सफेद बालों का उपचार, यानि कैसे आप अपने बालों को काला कर सकते है, बिलकुल घरेलु इलाज, बिना किसी डॉक्टर की सहायता के?

सफेद बालों का उपचार जानने से पहले जाने, हमारे बाल सफ़ेद होते क्यों है, कारण क्या है?
सफेद बालों का उपचार के साथ चलिए जानते है, इसके बारे में, सफेद बाल यदि 40 की उम्र के बाद होते हैं, तो यह एक सामान्य प्रक्रिया है, और प्राकृतिक है, लेकिन आजकल देखने में मिल रहा है, कि छोटे-छोटे बच्चों के भी सर पर सफेद बाल दिखाई पड़ जाते हैं, इसका मूल कारण हमारी खराब जीवनशैली है, हमारे आहार में पोस्टिक आहार की कमी भी, इसकी एक बड़ी वजह है, आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में, अपने स्वास्थ्य का ध्यान न रखने के कारण शरीर में हार्मोन का डिसबैलेंस होना, और बहुत सारे डिप्रेशन और स्ट्रेस के कारण भी आज के दौर में सफेद बालों की समस्या अपने चरम पर है।
सफेद बालों की यह समस्या हमारी पर्सनालिटी को डाउन करती है को तो डाउन करती ही है साथ में हमारे मोरल को भी नुकसान पहुंचाती है। सफेद बालों की समस्या से बचने के लिए हम लोग अपने बालों में तरह-तरह के हिजाब और कलर का प्रयोग करते हैं जो केमिकल युक्त होते हैं, इन कलर शैंपू और रासायनिक मेहंदी की वजह से हमारे बाल बहुत ही तेजी के साथ सफेद होते चले जाते हैं। इन रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल करने के बाद हम देखते हैं कि बहुत कम समय में हमारे सारे बाल सफेद हो जाते हैं जिनके लिए हमें बार-बार अपने बालों में डाई करनी पड़ती है।विज्ञान की भाषा में कहें तो जब हमारे शरीर में बालों को रंग देने वाले अवयव मेलेनिन का उत्पादन धीमा या बंद हो जाता है तो बालों को मिलने वाले रंग के द्रव मैं कमी आ जाती है जिसके कारण बाल अपना रंग छोड़ने लगते हैं।
प्राय मनुष्य के बाल के बाल तीन चरणों में विकसित होते हैं, वह हैं एनाजेन, कैटिजन और टेलोजेन। एनाजेन के सक्रिय रहने पर बालों का विकास होता है, कैटिजन के अंतर्गत आमतौर पर बालों में कोई खास बदलाव नहीं होता, वह प्राकृतिक रूप से बढ़ते और टूटते रहते हैं। अब तीसरे चरण में देखे तो टेलोजेन के दौरान बाल अपनी सतह छोड़ने और टूटने भी लग जाते हैं। एनाजेन में बालों को सक्रिय रूप से प्राकृतिक रंग मिलता है, कैटिजन चरण के दौरान यह प्रक्रिया धीरे धीरे बंद हो जाती है, तथा टेलोजन के दौरान यह पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाती है। सफेद बालों की समस्या से बचने के लिए हमें सफेद बालों के होने के लक्षण एवं कारणों की जांच करना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है, आइए बात करते हैं सफेद बालों के होने की वजह के बारे में, जब हमारे सर, दाढ़ी, और मूछ में सफेद बाल होने लगे तो हमारे शरीर में कौन-कौन से लक्षण दिखाई देते हैं।
सफेद बालों का उपचार जानने से पहले जाने, इसके लक्षणों के बारे में?
* जब किसी व्यक्ति के काले बालों में कुछ एक दो बालों का रंग काले से लाल होने लगे तो समझ जाइए कि अब आप के बाल सफेद होने वाले हैं।
* काले बाल सफेद होने से पहले लाल रंग के हो जाते हैं जो धीरे-धीरे सफेद होते चले जाते हैं।
* सर में लगातार अत्याधिक रूसी का रहना भी बालों का सफेद हो जाने का एक लक्षण है।
* वैसे तो बरसात के मौसम में अक्सर बाल झड़ते हैं टूटते हैं लेकिन यदि बिना मौसम के किसी व्यक्ति के बाल झड़ने और टूटने लगे तो यह भी बालों मैं रोग होने को दर्शाता है।
* जब किसी व्यक्ति के बाल दो मुंहे हो जाते हैं तो समझ जाइए कि आपके बाल रोगी हो चुके हैं और यह अब सफेद होने वाले हैं।
* फास्ट फूड खाने की वजह से बालों के लिए आवश्यक मेले में की मात्रा शरीर में कम हो जाती है, फास्ट फूड भी हमारे बालों के सफेद होने के लिए अहम भूमिका निभाता है।
* नजले के कारण शरीर में खुश्की आ जाती है और सर में जगह जगह खुश्की की वजह से खुजली होने लगे तो समझ जाइए कि अब आपके बाल सफेद हो जाएंगे।
यदि हम बालों के सफेद होने के लक्षणों को ध्यान से देखें तथा उसके बारे में विचार करें, तो हम इनके सफेद होने के कारणों पर विचार करने के लिए मजबूर हो जाते हैं यदि हम बालों के सफेद होने के कारणों पर विचार करते हैं तो हम उम्र से पहले अपने बालों के सफेद होने को रोक सकते हैं। आइए विचार करते हैं बालों के सफेद होने के मुख्य कारणों के ऊपर जिनकी वजह से हमारे बाल उम्र से पहले ही सफेद होने लगते हैं, ताकि हम कारणों का पता लगाकर अपने बालों को उचित उपचार दे सके तथा समय से पूर्व ही बालों को सफेद होने से रोक सकें।
सफेद बालों होने वाले मुख्य कारण निम्न प्रकार हैं।
* खानपान और पोष्टिक भोजन की कमी के कारण हमारे बाल उम्र से पहले ही सफेद होने लगते हैं।
* भोजन में पौष्टिकता की अपेक्षा रासायनिक खादों का अधिक प्रयोग हमारे शरीर में मेलेनिन की मात्रा को कम कर देता है जिसके कारण हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।
* पानी के बदलने के कारण भी बाल सफेद हो जाया करते हैं।
* नजला हमारे शरीर के किस अंग पर अपना असर छोड़ता है शरीर का वह अंग संक्रमित हो जाता है, देखने में आया है कि नजला विशेष तौर पर आंखों का नो और बालों के ऊपर सबसे ज्यादा अपना सर छोड़ता है जिसके कारण हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।
* विटामिन सी, विटामिन ई, और विटामिन B12 की कमी से भी बालों का रंग उम्र से पहले ही सफेद हो जाया करता है।
* अनावश्यक ही रासायनिक रंग जिन्हें हम बालों बालों को रंगीन करने के लिए करते हैं, वे सभी रासायनिक रंग अपना दुष्प्रभाव बालों के ऊपर छोड़ते हैं और बालों का रंग सफेद होने लगता है।
* स्ट्रेस और तनाव भी इसकी एक अहम वजह मानी जाती है।
* यदि किसी व्यक्ति को कोई लंबी बीमारी है या कोई गंभीर रोग है जिसकी वजह से शरीर के बालों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और वह कम ही उम्र में सफेद होने लगते हैं।
* बहुत अधिक दवाइयों के सेवन से भी यह समस्या सामने आती है।
* थायराइड रोग भी हमारे बालों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है जो बालों को कम ही उम्र में सफेद कर देता है।
सफेद बालों के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार।

1- आंवला :-
बालों के हर प्रकार के रोग के लिए आंवला एक आदर्श अवधि मानी जाती है, नियमित रूप से आंवले का सेवन बालों को सभी प्रकार के रोग से बचाता है एवं उम्र से पहले बालों को सफेद भी नहीं होने देता।
2- महा भृंगराज :-
महा भृंगराज के पौधे की पत्तियों एवं टहनियों को पानी में उबाल लीजिए पानी को छानकर मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर इससे सर को धोए, शुरू में लगातार 15 दिन सिर धोना चाहिए, फिर इसके बाद 2 सप्ताह तक सप्ताह में दो बार सर धोए, फिर उसके बाद हमेशा 8 दिन में एक बार इस औषधि से सर को धोए।
3- तेल मिश्रण :-
आंवला का तेल कड़ी पत्ता बीजों का तेल जैतून का तेलबराबर मात्रा में तीनों तेलों का मिश्रण बना लें, सुबह के समय नहाने के बाद, और रात को सोने से पहले सर में हल्की सी मालिश करके नियमित रूप से लगाएं। यह तेल मिश्रण बहुत ही गुणकारी है बालों के टूटने झड़ने एवं उम्र से पहले सफेद होने की समस्या को जड़ से खत्म करता है।
4- आयुर्वेदिक तेल :-
एक कांच का बड़ा बोतल ले लीजिए इसमें निम्नलिखित औषधियों को मिलाकर 3 महीने तक रखा रहने दें, i- आंवला, 100 ग्राम (काटकर)ii- कच्ची हल्दी 100 ग्राम (काटकर)iii- प्याज, 100 ग्राम (काटकर)iv- कड़ी पत्ता, 100 ग्राम (काटकर)v- मेथी दाना, 100 ग्राम vi- शुद्ध कपूर, 20 ग्राम vii- जैतून का तेल, 100 ग्राम viii- आंवला का तेल, 100 ग्राम ix- नीम का तेल, 100 ग्राम x- नारियल तेल, 100 ग्राम 3 महीने के बाद इसको छान लीजिए इससे जो तेल प्राप्त होगा उसमें 20 ग्राम पिपरमिंट मिला लीजिए, इसको रोजाना बालों में लगाने से बाल घने सुंदर मोटे हो जाएंगे, यह विशेष तेल सर के बालों को उम्र से पहले सफेद भी नहीं होने देगा।
5- बथुआ :-
बथुआ का प्रयोग बालों के लिए रामबाण औषधि है, बथुआ के खाने से एवं बथुआ को उबालकर इसके पानी से सर्द होने पर बड़ों के सभी रोग समाप्त होते हैं। बच्चे के इस्तेमाल से सरकी रूसी खत्म होती है, बालों का झड़ना एवं टूटना कम होता है, उम्र से पहले बालों का सफेद होना बंद हो जाता है।
6- कलौंजी के बीज :-
सौ ग्राम कलौंजी के बीजों को मोटा- मोटा पीसकर 200 ग्राम जैतून के तेल में मिलाकर 1 सप्ताह धूप में रख दें, 1 सप्ताह बाद रात को सोते समय इस तेल की बालों की जड़ों में मालिश करने से बालों का रंग फिर से काला होने लगता है।
7- नारियल तेल और मेहंदी :-
200 ग्राम नारियल के तेल में 100 ग्राम मेहंदी के हरे पत्ते मिलाकर आज पर थोड़ी देर गर्म करने के बाद 15 दिन के लिए रख दे, 15 दिन बाद सुबह शाम सर में लगाने से बालों का रंग फिर से बदल कर काला होने लगता है।
8- 100 ग्राम सरसों के तेल में 50 ग्राम आंवले का पाउडर मिलाकर रख दें, 8 दिन बाद इस तेल को छान लें फिर सुबह शाम यह तेल सर में लगाने से बालों का रंग काला हो जाता है।
9- मेहंदी :-
शुद्ध मेहंदी पाउडर ले और इसमें मेहंदी पाउडर की मात्रा का आधा आंवले का पाउडर मिला लें इसे पानी में घोलकर लोहे के बर्तन में 1 घंटे तक रखा रहने दें, फिर यह पेस्ट बालों में लगा लीजिए सूख जाने के बाद सिर को धोकर सरसों के तेल की मालिश कर लीजिए, आपके बाल प्राकृतिक काले नजर आने लगेंगे।
10- पोस्टिक आहार :-
सफेद बालों का बढ़ना रोकने के लिए अपने पोस्टिक आहार ओं के साथ विटामिन सी और विटामिन ई युक्त भोजन का अधिक प्रयोग करें।
11- प्याज :-
सफेद प्याज का रस निकालकर नहाने से एक घंटा पहले सर में लगा ले फिर नहाते समय सर को मुल्तानी मिट्टी से धोए, बालों का सफेद होना वहीं पर रुक जाता है, आंवले को खाने के रूप में प्रयोग करें सर के बाल वापस काले होने शुरू हो जाएंगे।