निमोनिया का फ़ास्ट इलाज, दिखेगा रातो-रात असर, आयुर्वेदिक, और रामबाण उपाय?

निमोनिया का फ़ास्ट इलाज जानने के साथ जाने, यह क्या है
निमोनिया का फ़ास्ट इलाज जानने के साथ, जब हम निमोनिया के बारे में बात करते हैं, तो हमारे ध्यान में आती है, एक ऐसी बीमारी जिसके चलते, व्यक्ति की पसलियां चलने लगती है, सांस खिंच खिंच कर आने लगता है, शरीर में तेज बुखार हो जाता है,
और सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ होती है, शरीर में सुस्ती छा जाती है, कभी-कभी तो व्यक्ति बेहोश भी हो जाता है। निमोनिया की गंभीर परिस्थिति में इंसान के हाथ पैर नीले पड़ने लगते हैं, बुखार के बाद बहुत तेजी के साथ पसीना आता है। सामान्यतः निमोनिया सर्दी के मौसम में होता है,
लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यह गर्मी में भी हो जाता है, जैसे गर्मी में पसीने के कारण एकदम से गर्म ठंडी जगह में आ जाना, ठंडी जगह से एकदम से गर्मी के वातावरण में चले जाना, भी निमोनिया के कारण बन जाते हैं, सीधे शब्दों में कहा जाए तो निमोनिया फेफड़ों से संबंधित बीमारी है,
सर्दी या बुखार हो जाने के कारण निमोनिया के बैक्टीरिया से इंसान के फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं, व्यक्ति के शरीर के वायु छिद्रों में जगह-जगह मवाद इकट्ठा हो जाती है जिसके कारण इंसान को सांस लेने में बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है,
व्यक्ति जोर-जोर से सांस लेने लगता है और सांस लेते समय छाती से घररऱ घररऱ की आवाज आने लगती है, यह स्थिति सामान्य ना होकर बहुत ही असामान्य स्थिति होती है, यदि समय से इसके ऊपर ध्यान न दिया जाए तो इंसान को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, सामाजिक आर्थिक एवं मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ सकती है,
हमारे समाज में एक मित्र भी व्याप्त है कि निमोनिया केवल छोटे बच्चों को होता है जबकि ऐसा नहीं है निमोनिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन इसके सबसे ज्यादा शिकार 8 साल से कम उम्र के बच्चे या 7 साल से ऊपर की उम्र के वृद्ध होते हैं।
यदि हम भारत की बात करें तो केवल भारत में ही इसके संक्रमण के कारण प्रतिवर्ष एक लाख से ज्यादा बच्चे जिनकी उम्र 5 वर्ष से कम है मौत की नींद सो जाते हैं, यदि हम इसके संक्रमण की बात करें तो डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के तहत अकेले भारत में ही 5 करोड़ से ज्यादा लोग निमोनिया से संक्रमित हैं।
विशेष तौर पर सर्दी का मौसम बच्चों और वृद्धों के लिए निमोनिया के चलते हुए बहुत ही घातक माना जाता है, हमें जरूरत है कि सर्दी के मौसम में विशेष तौर पर अपने बच्चों और अपने वृद्ध माता-पिता ओं की विशेष देखभाल करें, क्योंकि यदि वे निमोनिया की चपेट में आ गए तो बहुत बड़ी हानि हो सकती है।
यदि हमें सही समय पर निमोनिया से बचना है तो हमें इसके लक्षणों के बारे में विस्तार से जानकारी होना बहुत जरूरी है, हमारे लिए यह जानना बहुत ज्यादा जरूरी है कि यदि निमोनिया है तो उसकी पहचान कैसे करें,
निमोनिया होने के लक्षण कौन-कौन से होते हैं और किस तरह से हम निमोनिया को पहचान सकते हैं। यदि हम निमोनिया को पहचान सके तभी हम इसके लिए उचित उपचार समय रहते कर सकते हैं।
निमोनिया का फ़ास्ट इलाज जानने के साथ जाने इसके लक्षणों के बारे में
* असामान्य रूप से तेजी के साथ सांस लेना।
* पसलियों का चलना।
* पसलियों से घरर- घरर की आवाज का आना।
* बहुत तेज बुखार आना।
* बुखार के बाद बहुत तेज पसीना आना।
* बहुत ज्यादा बलगम आना।
* सीने में दर्द रहना।
* फेफड़ों में दर्द और शुभम रहना।
* बहुत ज्यादा जुकाम होना।
* जुकाम के बावजूद भी बहुत तेज तेज से आवाज करते हुए सांस लेना।
* बहुत ज्यादा सर्दी के साथ बुखार एवं हाथों- पैरों का नीला पड़ जाना।
* बुखार के कारण बेहोशी हो जाना।
निमोनिया का फ़ास्ट इलाज जानने के साथ जाने, इसके संक्रमण के कारण?
जब हम निमोनिया संक्रमण के कारणों के बारे में बात करते हैं तो हमें याद आता है कि अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती गई हमारे लापरवाही हमारे स्वास्थ्य बिगड़ने का मुख्य कारण होते हैं, आइए बात करते हैं, कुछ मुख्य कारणों के बारे में जिनकी वजह से निमोनिया का संक्रमण हो जाता है।
* निमोनिया संक्रमण का सबसे मुख्य कारण होता है सर्दी का लगना, सर्दी जो प्राय सर या पैरों के द्वारा इंसान को लगती है, सर्दी के मौसम में ठीक प्रकार से अपने स्वास्थ्य का ध्यान ना रखना निमोनिया संक्रमण का कारण बनता है
* मुख्यतः वायरस, बैक्टीरिया, फंगस या परजीवी जीवों या अन्य जीवों से निमोनिया हो सकता है।
* यह एक अवसरवादी संक्रमण है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने के कारण लग सकता है।
* यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है तो उसे भी यह संक्रमण हो सकता है।
* विशेष तौर पर सर्दियों में बहुत ज्यादा बुखार होने पर निमोनिया के संक्रमण की स्थिति बनी रहती है।
* यदि किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा जुकाम रहता है या दमा की शिकायत रहती है तो ऐसे व्यक्ति को भी इसके संक्रमण का खतरा बना रहता है।
* हमारे फेफड़े अर्थात स्पंज में हवा लेने वाले छिद्रों में मवाद के भर जाने पर यह संक्रमण विकराल रूप धारण कर लेता है।
* विशेष तौर पर बच्चे और वृद्ध सर्दी के मौसम में इस संक्रमण का शिकार बन जाते हैं।
* सर या पैर के द्वारा लगी हुई सर्दी जब सीने तक पहुंच जाती है तो निमोनिया का संक्रमण हो जाता है।
* पौष्टिक आहार की कमी इसकी एक बड़ी वजह है।
* नियमित रूप से व्यायाम एवं प्राणायाम, और और सुना दी ना करना भी इसकी मुख्य वजह होती है।
निमोनिया के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार।

1- गोमूत्र :-
गोमूत्र एक ऐसी दिव्य औषधि है जो कुदरत ने हमें मुफ्त में दी है, लेकिन समस्या इस बात की है कि हम उसे प्रयोग में नहीं लाते, जो व्यक्ति नियमित रूप से एक कप सुबह खाली पेट ताजा गोमूत्र पीता है उसे 50 गंभीर बीमारियों का संक्रमण जीवन भर नहीं होता। जिस व्यक्ति को निमोनिया की शिकायत है वह नियमित रूप से गोमूत्र का सेवन करें इससे निमोनिया जड़ से खत्म हो जाएगा, लगातार तीन महीने सेवन करने से जीवन में कभी निमोनिया वापस लौटकर नहीं आएगा
2- दालचीनी और शहद :-
दालचीनी का पाउडर और शहद बराबर मात्रा में लेकर सुबह शाम चाटने से मात्र 3 दिन में निमोनिया खत्म हो जाता है।
3. निमोनिया नाशक तेल :-
तारपीन का तेल, मालकांगनी का तेल, बबूना का तेल, सफेद तेल और अलसी का तेल। इन पांचों तेलों को बराबर मात्रा में मिलाकर एक कांच की शीशी में भरकर रख लें, निमोनिया से पीड़ित बच्चा बूढ़ा जवान कोई भी इंसान यदि है तो रात को सोते समय आवश्यकतानुसार मिश्रित तेल की 10 बूंदे छाती एवं पसलियों पर लगाकर हल्की सी रुई की सिकाई कर के कपड़ा उठाकर रोगी को सुला दे, मात्र 3 दिन के प्रयोग से ही निमोनिया 100% ठीक हो जाएगा। नोट :- पंखा, कूलर या एसी ना चलाएं।
4- कलौंजी और शहद :-
एक चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच शहद मिलाकर रोगी को सुबह और रात को सोते समय गर्म दूध के साथ पिलाएं। यह निमोनिया के लिए रामबाण औषधि है।
5- अजवाइन और लॉन्ग :-
एक चम्मच अजवाइन, 5 लॉन्ग और स्वादानुसार गुड, एक गिलास पानी में उबालकर 2 दिन सुबह शाम मरीज को दें, मात्र दो ही दिन में निमोनिया से छुटकारा मिलेगा।
7- पीपली :-
एक पीपली (कूटकर) 10 मुनक्का एक गिलास दूध में उबालकर रात को सोते समय मात्र 5 दिन पीने से निमोनिया रोग खत्म हो जाता है।
8- खूबकला :-
एक चम्मच खूब कला गर्म दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से मात्र 5 दिनों में निमोनिया रोग जड़ से खत्म हो जाता है।
9- मेथी :-
एक चम्मच मेथी दाने को थोड़ा सा कूटकर एक गिलास पानी में धीमी आंच पर 5 मिनट उबालें, आ जा सुबह खाली पेट और आधा रात को सोते समय पीकर लेट जाएं। स्वादानुसार गुड मिला सकते हैं। यह प्रयोग 5 दिन से ज्यादा नहीं करना है। केवल 5 दिनों में निमोनिया को जड़ से खत्म कर देगा
10- अदरक और तुलसी के पत्ते :-
एक मुट्ठी तुलसी के पत्ते और 50 ग्राम अदरक कूटकर 100 ग्राम गुड़ में मिलाकर धीमी आंच पर पका लें, एक-एक चम्मच सुबह शाम दूध के साथ ले। यदि निमोनिया का उपचार समय रहते न किया जाए तो निमोनिया के भयंकर बीमारी के रूप में हमारे शरीर में बहुत सारी समस्याओं को जन्म देता है जिसके कारण हमारे फेफड़े खराब हो जाते हैं, जिससे हमें TB. दमा और फेफड़ों के कैंसर संबंधित रोग होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं। उचित यही है कि सही समय पर सही उपचार कर हम निमोनिया को जड़ से खत्म कर दे।