी के साथ पीसकर गर्म करके बांधने से आश्चर्य जनक लाभ होता है।
* गुम चोट में तिल के फायदे-
तिल और अरंडी को अलग-अलग कूटकर दोनों को तिल तेल में मिलाकर हल्की आंच पर थोड़ी देर तक पका लेने पर इसका लेप करने से चोट की पीड़ा मिटती है, तथा सूजन भी कम होती है।
* सर दर्द के लिए विशेष-
तिल को दूध में पीसकर इसमें थोड़ा सा पिपरमिंट भी मिला ले तथा इसका मस्तक पर लेप करने से सूर्यावर्त्त सिरदर्द में तुरंत लाभ होता है।
सावधान
तिल के भी हो सकते हैं, नुकसान TB और शुगर के मरीजों के लिए तिल नुकसानदेह हो सकता है, TB और शुगर के रोगियों को बिना किसी आयुर्वेदाचार्य के परामर्श के तिल का उपयोग करना ठीक नहीं है।