अनचाहा गर्भ(unwanted pregnancy), क्या आप भी हुए हैं शिकार अनचाहा गर्भ के, अगर हाँ तो डरने की जरुरत नहीं है, यह पर इसका हल है?

अनचाहा गर्भ/ unwanted pregnancy :- हम किसी भी तरह के गर्भपात का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ परिस्थितियों में अनचाहे गर्भ को नष्ट भी करना पड़ सकता है, क्योंकि जीवन परिस्थितियों के अनुसार जीना होता है, इस लेख में हम बात करने वाले हैं अनचाहे गर्भ के विषय में, अनचाहा गर्भ, गलतियां, और निवारण के विषय में। गर्भपात करना, या कराना एक सामाजिक अपराध के साथ-साथ, एक मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक अपराध भी है, गर्भपात कराना संपूर्ण समाज एवं प्रकृति के विरुद्ध किया गया कृत्य है, यह लेख लिखते समय मेरे अंतर्मन में कई नकारात्मक विचार भी उत्पन्न हो रहे हैं क्योंकि मेरा मानना है कि गर्भपात करना या गर्भपात करवाना, किसी देश एवं समाज के लिए सम्मान की बात नहीं हैं। क्योंकि गर्भपात कराने के लिए हमें एक ऐसे जीव की हत्या करनी होती है जो अभी इस देश समाज और दुनिया में आया भी नहीं, गर्भपात कराते समय हम यह बात भूल जाते हैं कि अनचाहा गर्भ हमारी गलतियों का परिणाम है लेकिन हमारी गलतियों की सजा एक ऐसे प्राणी को दी जा रही है, जिसका हमारी गलती से कहीं दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है, वह हमारी गलतियों एवं हमारे दोषों के की बलि चढ़ाया जाता है, हम अपनी गलतियां, अपनी कमियां, एवं अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए एक ऐसे मासूम प्राणी की हत्या कर देते हैं, जिसने समाज इस दुनिया में अभी तक जन्म भी नहीं लिया, गर्भपात कराते समय इंसान इतने निर्दयी हो जाते हैं, कि अपने खुद के मासूम बच्चे की हत्या करवा देते हैं।
1. अनचाहा गर्भ परिचय एवं परिस्थिति
जब हम अनचाहा गर्भ के बारे में विचार करते हैं तो समझ में आता है कि अनचाहा गर्भ एक सामाजिक कुरीति है, सामाजिक कुरीति के चलते पूरी दुनिया में लगभग सभी देशों में यह कृत्य जिसे हम गर्भपात, या अनचाहा गर्भ से मुक्ति, का नाम दे देते हैं, गर्भपात या अनचाहा गर्भ को सही ठहराने के लिए, समाज की, कानून की एवं व्यक्तिगत दलीलें पेश करते हैं, लेकिन हम यह बात भूल जाते हैं, की अनचाहा गर्भ हमारी गलतियों का परिणाम है, हमारी गलतियों के चलते हर रोज न जाने कितने अबोध, मासूम ब्रूम जो पूरी तरह से परिपक्व भी नहीं हो पाते पूरी तरह से जीवन मिलने से पहले ही, मां के गर्भ के अंदर उनके जीवन लीला समाप्त कर दी जाती है,
गर्भधारण करने की दो स्थिति होती है,
1. पहले इच्छा के अनुसार गर्व का धारण होना या गर्भधारण करना,
2. दूसरी होती है, अनचाहा गर्भ धारण होना,
दोनों ही स्थिति में हर व्यक्ति की विशेष तौर पर महिला की जहां पहले की स्थिति में पूर्ण रूप से सुखद होती है तो वहीं दूसरी स्थिति में पूर्ण रूप से दुखद होती है, दोनों स्थिति के अपने अनुभव हैं, पहले का अनुभव बहुत ही सकारात्मक एवं आशा भरा होता है, लेकिन दूसरी स्थिति में बहुत ही दुखद एवं डरावना होता है। जहां सुनियोजित गर्भधारण के लिए पूरी तैयारी की होती है वहीं अनचाहा गर्भधारण के लिए स्ट्रेस, इस स्ट्रेस को कम करने के लिए परिवार यदि यह गर्भाधारण अनियोजित हो, तो इससे जुड़ी भावनाएं काफी भिन्न हो जाती हैं। ऐसे जोड़े जो अभी माता–पिता नहीं बनना चाहते हैं, उन्हें अनियोजित गर्भधारण से निजात पाने के लिए अपने साथी और परिवार से अधिक भावनात्मक हिम्मत और समर्थन की आवश्यकता होती है।
विवाह पूर्व गर्भ एक कलंक:-
भारत ही नहीं दुनिया के लगभग सभी देशों में विवाह पूर्व गर्भ एक कलंक ही माना जाता है, कुछ एक-दो देश का उदाहरण छोड़ दे तो लगभग सभी जगह किसी महिला को यदि समाज में सम्मान पाना है तो गर्भधारण करने के लिए उसका विवाहित होना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि विवाह पूर्व गर्भ को अनचाहा गर्भ माना जाता है, यह सामाजिक दृष्टि से सही नहीं माना जाता, विशेष तौर पर भारत जैसे सांस्कृतिक देश में विवाह पूर्व गर्भधारण करने वाली महिला को बहुत हीन दृष्टि से देखा जाता है, इसके साथ साथ किसी विधवा स्त्री का गर्भवती होना भी हमारे देश के साथ साथ दुनिया के बहुत से देशों में गलत माना जाता है, इस अवधारणा के चलते समाज के लांछन से बचने और अनचाहा गर्भ से बचने के लिए गर्भपात कराने की आवश्यकता होती है।
इसके सामाजिक, मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक प्रभाव

अनचाहा गर्भ के सामाजिक प्रभाव:-
क्योंकि हमारे समाज में गर्भधारण करने को लेकर एक निश्चित उम्र, संस्कार, एवं शारीरिक स्थिति को विशेष महत्व दिया जाता है, जैसे यदि किसी लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम है तो उसे गर्भधारण करने के लिए उचित नहीं माना जाता, शादी से पहले गर्भधारण को पूर्णता अनुचित माना जाता है तथा इसे असामाजिक कृत्य का नाम भी दे दिया जाता है, यदि कोई विधवा स्त्री गर्भधारण कर लेती है तो ऐसी स्त्री को भी सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है, जिन महिलाओं के बच्चे व्यस्क हो चुके हैं उन महिलाओं के गर्भ धारण करने को भी समाज में हास्यास्पद माना जाता है, या किसी रोग से ग्रसित महिला यदि गर्भ धारण कर ले तो उस स्त्री को भी सामाजिक रूप से अनुशासन ही समझा जाता है, भारत ही नहीं अपितु प्रत्येक समाज में गर्भधारण करने के कुछ नियम हैं, यह नियम शारीरिक मानसिक आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से लगभग उचित ही बनाए गए हैं, कहने का तात्पर्य है कि अनचाहा गर्भ कहीं ना कहीं किसी न किसी रूप में उस महिला को जो अनचाहा गर्भ रखती है सामाजिक रुप से अनुशासन हीन घोषित करता है।
अनचाहा गर्भ के मानसिक प्रभाव:-
यदि कोई महिला अनचाहा गर्भ धारण कर लेती है, चाहे वह महिला शादी से पहले की स्थिति में रही है,या वह महिला उम्र दराज है, चाहे वह महिला विधवा है, इसके साथ-साथ चाहे वह महिला रोगिणी ही क्यों ना हो, हर प्रकार की ऐसी परिस्थिति में जब उस महिला को अनचाहा गर्भ ठहर जाता है, क्योंकि अनचाहा गर्भ वह गर्भ होता है जो इच्छा के विपरीत ठहर जाता है, इस प्रकार का अनचाहा गर्भ किसी भी महिला को मानसिक पीड़ा देता है, क्योंकि यह सामाजिक आर्थिक मानसिक एवं शारीरिक किसी न किसी या समाज को पीड़ा पहुंचाता है, तथा इस पीड़ा से बचने के लिए गर्भपात कराने की आवश्यकता पड़ती है।अनचाहा गर्भ महिला को आवश्यक एवं अनावश्यक दोनों ही प्रकार का स्ट्रेस देता है जिसके चलते कई बार महिलाएं ऐसे कदम उठा जाती है जिनके कारण उसे या तो मानसिक विकार उत्पन्न हो जाते हैं या अपनी जान तक से हाथ धोना पड़ जाते हैं, क्योंकि अनचाहा गर्भ किसी भी महिला के लिए मानसिक रूप से बहुत ही पीड़ादायक होता है जो अनचाहा गर्भ का दंश झेल रही महिला को सामाजिक,आर्थिक,शारीरिक पानी के साथ साथ
अनचाहा गर्भ के आर्थिक प्रभाव:-
जिस प्रकार unwanted pregnancy/ अनचाहा गर्भ का प्रभाव किसी भी महिला की सामाजिक एवं मानसिक स्थिति पर पड़ता है, उसी प्रकार अनचाहा गर्भ का प्रभाव सीधा सीधा उसकी आर्थिक स्थिति के ऊपर भी पड़ता है, क्योंकि अनवांटेड प्रेगनेंसी को तथा उससे होने वाली परेशानियों को समाप्त करने के लिए, डॉक्टर और हॉस्पिटल का सहारा लेना होता है, जहां पर गर्भपात कराने के लिए रुके और पैसों का इंतजाम करना भी आवश्यक होता है, सभी की स्थिति अच्छी नहीं होती कुछ लोगों को खराब स्थिति के चलते भी सामाजिक कलंक से बचने के लिए अनचाहा गर्भ को समाप्त करने के लिए कदम उठाने पड़ते हैं, क्योंकि कई परिस्थितियों में महिला अकेले पड़ जाती है तथा इस परिस्थिति से निपटने के लिए उसे सारा खर्च स्वयं ही वहन करना पड़ता है, जिसके चलते महिला को सामाजिक, मानसिक, एवं शारीरिक हानि के साथ-साथ आर्थिक हानि भी सहन करनी पड़ती है।
अनचाहा गर्भ के शारीरिक प्रभाव:-
क्योंकि यह पूर्ण रूप से स्पष्ट है कि जो अनचाहा गर्भ है वह हमारे आर्थिक शारीरिक सामाजिक एवं मानसिक स्थिति के बिल्कुल विपरीत है, अनचाहा गर्भ का सबसे अधिक प्रभाव शारीरिक रूप से होता है, क्योंकि जब इस गर्व का गर्भपात कराते हैं तो इसमें शारीरिक पीड़ा को झेलना पड़ता है, शारीरिक पीड़ा के साथ-साथ सामाजिक आर्थिक एवं मानसिक पीड़ा का दंश भी उस महिला को झेलना पड़ता है जो अनचाहा गर्भ से ग्रसित है, इतना ही नहीं यह कलंक उपरोक्त महिला के परिवार एवं सगे संबंधियों को भी शारीरिक मानसिक आर्थिक एवं सामाजिक हानि पहुंचाता है।
अनचाहा गर्भ धारण करने के कारण:-
अनचाहा गर्भ धारण करने के बहुत से कारण हैं, जब हम अनचाहा गर्भ ठहरने के कारणों के बारे में बात करते हैं, तो हम पाते हैं कि वैसे तो अनचाहा गर्भ ठहरने के बहुत से कारण हैं लेकिन सबसे प्रमुख कारण जो है वह है हमारी अज्ञानता एवं अशिक्षा, एक पुरानी कहावत है नीम हकीम खतरे में जान, जब हम डॉक्टर की बात को ध्यान से नहीं सुनते और उनको समझने की कोशिश नहीं करते तब इस तरह की दिक्कतें सामने आती हैं, जब डॉक्टर से में परिवार नियोजन के बारे में समझाते हैं, तो हम उनकी बात को पूरी तरह ध्यान देकर नहीं सुनते और अपने मनमाने तरीके से प्रयोग करने लगते हैं, यही वह समय होता है जिसके कारण हमें अनचाहा गर्भ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, आइए जानते हैं कुछ उन कारणों के विषय में जिनके चलते हम अनचाहा गर्भ जैसी समस्याओं में गिर जाते हैं।
अनचाहा गर्भ के प्रति लापरवाही या अज्ञानता:-
जब हम अनचाहा गर्भ के प्रति अज्ञानता की बात करते हैं तो हम पाते हैं कि महिलाएं अक्सर अपने शरीर से अनजान होती हैं और यह नहीं जानती हैं कि कौन से समय में योन संबंध स्थापित करने से गर्भ ठहर सकता है। खासकर किशोरावस्था में यदि यौन क्रिया और उसके परिणामों के बारे में पर्याप्त जानकारी का अभाव हो, तो यह गर्भधारण का एक प्रमुख कारण बन जाता है। क्योंकि यौन सुख पाने के लिए हम गर्भधारण करने के सही समय को भी जान नहीं पाते एवं गर्भनिरोधक साधनों का प्रयोग न करने के कारण अनचाहा गर्भ के खतरे में खुद को डाल देते हैं।
अनचाहा गर्भ में असुरक्षित दिनों की जानकारी का अभाव:-
अनचाहा गर्भ धारण उस समय होता है जब आप निषेचन अवधि का हिसाब ठीक प्रकार से नहीं लगा पाती। जिसके कारण अनचाहा गर्भ की समस्या का सामना करना पड़ जाता है, प्रत्येक महिला को चाहिए कि वह सुरक्षित यौन क्रिया करने के उन दिनों का विशेष ध्यान रखें जिन दिनों में निषेचन क्रिया संवेदनशील होती है जिसके चलते असमय अनचाहा गर्भ धारण करने की समस्या का सामना करना पड़ता है, अतः इस समस्या के निवारण हेतु हमें गर्भधारण करने के उन दिनों की विशेष जानकारी रखनी होगी।
अनचाहा गर्भ के लिए जिम्मेदार है गर्भनिरोधक दवाइयों का गलत उपयोग:-
यदि कोई महिला किसी गर्भनिरोधक के लिए, दिए गए निर्देशों का पालन पूर्ण रूप से नहीं करती हैं, तो यह अनचाहा गर्भ ठहरने के लिए बड़ी गलती साबित हो सकती है। यदि आप अपनी मर्ज़ी से गर्भ निरोधक का उपयोग कर रही हैं, तो गोलियां हर रोज़ एक ही समय पर लेना महत्त्वपूर्ण है, इससे गर्भधारण की संभावना न्यूनतम हो जाती है। इसी प्रकार, एक गर्भाशय ग्रीवा कैप या डायाफ्राम का उपयोग करके यह सुनिश्चित करें कि संभोग से पहले गर्भाशय ग्रीवा पूरी तरह से ढकी हुई हो। जितने भी गर्भनिरोधक है उन सभी में निश्चित रूप से कंडोम सबसे अधिक विश्वसनीय माना जाता है। लेकिन आपके साथी को यह सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक है कि इसका उपयोग ठीक से किया जाए। कंडोम का फटना अनचाहा गर्भ के लिए प्रमुख कारण है।
अनचाहा गर्भ के लिए जिम्मेदार अकस्मात योन संबंध का बनाना:-
अनचाहा गर्भ धारण होने का एक प्रमुख कारण बिना पूर्व की तैयारी के यौन संबंध स्थापित करना भी है, क्योंकि जो यौन संबंध पहले की तैयारियों के आधार पर बनाए जाते हैं, उनमें गलतियां होने की संभावनाएं बहुत ही कम होती है, लेकिन जो यौन संबंध एकाएक बिना किसी तैयारी के बना लिए जाते हैं वह संबंध असुरक्षित होते हैं, जिसके चलते जरूरी गर्भनिरोधक कंडोम जैसे उपायों को नहीं किया जाता, और अनचाहा गर्भ ठहरने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं।
अनचाहा गर्भ के कारण यौन शोषण या बलात्कार:-
यौन शोषण या बलात्कार भी अनचाहा गर्भ ठहरने के प्रमुख कारण हैं, यदि किसी महिला या लड़की के साथ यौन शोषण या बलात्कार जैसी घटनाएं होती हैं, तो ऐसी परिस्थिति में अनचाहा गर्भ रह जाने की संभावनाएं बहुत ही प्रबल होती है, अनचाहा गर्भ के साथ-साथ यहां योन संबंधी कई खतरनाक HIV/AIDS जैसी बीमारियां होने की संभावनाएं भी बहुत अधिक होती हैं। बलात्कार एक बहुत ही घृणित अपराध है, जो किसी महिला को शारीरिक पीड़ा के साथ-साथ मानसिक पीड़ा भी देता है, हमें इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए तथा हमारे देश में बलात्कार को लेकर कठोर कानून की मांग करना हम सभी का दायित्व है।
अनचाहा गर्भ आधुनिकता की देन:-
आधुनिकता की अंधी दौड़ में आज की युवा पीढ़ी कुछ इस तरह से दौड़ रही है, की इस दौड़ में ना वह अपने भविष्य को देख रही है नहीं अपने मानसिक और शारीरिक नुकसान का अंदाजा ही लगा पा रही हैं। आज हर तरफ विलासिता का दौर है, टीवी,इंटरनेट, फिल्मों और वेब सीरीज के माध्यम से जहां देखिए वहां पर सेक्स परोसा जा रहा है, जिसको देखने के बाद हमारे किशोर और युवा सेक्स के लिए लालायित होते हैं, और इस यौन सुख को पाने के लिए वह अपने भविष्य एवं वर्तमान दोनों ही को दांव पर लगा देते हैं, कुछ पलों के सेक्स सुख के लिए असुरक्षित यौन संबंध बनाकर कई गंभीर बीमारियां एवं अनचाहा गर्भ जैसी परेशानियों में गिर जाते हैं, अनचाहा गर्भ जैसी समस्याएं और HIV/AIDS जैसी गंभीर बीमारियों के चलते कई युवा लड़के एवं लड़कियां अपनी जान गवा देते हैं।
2. गर्भपात कराने के जोखिम:-
गर्भपात कराने से पहले गर्भपात के दौरान या गर्भपात के बाद होने वाली परेशानियां एवं जोखिम के बारे में जान लेना भी बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि जो महिला गर्भपात कराती है, उसे इन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि गर्भपात कराना एक जोखिम पूर्ण कार्य है, जिसके कारण गर्भपात कराने वाली महिला को बहुत अधिक परेशानियां हो सकती है, शरीर में कई प्रकार के संक्रमण हो सकते हैं, तथा गर्भपात कराने वाली महिला की जान भी जा सकती है,
* गर्भपात कराने के दौरान अत्याधिक खून का बहना, कोई असाधारण बात नहीं है, जो महिला गर्भपात करा रही है उसको यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि इस दौरान ब्लीडिंग या रक्त स्राव की मात्रा अधिक हो सकती है, जिसका प्रभाव सीधा उसके स्वास्थ्य के ऊपर पड़ने वाला है।
* गर्भपात कराने के दौरान लगने वाले इंजेक्शन से गर्भाशय को नुकसान हो सकता है, तथा गर्भपात के बाद कई बार भविष्य में गर्भधारण करने की क्षमता भी नष्ट हो जाती है।
* जो महिला अपना गर्भपात करा रही है उसको यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि गर्भपात कराने के दौरान उसके शरीर में लोहे और स्टील के औजारों का प्रयोग किया जाता है जिनके कारण आपके आंतरिक अंगों में संक्रमण हो सकता है।
* गर्भपात कराते समय तथा उसके बाद गर्भपात कराने वाली महिला को अत्यधिक एवं असहनीय दर्द और बाद में सूजन भी हो सकती है।
* गर्भपात कराने का एक दुष्प्रभाव यह भी हो सकता है कि आपके गर्भाशय में अत्यधिक संकुचन हो सकता है, जो भविष्य में आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
* गर्भपात कराने के दौरान सलाईन, माँ के रक्त प्रवाह में प्रवेश कर सकती है, जिसका परिणाम बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।
3. unwanted pregnancy से बचने के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियां*
अनचाहा गर्भ से बचने के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि यदि आप समझदार हैं और अपने स्वास्थ्य एवं अपने सामाजिक पृष्ठभूमि को लेकर चिंतित है तो अनचाहा गर्भ से बचने के लिए विभिन्न उपायों को अपनाकर सावधानी पूर्वक अपना जीवन जीना बहुत आवश्यक है।
* एक बात का विशेष ध्यान रखें कि यदि आप अब भी अपनी किशोरावस्था में हैं तो विवाह पूर्व संभोग से बचें। और तब तक प्रतीक्षा करें जब तक आप समझदारी के साथ अपनी और अपने आने वाले परिवार की ज़िम्मेदारी उठाने में सक्षम न हो जाएं।
* यदि आप अविवाहित हैं या अनचाहा गर्भ की समस्या से खुद को बचाना चाहती हैं और यौन सक्रिय होने का सोच रही हैं, तो गर्भनिरोधक के सभी उपलब्ध विकल्पों के साथ तैयार रहें।
* अनचाहा गर्भ की परेशानी से बचने के लिए आपको चाहिए कि आप अपने साथी को हर बार संभोग के लिए कंडोम का उपयोग करने को कहें क्योंकि कंडोम का प्रयोग गर्भनिरोधक के रूप में सबसे अधिक प्रभावशाली होता है लेकिन यदि आप कंडोम का प्रयोग नहीं कर रहे हैं तू ऐसी स्थिति में गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन परम आवश्यक है।
* यदि आप उपयोग होने वाले गर्भनिरोधक तरीकों के बारे में अनिश्चित हैं, तो एक आपातकालीन गर्भनिरोधक e-pil जैसी टेबलेट का उपयोग करें।
* e-pil, i-pil, एवं मॉर्निंग आफ्टर पिल का उपयोग केवल आपातकालीन परिस्थिति में ही करें, क्योंकि यह दवा आपके हारमोंस को डिसबैलेंस कर सकती है जिसके भविष्य में बहुत ही नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं, स्वास्थ्य पर भी इन आकस्मिक गर्भनिरोधक दवाइयों का प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है।
3. unwanted pregnancy से बचने के लिए कुछ आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

जिनको अपनाकर आप अनचाहा गर्भ से एवं इसके होने वाले डर से खुद को सुरक्षित रख सकती हैं, यह उपाय जो आपकी रसोई से ही हो सकते हैं।
* गाजर के बीज-
असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने के बाद एक चम्मच गाजर के बीज को एक गिलास पानी में उबालकर स्वाद के लिए इसमें गुड भी मिला सकते हैं, यह नुस्खा 24 घंटे के अंदर अंदर अपना ना बहुत आवश्यक है सुबह शाम दिन में दो बार लगातार तीन दिनों तक पीना चाहिए। यह पूर्ण रूप से सुरक्षित एवं सफल गर्भनिरोधक उपाय हैं, महिला द्वारा यौन संबंध स्थापित करने के 24 घंटे के अंदर यह गाजर के बीज का काढ़ा पीने से महिला के अंदर जाने वाले स्पर्म गर्भाशय तक पहुंचने से पहले ही शरीर से बाहर निकल आते हैं।
* हल्दी पाउडर-
एक चम्मच हल्दी पाउडर दूध के साथ दिन में दो बार सुबह एवं शाम को लगातार तीन दिन तक पीने से अनचाहा गर्भ की परेशानी से छुटकारा मिलता है, असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने के बाद यह प्रयोग जितनी जल्दी शुरू कीजिए किया जाए उतना ही अच्छा है, दूध के साथ लिया गया हल्दी पाउडर अनचाहे गर्भ से सुरक्षित तो करता ही है साथ ही अवसरवादी संक्रमण से भी सुरक्षा करता है।
* अरंडी का तेल –
एक चम्मच अरंडी का तेल असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने के 24 घंटे के अंदर अंदर गर्म दूध के साथ सेवन करने से अनचाहा गर्भ की चिंता समाप्त हो जाती हैं, यह प्रयोग भी नियमित रूप से 3 दिन तक करें तो ज्यादा बेहतर है, वैसे तो यह प्रयोग एक बार में ही अपना काम कर देता है, लेकिन सुरक्षात्मक दृष्टि से इस प्रयोग को 3 दिन करना बहुत आवश्यक है।
* लॉन्ग का तेल –
असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने के 4 घंटे के अंदर अंदर दो बूंद लॉन्ग का तेल जीभ पर डालकर गर्म पानी या गर्म दूध का सेवन करें, यह प्रयोग हर 4 घंटे बाद दिन में 4 बार करें, वैसे तो 4 बार के प्रयोग में ही अनचाहा गर्भ नहीं आएगा लेकिन अधिक सावधानी हेतु दूसरे दिन भी इसका प्रयोग कर सकते है।
* अजवाइन –
क्योंकि अजवाइन की प्रकृति बहुत गर्म होती है इसलिए गर्भनिरोधक के तौर पर भी अजवाइन का प्रयोग आयुर्वेद में विशेष तौर पर माना गया है, असुरक्षित यौन संबंध के बाद अनचाहा गर्भ के डर से मुक्ति के लिए सुबह-शाम 2 दिन एक चम्मच अजवाइन का काढ़ा बनाकर चाय की तरह गर्म गर्म की चुस्की लेकर पिए, स्वाद के लिए इसमें गुड़ का प्रयोग कर सकते हैं।
* खूबकला-
एक चम्मच खूबकला में बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर गर्म दूध के साथ सेवन करने से अनचाहा गर्भ नहीं रह सकता, खूब कला का सेवन पूर्णता सुरक्षित है, अनचाहा गर्भ से मुक्ति देने के साथ-साथ शरीर में उपस्थित वायरल को भी नष्ट करता है, लेकिन याद रहे इसका प्रयोग असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने के 8 घंटे के अंदर अंदर कर लेना बहुत ही आवश्यक है, इसका प्रयोग दिन में 3 बार करें।
* अंजीर-
अंजीर बहुत ही गुणकारी औषधि है अनचाहा गर्भ से मुक्ति दिलाने में अंजीर आपके लिए बहुत ही सहायक सिद्ध हो सकती है, चार अंजीर सुबह के समय तथा चार अंजीर दोपहर के समय तथा चार अंजीर रात को सोने से पहले दिन में तीन बार गर्म दूध के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने के 4 से 8 घंटे के अंदर इसका प्रयोग आरंभ करें, यह एक सुरक्षित एवं असरदार औषधि होने के साथ-साथ आकस्मिक गर्भनिरोधक औषधि है,
* मिंट-
अनचाहा गर्भ की चिंता को करें तुरंत खत्म मिंट। पुदीने का तेल यदि इसे गर्म पानी के साथ दिन में तीन बार लिया जाए तो यह अनचाहा गर्भ से मुक्ति दिलाता है, एक मक्की के दाने के बराबर मिनट गर्म पानी के साथ दिन में तीन बार सेवन करें यह अनचाहा गर्भ ठहरने के जोखिम को खत्म करता है।
कंडोम?
हर बार यौन संबंध स्थापित करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि अनचाहा गर्भ की परेशानी से बचने के लिए हर बार कंडोम का इस्तेमाल करना बहुत आवश्यक है, कंडोम का इस्तेमाल करने से पहले इसके इस्तेमाल करने के तरीकों को भी अच्छे से समझ लेना चाहिए, क्योंकि संभोग के दौरान यदि कंडोम फट जाए तो अनचाहा गर्भ की परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है।
विशेष:-
अनचाहा गर्भ की परेशानी से बचने के लिए बेहतर है संयम बरतें, कंडोम जैसे गर्भनिरोधक उपायों पर विशेष ध्यान दें, असुरक्षित यौन संबंध अनचाहा गर्भ का जोखिम तो देते ही हैं, साथ ही यौन संचारित रोगों का जोखिम भी बढ़ा देते हैं, संयम और समझदारी ही आपकी समझदारी की पहचान है। वैसे तो ऊपर दिए गए गर्भनिरोधक उपाय आजमाए हुए हैं लेकिन किसी भी तरह के उपयोग के लिए एक बार प्रशिक्षित एवं अनुभवी वैद्य का परामर्श कर ले तो उचित रहेगा।