दालचीनी के फायदे जानने के साथ जानिए, इसकी विधि और किस प्रदेश में इसे किस नाम से जाना जाता है

दालचीनी के फायदे

दालचीनी के फायदे

*दालचीनी के फायदे*
हमारी रसोई में सब्जियों में प्रयोग होने वाली वस्तुएं, जिन्हें हम मसालों के नाम से जानते हैं, वास्तव में यह मसाले नहीं बल्कि औषधियां हैं, लोग इन्हें खाने में स्वाद के लिए प्रयोग करते हैं, जबकि एक केवल स्वाद के लिए ही प्रयोग नहीं की जाती, इनके अपने औषधीय गुण होते हैं, जो हमें शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। इन्हीं सभी औषधियों में से एक औषधि का नाम है दालचीनी, इस औषधि का प्रयोग भी स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी हम प्रतिदिन खाने में प्रयोग करते हैं, दालचीनी के औषधीय गुण हैं, जिन्हें हम सही,

मात्रा सही समय एवं सही जानकारी के आधार पर इस्तेमाल कर एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं, आयुर्वेद के अनुसार दालचीनी को प्रयोग करके हम कई असाध्य रोगों का निवारण कर सकते हैं, यदि हमें सही जानकारी है तो हम दालचीनी के माध्यम से उन असाध्य बीमारियों का इलाज कर सकते हैं फिर का इलाज मेडिकल साइंस के पास भी नहीं है । इसके लिए हमें जरूरत है यह जानने की है कि दालचीनी का प्रयोग हम किस तरह से किस रोग के लिए तथा किस समय पर कर सकते हैं?

दालचीनी के फायदे जानने से पहले आइए जान लेते हैं कि दालचीनी है क्या?

दालचीनी के फायदे

हमारी रसोई में प्रयोग होने वाली औषधि जिसे हम एक मसाले के रूप में पहचानते हैं, देखने में यह गहरे भूरे-पीले कलर की होती है, तथा इसका स्वाद तीखा एवं कसैला होता है, इसमें तेल जैसी सुगंध आती है, यह पेड़ की पतली छाल होती है, जिसे हम दालचीनी के नाम से पहचानते हैं। इसे चाय एवं सब्जियों के मसाले में प्रयोग किया जाता है,

इसकी पत्तियां बहुत पतली होती हैं एवं अरे सफेद रंग के फूल होते हैं। दालचीनी नामक औषधि का प्रयोग शरीर की आंतरिक एवं बाहरी सुंदरता एवं स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किया जाता है। दालचीनी को अलग-अलग क्षेत्रों एवं अलग-अलग देशों में भिन्न-भिन्न नामों से जाना एवं पहचाना जाता है, क्योंकि एक बहुमूल्य औषधि है जिसके प्रयोग से हम अपने स्वास्थ्य को पूरी तरह स्वस्थ रख सकते हैं, इसलिए हमें आवश्यकता है कि हम इसके विभिन्न नामों के बारे में भी चर्चा करें।

दालचीनी के फायदे जानने से पहले आइए जान लेते हैं किन किन क्षेत्रों में दालचीनी को किन किन नामों से पहचाना जाता है ।

* हिंदी में –
दालचीनी, दारुचीनी, दारचीनी।

* अंग्रेजी में दालचीनी का नाम –

ट्रु सिनैमोन (True Cinnamon), सीलोन सिनामोन (Ceylon Cinnamon)

* संस्कृत में दालचीनी का नाम –
त्वक्, स्वाद्वी, तनुत्वक्, दारुसिता, चोचम, वराङ्ग, भृङ्ग, उत्कट।

* उर्दू में दालचीनी का नाम –
दारचीनी ।

* उड़ीसा में –
दालोचीनी (Dalochini), दारूचीनी (Daruchini)।

* कन्नड़ भाषा में –
लवङ्ग चक्के (Lavanga chakke), तेजदालचीनी (TejaDalchini)

* गुजरात में –
दालचीनी (Dalchini), तज (Taj)।

* तमिल में दालचीनी को किस नाम से जाना जाता है —
Cinnamon in Tamil– लवंग पत्तै (Lavang Patta)।

* तेलुगु में –
लवंगमु (Lavangamu)

* बंगाल या बंगाली में –
दारुचीनी (Daruchini)।

* पंजाबी में दालचीनी का नाम–
दाचीनी (Dachini), किरफा (Kirfa)।

* मलयालम में –
एरिकोलम (Erikkolam), वरनम (Varanam)।
 
* मराठी या महाराष्ट्र में–
दालचीनी (Dalchini)

* नेपाल में –
दालचीनी (Daalchiinii), कुखीतगी (Kukhiitagi)

* अरब देशों में –
दारसीनी (Darsini), किर्फा (Qirfah), र्क्फाहेसेलेनीयाह (Qirfahesailaniyah)।

दालचीनी के फायदे जानने से पहले आइए जान लेते हैं, दालचीनी के उपजाऊ क्षेत्र, प्राचीन काल से पूरे विश्व में भारत को आयुर्वेदिक औषधियों का देश माना जाता है, जहां तक मसालों का सवाल है, पूरी दुनिया को मसाले सप्लाई करने वाला भारत एकमात्र देश है, जो सदियों से पूरे विश्व को मसाले देता आया है, भारत के दक्षिणी भाग एवं पश्चिमी भाग के समुद्र तटीय एवं निचले पहाड़ी नमी वाले क्षेत्रों में विशेष तौर पर कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, और केरल राज्यों में विभिन्न मसालों के साथ-साथ दालचीनी की खेती की जाती है,

दालचीनी के पेड़ की लंबाई 16 मीटर ऊंची तक हो जाती है, इसके पत्ते हल्के लाल रंग एवं हरे रंग मिश्रित होते हैं,यह काफी चमकीले भी होते हैं। जब हम इसके प्रयोग की बात करते हैं तो हम पाते हैं कि दालचीनी के पत्ते,छाल, जड़, तेल, फूल एवं बीज सभी का औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।

आइए जान लेते हैं, दालचीनी के फायदे

दालचीनी के फायदे

आयुर्वेद में दालचीनी का प्रयोग शरीर में जुकाम होने से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारियों के निवारण के लिए किया जाता है । आइए जानते हैं कुछ मुख्य रोगों के बारे में जिनके निवारण हेतु दालचीनी का प्रयोग किस प्रकार किया जाता है।

* अस्थमा रोग में दालचीनी के फायदे-   
   
अस्थमा रोग में दालचीनी का का प्रयोग बहुत ही कारगर सिद्ध होता है, क्योंकि अस्थमा रोग फेफड़ों में विकार उत्पन्न होने के बाद होता है, दालचीनी के प्रयोग से फेफड़ों को पूरी तरह शुद्ध किया जा सकता है, यही कारण है कि अस्थमा रोग में दालचीनी का प्रयोग बहुत ही सफल माना जाता है।प्रयोग विधि- 100 ग्राम दालचीनी पाउडर को 200 ग्राम गुड़ के साथ हल्की आंच पर पका कर पेस्ट बना लें, रात को सोते समय एक चम्मच बेस्ट दूध के साथ लेना चाहिए, नियमित रूप से मात्र 35 से 40 दिन में पुराने से पुराने अस्थमा को चमत्कारिक लाभ पहुंचाता है।

* TB या तपेदिक रोग में दालचीनी के फायदे –       
टीबी रोगी को यदि दालचीनी का आधा चम्मच पाउडर रात को सोते समय गुनगुने पानी के साथ दिया जाए तो कुछ ही दिनों में तपेदिक के मरीज की बलगम बनने पर कंट्रोल करता है, और भूख भी बढ़ाता है, तपेदिक के मरीज के लिए यह एक बहुत ही चमत्कारिक औषधि है। लेकिन याद रहे कि इसका इस्तेमाल गर्भवती औरत पर बिल्कुल ना करें।

* भूख बढ़ाने के लिए –       
जिन लोगों को भूख न लगने की शिकायत है उन लोगों के लिए दालचीनी का पाउडर 100 ग्राम।शुंठी चूर्ण 100 ग्राम।तथा हरी इलायची 100 ग्राम । सब को मिलाकर एक डब्बे में भरकर रख लें ।भोजन के पहले सुबह-शाम आधा चम्मच लेने से चमत्कारिक रूप से भूख बढ़ती है।

* दांत रोगों एवं पायरिया के लिए दालचीनी – 
       
यदि किसी के दांतों में दर्द रहता है तो उसके लिए दालचीनी का प्रयोग सर्वोत्तम औषधि हैं, दांत दर्द के लिए सेकंड ओ में आराम पाने हेतु दालचीनी के तेल को दर्द हो रहे दांत पर लगाने से दांत का दर्द कुछ ही सेकंड में ठीक हो जाता है। जिन लोगों के दांत में पायरिया लगा हुआ है उन्हें दालचीनी पाउडर को उंगली की सहायता से सुबह ब्रश करने के बाद और शाम को सोते समय धीरे-धीरे दांतो के ऊपर मसाज करनी चाहिए, आप देखेंगे कुछ ही दिनों में पायरिया के शिकायत खत्म हो जाएगी ।

* खांसी निवारण हेतु दालचीनी का प्रयोग –       
जिन व्यक्तियों के खासी कई प्रकार के इलाज करने के बाद भी ठीक नहीं हो पा रही, उन लोगों को चाहिए कि वे खांसी से छुटकारा पाने के लिए दालचीनी का उपयोग जरूर करें क्योंकि दालचीनी में भी गुण होते हैं जो बदलते हुए मौसम के कारण पैदा हुई एलर्जी एवं बैक्टीरियल इनफेक्शन को खत्म करने में बहुत ही सहायक सिद्ध होते हैं ,एक चम्मच दालचीनी पाउडर में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह शाम चाटने से खांसी की शिकायत पूरी तरह दूर हो जाती है ।

* मोटापा दूर करने के लिए करें दालचीनी का सेवन – 
     
जिन व्यक्तियों के शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ी हुई है, उन लोगों को चाहिए कि वह आज ही से दालचीनी का प्रयोग शुरु कर दें, क्योंकि दालचीनी के औषधीय गुण, शरीर में जमा हुई अनावश्यक चर्बी को खत्म करके एनर्जी के रूप में बदल देते हैं, वजन कम करने के लिए एक चम्मच दालचीनी का मोटा पाउडर रात के समय 2 गिलास पानी में भिगोकर रख दें सुबह उठकर इस पानी को अच्छी तरह से गर्म करके फिर गुनगुना धीरे-धीरे, सीप-सीप करके पिए, 2 से 3 दिन में ही आपको फर्क महसूस होने लगेगा ।

* पेचिश के लिए लाभदायक दालचीनी –       
4 ग्राम दालचीनी, तथा 10 ग्राम कत्था को मिलाकर पीस लें। इसमे 250 मिली खौलते हुए पानी में डालकर ढक दें। दो घंटे बाद इसे छानकर दो हिस्से करके पिएं। इससे दस्त कुछ ही समय में बन्द हो जाते हैं। इस न्यूज़ को को लेने के लगभग 15 मिनट बाद ताजा दही जरूर खानी चाहिए ।

* चर्म रोग में लाभदायक दालचीनी –   
     
शरीर पर चर्म रोग खारिश या खुजली होने पर दालचीनी का उपयोग करना लाभदायक होता है, दालचीनी पाउडर में बराबर मात्रा में शहद मिला लें इस शहर को उपस्थित चर्म रोग के ऊपर लगाने से, कुछ ही समय में चर्म रोग की समस्या दूर हो जाती है ।

* बुखार में लाभदायक औषधि दालचीनी –       
कितना भी तेज बुखार हो उसे पूरी तरह ठीक करने के लिए दालचीनी पाउडर आधा चम्मच, खूब कला आधा चम्मच गर्म दूध के साथ दिन में तीन बार लेने से मात्र 15 से 20 मिनट में बुखार ठीक हो जाता है, लेकिन बुखार को पूरी तरह से ठीक करने के लिए, यह प्रयोग लगातार तीन दिन तक करना बहुत आवश्यक है ।

* कानों की परेशानी अथवा बहरापन मैं दालचीनी का उपयोग – 
       
जिन लोगों में कानों की परेशानी है अथवा सुनाई कम देता है, उन लोगों को चाहिए कि वह एक बार दालचीनी पर भी भरोसा करें, दालचीनी का तेल एक एक बूंद रात को सोते समय कान में जरूर डालें, आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में यदि कान के परदे में फटे हुए हो तो, ना सुनने की परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा ।

* अंदरूनी रक्तस्राव में दालचीनी का प्रयोग –   
यदि किसी व्यक्ति के फेफड़ों या गर्भाशय से रक्तस्राव हो रहा है तो उनको चाहिए कि वह दालचीनी का 20 मिली काढ़ा सुबह, दोपहर तथा शाम पीए इसके पीने से बहुत लाभ पहुंचता है। शरीर के अंदर किसी भी प्रकार का रक्त श्राव हो रहा है तो उसमें यह बहुत ही लाभ पहुंचाता है।

* गठिया बाई में फायदेमंद है दालचीनी का पेस्ट –         
एक चम्मच दालचीनी पाउडर, एक चम्मच शहद और इसका चौथाई भाग चूना, सबको एक साथ मिलाकर पेस्ट बना ले, तथा इस पोस्ट को गठिया बाई के कारण हो रहे दर्द वाली जगह पर लगा कर कुछ देर धूप में जरूर बैठे, कुछ दिनों तक नियमित रूप से इस प्रयोग के कारण गठिया बाय का दर्द बिल्कुल खत्म हो जाता है।

* साइनस में लाभ पहुंचाता है दालचीनी –       
जिन व्यक्तियों को साइनस की प्रॉब्लम है उनको चाहिए कि रात को सोते समय एक बूंद दालचीनी के तेल की नाक में जरूर डालें इस प्रयोग के करने से आप पाएंगे के कुछ ही दिनों में साइनस की समस्या से आपको छुटकारा मिल रहा है ।

* पाचन क्रिया दुरुस्त करने हेतू दालचीनी का प्रयोग –         
पेट दर्द, सीने में जलन महसूस, एवं खाना पचने की समस्या होने पर आप दालचीनी, सौन्ठ, जीरा और इलायची बराबर मात्रा में लेकर इसे पीसकर गरम पानी के साथ लेने से वाचन संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती है ।

* कब्ज और गैस की समस्या समाप्त करता है दालचीनी –         
कब्ज और गैस की समस्या को खत्म करने के लिए करने के लिये दालचीनी के पत्तों का चूर्ण या काढा बनाकर लेना चाहिए । कब एवं गैस की समस्या मैं यह चमत्कारिक आराम पहुंचाती है ।

* महिलाओं के लिए विशेष औषधि –         
गर्भाशय में विकार और गनोरिया में दालचीनी का उपयोग किया जाना बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। प्रसव के बाद यदि दालचीनी का छोटा टुकडा रोजाना चबाया जाए तो इससे जल्द गर्भधारण की समस्या को दूर किया जा सकता हैं। दालचीनी के सेवन से दूध पिलाने वाली माता के स्तनों का दूध बढ़ता है।गर्भाशय का संकुचन शीघ्रअतिशीघ्र होता है।

* खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए करे दालचीनी का प्रयोग –   
   
दालचीनी के पत्तों का प्रयोग, छाल का प्रयोग, एवं तेल का प्रयोग खाना, चाय, केक एवं मिठाइयों के बनाने में भी किया जाता है। यह खाने का स्वाद तो बढ़ाता ही है, साथ-साथ औषधीय गुण भी प्रदान करता है।
     
Note-: दालचीनी का तेल सुगंध के लिए, मिठाई और पेय में उपयोग किया जाता है।

* वीर्य वृद्धि करने हेतु –     
दालचीनी का प्रयोग वीर्य को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है, यदि एक चम्मच दालचीनी पाउडर शाम के समय खाली पेट दूध के साथ नियमित रूप से लिया जाता है, तो यह वीर्य वृद्धि करने के साथ-साथ शीघ्रपतन की समस्या को भी ठीक करता है ।

दालचीनी के फायदे के साथ चलिए, दालचीनी के नुकसान भी जान लेते है,

दालचीनी के नुकसान

* गर्भवती महिला के लिए दालचीनी का प्रयोग – 
गर्भवती महिला के लिए दालचीनी का प्रयोग निषेध है क्योंकि गर्भवती महिलाएं यदि दालचीनी का प्रयोग करती है तो, इससे गर्भ के क्षीण होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती है ।

* दालचीनी गर्म प्रवृत्ति की औषधि है ,इसलिये गर्मी के दिनो में इसका उपयोग कम करने की सलाह दी जाती है।

* दालचीनी से पित्त बढ सकता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि जिन लोगों को काफी बढ़ा हुआ है वह व्यक्ति इसका इस्तेमाल बिल्कुल ना करें।

* जिन लोगों का ब्लड प्रेशर हाई है उन लोगों को इसका इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेद के अच्छे डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।