मलेरिया के लक्षण, कारण, और आयुर्वेदिक घरेलु इलाज के साथ जानिए, यह है क्या, हिंदी में! Maleriya ke lakshan, karan, or ayurvadic illaj hindi me!

यह क्या है!
Maleriya के लक्षण के साथ जानना जरुरी है, की यह क्या है, मलेरिया विश्व का सबसे प्राचीन रोग है, इसका प्रसार प्रोटोजोआ परजीवी के कारण होता है, जो मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। जिसके काटने से मलेरिया के परजीवी ज्योति की, रेड ब्लड सेल्स में घुस जाते हैं, और वहीं पर अपनी जनसंख्या का विस्तार करते हैं, इस परजीवी के संक्रमण के कारण शरीर में खून की कमी होने लगती है,
और रोगी एनीमिक हो जाता है, रोगी के सांस फूलने लगती है, चक्कर आने लगते हैं, बहुत अधिक सर्दी लगने लगती है, जुकाम हो जाता है, जी मिचलाने लगता है, उल्टी लगने लगती है, स्थिति भयावह तो तब होती है, जब इंसान को बेहोशी तक हो जाती है, कभी-कभी तो इंसान की मृत्यु भी हो जाती है।
इसकी गंभीरता को देखते हुए, सरकार ने इसके लिए अलग से विभाग सुनिश्चित कर दिया, हालांकि maleriya का पैसे में भी ट्रीटमेंट है, और आयुर्वेद में भी लेकिन, इस रोग की गंभीरता को देखते हुए, सरकार ने जरूरत समझी कि, इसके लिए अलग से विभाग गठित किया जाए, जो केवल मलेरिया पर ही काम करता है।
आइए बात करते हैं मलेरिया के लक्षण के बारे में :-
1-: मलेरिया फीवर में बहुत अधिक सर्दी लगती है।
2-: इसमें 4 से 6 घंटे तक बुखार रहता है।
3-: बुखार उतरने के तुरंत बाद बहुत ज्यादा पसीना आता है।
4-: इसमें बहुत ज्यादा घबराहट हो जाती है।
5-: जी मिचलाने लगता है।
6-: कभी-कभी तो उल्टी भी लग जाती है।
7-: पेट में बहुत ज्यादा जलन होती है।
8-: बहुत ज्यादा सर्दी के साथ कब तक ही छूटने लगती है।
9-: आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है।
10-: रोगी को चक्कर आने लगते हैं।
11-: कई बार मूर्छा भी आ जाती है।
12-: पेट में गंभीर दर्द होने लगता है।
13-: विशेष तौर पर किडनी में दर्द रहने लगता है, जिससे किडनी के डैमेज होने की संभावनाएं भी बन जाती है।
14-: मूत्र के साथ खून भी आ जाता है।
15-: लीवर के ऊपर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, तथा पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है।
16-: आंखों तथा सर में बहुत तेज दर्द होता है।
17-: शरीर पूरी तरह से टूटने लगता है।
18-: सास भी फूलने लगती है, गले में दर्द हो जाता है।
19-: मलेरिया दिमाग में भी चल जाता है, जिसके कारण मानसिक कमजोरी हो जाती है।
20-: रोगी के हाथ पैर कांपने लगते हैं, तथा जुबान भी लड़खड़ाने लगती हैं।
मलेरिया रोग होने के कारण:-
1-: मलेरिया रोग होने का सबसे बड़ा कारण मच्छर हैं
2-: हमारे कूलर, छत पर पड़े हुए खराब डब्बे आदि में पानी इकट्ठा हो जाने के कारण उनमें मलेरिया के पैरासाइट पैदा हो जाते हैं समाज में मलेरिया फैलाते हैं।
3-: मलेरिया एक प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवियों से फैलता है
4-: इस प्रोटोजोआ की प्रथम पोषक मादा एनोफ़िलीज़ मच्छर होती है, जो मलेरिया का संक्रमण फैलाने में सहायक होती है।
5-: मलेरिया का यह मच्छर रात के समय काटता है।
6-: मच्छरों के प्रति हमारी अनदेखी मलेरिया का कारण बनती है।
7-: समय-समय पर दवाइयों का छिड़काव न करना भी इसरो को बढ़ावा देता है।
8-: अपने घर एवं आसपास के साफ सफाई का ध्यान रखना इसरो की जड़ है।
9-: घर में मच्छरदानी या मच्छर से बचने के तरीकों का उपयोग ना करना हमारी लापरवाही को दर्शाता है।
10-: मलेरिया की शुरुआत में इसके लक्षणों पर ध्यान न देना इस रोक के अधिक फैलने का एक प्रमुख कारण है।
मलेरिया के आयुर्वेदिक उपचार:-

मलेरिया के रोकथाम के लिए, आयुर्वेद के यह नुस्खे बहुत ही कारगर हैं, जुलूस को के प्रयोग से हम मलेरिया को समय रहते, पूरी तरह से ठीक कर सकते हैं। आइए जानते हैं, आयुर्वेद के कुछ नुस्खों के बारे में जो मलेरिया के ऊपर सत प्रतिशत कारगर है।
1- तुलसी:-
15 से 20 तुलसी के पत्ते तथा 5 हरश्रृंगार के पत्ते कोट कर पेस्ट बना लें इसे शहद में मिलाकर चाटने से मलेरिया में चमत्कारिक फायदा पहुंचाती है।
2- गिलोय का तना:-
गिलोय का तना लगभग 6 इंच लंबा, इसको कूटकर, 50 ग्राम पुराना गुड मिलाकर एक गिलास पानी में उबालें जब पानी आधा रह जाए इसको छलनी से छान लें, हल्का गुनगुना दिन में तीन बार पिए।
3- शहद और पीपली:-
पीपली को कूटकर पाउडर बना लें दो चुटकी पाउडर में आधा चम्मच शहद मिलाकर इसको चाटे फिर गर्म गर्म एक गिलास दूध पी ले, यह क्लियर दिन में तीन बार होनी चाहिए। मलेरिया 1 दिन में ठीक हो जाएगा।
4- दालचीनी:-
दालचीनी पाउडर आधा चम्मच, सोंठ आधा चम्मच शहद में मिलाकर जीभ से चाटे, फिर गुनगुना दूध पी ले, दूध दूध को उबालते समय तुलसी के पत्ते जरूर डाल दीजिए। यह औषधि मलेरिया पर रामबाण का काम करती है।
5- गुड़:-
गुड़ की चाय भी मलेरिया रोगी के लिए बहुत लाभकारी होती है।
6- चिरायता:-
चिरायता और दालचीनी शहद मिलाकर चाटने से मलेरिया में बहुत आराम मिलता है।
7- फिटकरी:- फिटकरी को तवे पर भून कर, एक चुटकी फिटकरी पानी के साथ लेने से मलेरिया में बहुत आराम मिलता है।
8- धतूरा:-
धतूरा की तासीर गर्म होती है, जो मलेरिया के लिए बहुत ही फायदेमंद है। धतूरे की कोपल तोड़ लीजिए पुराने गुड़ के साथ इस को मिलाकर लगभग 10 ग्राम खाइए फिर गुनगुना दूध पी लीजिए मलेरिया लो रोग के लिए बहुत अच्छी औषधि का काम करती हैं।
9- हरसिंगार के पत्ते:-
हरसिंगार के 5 पत्तों को एक गिलास पानी में उबाल लीजिए इसमें थोड़ा सा पुराना गुड़ भी मिला लीजिए, गुना पीने से सर्दी तुरंत दूर होती है और बुखार में भी आराम मिलता है।
10- खूबकला:-
एक चम्मच खूब कला को दूध के साथ उबाले इसमें पांच से छह मुनक्का भी डालें, बिना छाने मरीज को पिला दे सुबह-शाम 3 दिन तक पिलाएं, मलेरिया को जड़ से खत्म कर देती है।
जिस तरह से हमने जाना, मलेरिया के लक्षण, कारण, इलाज, के बारे में, इन सबका उपयोग कर मलेरिया को बहुत आसानी से ठीक किया जा सकता है, जरूरत है समझदारी की और समय से उपचार समय से उचित उपचार की। मलेरिया बहुत खतरनाक बीमारी है लेकिन इसका इलाज भी उतना ही आसान है, यदि हम समय से मलेरिया का इलाज करें तो सब पूरी तरह ठीक कर सकते हैं।