जुकाम के आयुर्वेदिक इलाज, के साथ ही यह भी जानना जरुरी है, की इसके बचाव क्या है, और यह है, क्या?

जुकाम के आयुर्वेदिक इलाज

जुकाम के आयुर्वेदिक इलाज, के साथ चलिए जानते है, यह होता क्यों है,

जुकाम नाक में होने वाला एक वायरल संक्रमण है, जो आमतौर पर ज्यादा गंभीर नहीं होता, इस दुनिया में जितने भी व्यक्ति हैं, सभी को कभी ना कभी जुकाम जरूर हुआ है, और यह होता ही है। इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है, जिसको जिंदगी में कभी जुखाम ना हुआ हो इसीलिए, इसे कॉमन कोल्ड के नाम से भी जाना जाता है, कॉमन कोल्ड यानी के सभी में होने वाली सर्दी, वैसे तो जुकाम होने के बाद में 3 से 8 दिन के बीच में, अपने आप ही ठीक हो जाता है,

लेकिन कभी-कभी यह लंबा भी चल जाता है। यदि किसी को जुकाम 8 दिन से ज्यादा है, तो यह फिर सोचने वाली बात हो जाती है, और इसके लिए उपचार करना भी जरूरी हो जाता है, वैसे 8 दिन तक जुकाम का कोई उपचार नहीं करना चाहिए, क्योंकि जुकाम हमारे शरीर में जब होता है, तो इसके जरिए हमारे शरीर के बहुत सारे टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं, जिसके कारण हमको बहुत सी बीमारियों के प्रोटक्शन भी मिलती है,

जैसे जिस इंसान को ज्यादा जुकाम रहता है, उसको कभी भी लीवर संबंधित कोई प्रॉब्लम नहीं होती कहने का मतलब है, यदि किसी इंसान को जुकाम बहुत कम होता है, तो उसको पीलिया होने की संभावनाएं बनी रहती हैं। जिस इंसान को जुकाम होता रहता है साल में दो या तीन बार उसको पीलिया की शिकायत होने के बहुत काम चांसेस होते हैं।  इसलिए दूसरे शब्दों में यह कहना भी गलत नहीं है, कि जुकाम एक बहुत जरूरी संक्रमण है, जो हमारे शरीर में एक निश्चित अंतराल के बाद होना जरूरी है। 

यदि किसी को 8 दिन से ज्यादा जुकाम का संक्रमण है, तो यह उसके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि अधिकता हर चीज की बुरी होती है, किसी को लगातार जुखाम रहता है, तो उसको दूसरे संक्रमण लगने के चांसेस बहुत ज्यादा बने रहते हैं, खास तौर पर अवसरवादी संक्रमण, क्योंकि हम नाक से सांस लेते हैं, और यदि लगातार किसी को जुकाम रहता है, तो उसकी नाक में दूसरे वायरस या बैक्टीरिया अटैक कर सकते हैं, जिसके कारण उसको बहुत सारी प्रॉब्लम हो सकती है।  ज्यादा दिन तक चला जो काम साइनस की समस्या पैदा करता है, जिसके कारण सांस लेने में परेशानी होती है जो फेफड़ों को प्रभावित करती हैं, आगे चलकर यह फेफड़ों का इन्फेक्शन बन सकता है, और व्यक्ति को अस्थमा या दमा होने की संभावनाएं प्रबल बनी रहती है। 

जुकाम के आयुर्वेदिक इलाज के साथ, जुकाम के लक्षण

जुकाम होने के लक्षण जुकाम होने से पहले ही दिखाई दे जाते हैं, जिनके ऊपर ज्यादातर व्यक्ति ध्यान नहीं देते,  जुखाम एक अवसरवादी खेलने वाला संक्रमण है जो एक इंसान से दूसरे इंसान में बहुत तेजी के साथ चला जाता है। आइए जानते हैं जुकाम होने के क्या क्या लक्षण हैं।
 
1- छींक के साथ नाक से पानी आना जुकाम का सबसे पहला लक्षण है। 

2- गले में अचानक खराब होता हो जाना

3- नाक का बंद हो जाना एवं नाक से पानी आना। 

4- गले में खराश के साथ-साथ खासी हो जाना। 

5- गले में ऐठन के साथ आवाज का भारीपन। 

6- हल्का हल्का सा बुखार में उस करना। 

7- शरीर का टूटना खुद को अस्वस्थ महसूस करना। 

8- सर और आंखों में दर्द होना। 

9- कान में दर्द और खुजली के साथ, साय-साय की आवाजें। 

10- सूंघने की शक्ति का कम हो जाना। 

11- हाथ और पैरों में दर्द होना। 

12- नाक और कान लाल हो जाना। 

13- नाक का बहना तथा आंखों से आंसू निकलना। 

14- सांस लेते समय नाक में जलन होना। 

15- खाने में स्वाद न आना। 

जुकाम के आयुर्वेदिक इलाज के साथ, जुकाम होने के कारण

1- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना जुकाम होने का सबसे प्रमुख कारण है। 

2- अक्सर देखा गया है कि मौसम बदलने पर व्यक्ति एहतियात नहीं भरता जिसके कारण सर्दी गर्मी का मिक्स होकर जुकाम हो जाता है। 

3- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण भी जुकाम का संक्रमण बहुत तेजी से लगता है। 

4- धूपिया गर्मी में चलने के बाद एकदम ठंडी वस्तुओं को खा लेने से भी जुकाम की शिकायत हो जाया करती हैं। 

5- जिस जगह बहुत ज्यादा नमी हूं यदि हम वहां पर कुछ समय बिताते हैं तो वहां नबी के कारण पनप रहे वायरल संक्रमण हमें संक्रमित कर देते हैं। 

6- प्रदूषित वातावरण भी इसका मुख्य कारण है। 

7- सर्दियां आने पर स्टोर में रखे हुए सर्दी के गर्म कपड़ों को बिना धूप लगाए पहन लेना भी इस संक्रमण का मुख्य कारण है। 

8- संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की हुई चीजों को इस्तेमाल करना भी इस संक्रमण को बढ़ावा देता है। 

9- बहुत ज्यादा ठंडे वातावरण अथवा बहुत कम तापमान के AC रूम में बैठने के बाद में अचानक जब हम तेज धूप में आते हैं तो भी हमें जुकाम की शिकायत हो जाती है। 

10- सर्दियों में ठंडे पेय पदार्थ पीना भी यह संक्रमण दे जाता है। 

जुकाम के आयुर्वेदिक उपचार?

वैसे तो यदि किसी व्यक्ति को जुकाम है तो वह है जो काम 3 से 8 दिन के अंदर अपने आप ही ठीक हो जाता है लेकिन यदि जुकाम 8 दिन से ज्यादा होता है तो उसके लिए दवाइयों की और उपचार की आवश्यकता होती है।  वैसे तो जुखाम अपने आप ही ठीक हो जाता है लेकिन यदि जुकाम अपने आप ठीक नहीं हो रहा तो हमें निम्न उपाय करने चाहिए, जुकाम होने के बाद हमें 3 से 5 दिन तक किसी भी तरह की कोई भी मेडिसिन बिल्कुल भी नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि जुकाम भी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है।  आइए जाने जुकाम के कुछ उपचार

1- पिपर मिंट:-
एक बूंद पिपरमिंट को चार बूंद नारियल के तेल में मिला लीजिए, इस मिश्रण को नाक के अंदर तथा नाक के ऊपर माथे पर और गले में लगाकर ठंडे पानी से नहा लीजिए।  मात्र दो बार नहाने से ही आपका जो काम 100% ठीक हो जाएगा। 

2- टंकण भस्म:-   
एक चने के दाने के बराबर टंकण भस्म पाउडर को आधा गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर गरारे करने से गले का संक्रमण ठीक होता है तथा दो से तीन बार गरारे करने से जुकाम बिल्कुल ठीक हो जाता है।
 
3- जल नेती:-   
जलनेति एक ऐसा उपचार है जो जुकाम को एक बार में ही बिल्कुल ठीक कर देता है। 

4- पिपरी और मुनक्का:- 
पिपरी और मुनक्का दूध में उबालकर पीने से जुकाम बिल्कुल ठीक हो जाता है। 

5- अदरक और हल्दी का काढ़ा:- 
पानी में अदरक और हल्दी का काढ़ा बनाकर पीने से भी यह संक्रमण ठीक हो जाता है  6- मुलेठी:-  मुलेठी पाउडर को शहद के साथ चाटने से जुकाम की शिकायत दूर हो जाती है। 

7- तुलसी:-   
तुलसी काली मिर्च और अदरक का काढा बनाकर पीने से इस संक्रमण का नाश होता है।
 
8- अजवाइन:-   
अजवाइन का तेल गर्म करके नाक और कान में डालने से जुकाम बिल्कुल ठीक हो जाता है। 

9- सरसों का तेल:-   
रात में सोते समय सरसों का तेल गर्म करके चार बूंद नाभि में डालकर सोने से सर्दी जुकाम बिल्कुल ठीक हो जाता है।
 
10- लॉन्ग और सेंधा नमक:-   
लॉन्ग और सेंधा नमक पीसकर कॉफी या चाय के साथ लेने से कोल्ड का संक्रमण समाप्त होता है।सर्दी जुकाम में सबसे अच्छी दवा बादाम की दो गिरी छिलके समेत चबाने से जुकाम ठीक हो जाता है