माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज, एक दम फ्री होने के साथ- साथ घरेलु और आयुर्वेदिक इलाज, हिंदी में?

माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज

माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज, के साथ यह क्या है, कैसे होता है, कब होता है

माइग्रेन का आयुर्वेदिक इलाज, के साथ जानिए इसके परिचय, माइग्रेन को हिंदी में मुख्यतः “आधासीस” का दर्द बोला जाता है जो सर के आधे हिस्से में होता है यह धीरे-धीरे शुरू होकर बाद में आधे सर में बहुत तेजी के साथ होता है जो 3 घंटे से लेकर 48 घंटे तक रहता है। माइग्रेन में जी का मिचलाना , कभी-कभी उल्टी लगना  और अधिक रोशनी ओर ध्वनि ने यह तीव्र हो जता है। इसके आक्रमण की अवधि कुछ घंटों से लेकर कई दिनों की हो सकती है। किसी परेशानी वाली बात को लगातार सोचते रहने पर माइग्रेन होने की संभावना बढ़ जाती है,  लेकिन ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है,

कि माइग्रेन अनुवांशिक होता है। माइग्रेन भी मुख्य तौर पर दो तरह के होते हैं।  माइग्रेन ओर क्लासिक माइग्रेन। क्लासिक माइग्रेन के बहुत सारे लक्षण ऐसे होते हैं, जो परस्पर संकेत देते हैं कि आपको माइग्रेन का दौरा पड़ने वाला है, जैसे सिर दर्द होने से पहले की शुरुआत से पहले धुंधला दिखना, गर्दन में जकड़न व जलन होना भी देखने को मिलते हैं। क्लासिक माइग्रेन की अवस्था में रक्तवाहिनियां सिकुड़ जाती है जिसके कारण आधे सर में तेज दर्द होने लगता है।  माइग्रेन का दर्द पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है विशेष तौर पर कामकाजी महिलाओं में, जानकारों का मानना है कि माइग्रेन के दर्द का संबंध मेंटली स्ट्रेस से है, भारत में पिछले 20 सालों में माइग्रेन के पेशेंट्स में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। 

माइग्रेन के लक्षण

1. तेज रोशनी:-
माइग्रेन का एक लक्षण तेज रोशनी सहन ना होना भी है तेज रोशनी आंखों में चुभने लगती है जिसके कारण माइग्रेन का दर्द तीव्र हो जाता है। 

2. तेज ध्वनि:-
जब ध्वनि से इरिटेशन होने लगे तो समझ लीजिए कि माइग्रेन का दर्द शुरू होने वाला है जैसे-जैसे ध्वनि तेज होती है वैसे-वैसे माइग्रेन का दर्द बढ़ता चला जाता है। 

3. आंखों के सामने धुंधलापन:-
माइग्रेन शुरू होने से पहले आंखों के सामने धुंधलापन छाने लगता है जिसके कारण देखने की क्षमता कम होने लगती है। 

4. टेढ़ी-मेढ़ी लाइने नजर आना :-
आंखों के सामने जिक जैक लाइने बनने लगती हैं। 

5. चिड़चिड़ापन :-
रोगी का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है जिसके कारण किसी से बात स्वभाव में चिड़चिड़ापन ला देता है। 

6. आधे सर में दर्द :-
माइग्रेन में आदेश सर में दर्द होना शुरू होता है तथा यह दर्द 3 घंटे से लेकर 3 दिन तक भी रह जाता है, वैसे इसका असर लगभग 8 दिन तक रहता है। 

माइग्रेन के कारण  (Causes of Migraine)

1- माइग्रेन होने के कारण सर की मांसपेशियों की धमनियों का आकार बढ़ जाता है जिसके कारण सर में दर्द होने लगता है। 

2-हार्मोनल डिसबैलेंस :-                         
हार्मोनल डिसबैलेंस भी माइग्रेन होने का प्रमुख कारण है विशेष तौर पर महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल डिसबैलेंस हो जाने के कारण माइग्रेन की समस्या पैदा हो जाती है। 

3- अनियमित जीवन शैली:- 
हमारी जीवन शैली में कई प्रकार की अनियमितताओं के कारण हमारे खान पान का रूटीन स्थिर हो जाता है जो बहुत सारी बीमारियों को हमारे शरीर में जन्म देता है, जिनमें से माइग्रेन भी एक मुख्य रोग है। 

4- असंतुलित खाद्य पदार्थ :- 
हमारे खान पान का असंतुलन एवं खानपान की पौष्टिकता जैसे-बीयर, रेड वाइन, चॉकलेट, पनीर, एस्पार्टेम, मोनोसोडियम ग्लूटामेट और अधिक कैफीन का इस्तेमाल करने से भी माइग्रेन होता है

5- दिनचर्या:-         
हमारी दिनचर्या का भी हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है सही समय से जागना सही समय से सोना न होने के कारण माइग्रेन एवं डिप्रेशन जैसी न्यूरो संबंधित बीमारियों  को जन्म देता है जिनमें माइग्रेन भी एक रोग है। 

6-वातावरण :-           
माइग्रेन के लिए हमारा वातावरण भी जिम्मेदार है, तेज धूप, धुआं तेज ध्वनि, तेज परफ्यूम का इस्तेमाल तो कहीं बदबूदार कूड़ेदान आदि । 

माइग्रेन का आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार

आयुर्वेद में माइग्रेन का सटीक इलाज है, मेरे अपने अनुभव के आधार पर मैं दावे के साथ कह सकता हूं आयुर्वेद में माइग्रेन का शत-प्रतिशत ट्रीटमेंट है जो बहुत ही कम खर्चे वाला एवं बहुत ही आसान है माइग्रेन के इलाज के लिए न किसी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है ना किसी ने मकीम के पास हम अपने घर में ही रोजमर्रा में यूज होने वाली वस्तुओं से ही माइग्रेन का इलाज कर सकते हैं, जिनमें से कुछ औषधि जो हमारे घर में हमारे रसोई में प्रयोग होती हैं उन औषधियों के नाम एवं प्रयोग में यहां पर विस्तार से बता रहा हूं। 

1- कपूर :-           
जब आपको लगे कि आपको माइग्रेन का दर्द शुरू होने वाला है तो सरसों का कच्ची घानी वाला तेल ले उसमें थोड़ा सा कपूर मिलाकर एक शीशी में भरकर रख लें हर 5 मिनट बाद उसको लगातार सूंघते रहे, यह क्रिया 10 से 12 बार करनी चाहिए, माइग्रेन का दर्द जो होने वाला है वह वही का वही खत्म हो जाएगा। 

2- ठंडा पानी :-                 
यदि किसी को माइग्रेन का दर्द हो रहा है तो उसी वक्त  ठंडे पानी की टंकी खोल कर उसके नीचे सर रखकर बैठ जाए सर पर लगातार पानी गिरते रहना चाहिए, केवल 10 मिनट में माइग्रेन का दर्द ठीक हो जाएगा। 

3- पिपरमिंट :-                 
पिपरमिंट का इस्तेमाल माइग्रेन में रामबाण का काम करता है, माइग्रेन के समय पिपरमिंट को नारियल तेल में मिलाकर सर में लगाएं,  माथे पर लगाएं, और गर्दन एवं कंधों पर भी लगाएं 2 मिनट बाद ठंडे पानी से नहा ले, नहाते नहाते ही आपको माइग्रेन का दर्द छूमंतर हो जाएगा। 

4- सरसों का तेल :-                         
कच्ची गाने सरसों का तेल हर रोज सोते समय एक एक बूंद नाक में लगातार 30 दिन डालने से माइग्रेन का दर्द जड़ से खत्म हो जाता है। 

5- बेलपत्र :-               
4-5 बेल पत्र लेकर उनको घोट लीजिए फिर कपड़े से छानकर उनका रस निकाल लीजिए इस रस को कांच की शीशी में भरकर फ्रिज में लीजिए, जब माइग्रेन का दर्द हो रहा एक एक बूंद नाक के दोनों सुरों में डाल दीजिए, बस 5 मिनट में आपका माइग्रेन का दर्द छूमंतर हो जाएगा। 

6- मालकांगनी का तेल :-                           
माइग्रेन के लिए आयुर्वेद में दुनिया की सबसे बेहतरीन दवा मालकांगनी का तेल! मालकांगनी का तेल हर रोज रात को सोने से पहले एक-एक बूंद नाक में डाल लेनी चाहिए, यह क्रिया लगातार तीन महीनों तक करनी आवश्यक है, 3 महीने के बाद जिंदगी में कभी भी माइग्रेन का दर्द आपके नजदीक भी नहीं आ पाएगा। 

नोट :- अगला आर्टिकल हमारा मान कामिनी के तेल के ऊपर ही होगा जिसमें हम मालकांगनी के तेल के वह गुण आपको बताएंगे जो आज तक आपको किसी ने नहीं बताए होंगे।